केरल बाढ़ः रिलायंस फाउंडेशन ने CM रिलीफ फंड में दिए 21 करोड़, भेजी 50 करोड़ की राहत सामग्री
डेटा पैक की अवधि 7 दिन के लिए बढ़ाई
केरल ,23 अगस्त (इ खबरटुडे)। दक्षिण भारतीय राज्य केरल सौ सालों के सबसे भीषण प्राकृतिक त्रासदी से जूझ रहा है. तेज बारिश और बाढ़ के चलते प्रदेश में 373 लोगों की मौत हो गई है और करीब 10 लाख लोगों ने राहत शिविरों में शरण ली है. बाढ़ प्रभावित इस राज्य की मदद के लिए रिलायंस फाउंडेशन आगे आया है. फाउंडेशन ने केरल में कई स्तरों पर बचाव, राहत और पुनर्वास कार्यक्रम शुरू किया है. फाउंडेशन की तरफ से मुख्यमंत्री राहत कोष में 21 करोड़ रुपये दान किए जाएंगे. इसके साथ ही करीब 50 करो़ड़ की राहत सामग्री प्रदेश में भेजी जाएगी.
रिलायंस फाउंडेशन की चेयरपर्सन नीता अंबानी ने कहा, “केरल के हमारे भाई-बहन एक गंभीर समस्या से जूझ रहे हैं. ऐसे में एक जिम्मेदार कॉर्पोरेट फाउंडेशन और भारतीय होने के नाते हमारी जिम्मेदारी है कि हम बचाव, राहत और पुनर्वास के लिए प्रदेश की सहायता करें. रिलायंस फाउंडेशन अपनी तरफ से केरल मुख्यमंत्री राहत कोष में 21 करोड़ रुपये दे रहा है. इस मुश्किल घड़ी में रिलायंस फाउंडेशन केरल के साथ खड़ा है. प्रदेश में जब तक परिस्थितियां सामान्य नहीं हो जाती तब तक हम वहां काम करते रहेंगे.”
उन्होंने आगे कहा, “2013 में जब भूकंप और बाढ़ की वजह से उत्तराखंड में तबाही मची थी तब रिलायंस फाउंडेशन ने बेहद कम समय में अपने कर्मचारियों और कार्यकर्ताओं को वहां बचाव और राहत कार्य के लिए तैयार कर लिया था. हमारी टीम ने 2014 में जम्मू कश्मीर बाढ़, 2015 में नेपाल बाढ़, 2015 में तमिलनाडु बाढ़, 2015 में मुंबई बाढ़ और 2016 में मराठवाड़ में आए अकाल में तत्परता से काम किया है.
केरल में बचाव और राहत कार्य
– 14 अगस्त 2018 से रिलायंस फाउंडेशन की टीम छह सबसे प्रभावित जिलों एर्णाकुलम, वायानाड, अलप्पुझा, थ्रिशूर, इडुक्की और पाथनामथिट्टा में बचाव और राहत कार्य में जुटी हुई है.
-टीम रिलायंस फाउंडेशन इनफॉर्मेशन सर्विसेज (RFIS) का इस्तेमाल कर अस्थाई शेल्टर्स के मौसम और लोकेशन की जरूरी जानकारी अपडेट कर अपना सहयोग दे रही है. इसने प्रदेश आपदा अधिकारियों को टोल-फ्री हेल्पलाइन नंबर भी उपलब्ध करवाया है.
-रिलायंस फाउंडेशन ने 15 हजार प्रभावित परिवारों की पहचान की है, आने वाले दिनों में उन्हें सूखा राशन, बर्तन, रहने की जगह, जूते और कपड़े उपलब्ध कराए जाएंगे. सामग्री रिलायंस रिटेल की मदद से सप्लाई की जाएगी.
– रिलायंस रिटेल की तरफ से सरकार द्वारा संचालित 160 रिलीफ कैम्प्स में रेडी टू ईट फूड, ग्लूकोज और सैनिटरी नैप्किन उपलब्ध कराए गए हैं.
– करीब 2.6 मेट्रिक टन वजनी राहत सामग्री महाराष्ट्र सरकार को दी गई है. जिसे वायुमार्ग से केरल पहुंचाया जाएगा.
– केरल के बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए कपड़ों की 7.5 लाख जोड़ियां, 1.5 जोड़ी जूते-चप्पल और सूखा राशन भेजा जा रहा है.
– राहत कार्य के लिए रिलायंस रिटेल की तरफ से करीब 50 करोड़ का सामान दिया जा रहा है.
चिकित्सकीय सहायता
– तीन जिलों में मेडिकल कैम्पः रिलायंस फाउंडेशन मलयालम बोलने वाले डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ की मदद से तीन जिलों में कैम्प संचालित करेगा.
– राज्य सरकार को दवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी जिनका इस्तेमाल जिला प्रशासन की तरफ से किया जा सके.
– लाइव स्टॉक कैम्प्स
इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट और रिपेयर कार्य
– स्कूल-प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों का पुनर्निर्माण और रिपेयर- रिलायंस फाउंडेशन स्कूलों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में हुए नुकसान की पहचान कर रहा है. वह इन इमारतों के पुनर्निर्माण का काम करेगा.
– निर्माण सामग्रीः सार्वजनिक इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे स्कूल, कॉलेज और सड़कों के पुनर्निर्माण के लिए राज्य सरकार को सामग्री उपलब्ध कराएगा.
– रिलायंस फाउंडेशन निर्माण कार्य के लिए कुशल कारपेंटर, मिस्त्री और इलेक्ट्रिशियन कॉन्ट्रैक्टर भेजेगा.
– घर के सामानों को ठीक करने के लिए रिपेयर क्लिनिकः रिलायंस डिजिटल विभिन्न मैनुफैक्चरर्स से मिलकर रिपेयर क्लिनिक खोलने की तैयारी में है- इन क्लिनिक्स में बारिश से खराब हुए घरेलु उपकरणों के ठीक किया जाएगा.
रिलायंस जियो
– इस मुश्किल घड़ी में लोग अपने करीबियों से संपर्क में रह सकें इसलिए रिलायंस जियो ने अनलिमिटेड कॉल और डेटा पैक की अवधि 7 दिन के लिए बढ़ाई है.
– जियो ने इडुक्की और एर्णाकुलम में 100 एमबीपीएस बैंडविथ एक्सटेंड की है ताकि इडुक्की कलेक्टर ऑफिस और आसपास के इलाके में बीएसएनल की सेवाएं रिस्टोर हो सके. लैंडस्लाइड की वजह से यह इलाका संपर्क क्षेत्र से बाहर हो गया है.
– जियो ने एक टोल फ्री नंबर 1800-893-9999 शुरू किया है जिसकी मदद से लापता लोगों की लोकेशन पता लगाई जा सकती है. इस नंबर पर कॉल करने से यूजर का आखिरी लोकेशन एसएमएस के माध्यम से उपलब्ध हो जाएगा.
नेटवर्क18/टीवी 18
– 24/7 हेल्पलाइन सेवाएं शुरू की हैं. इसमें द्विभाषी लोगों को रखा गया है ताकि वे अपने परिजनों से बिछड़े चिंतित लोगों की काउंसिलिंग कर सकें.
– टीवी चैनल और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मस के जरिए ओपन हार्ट, ओपन होम कैम्पेन शुरू किया है. जिसके तहत लोग बाढ़ प्रभावितों को अपने घर में रहने की जगह दे रहे हैं.
– चैनल और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए फेक न्यूज पर लगाम लगाने की कोशिश की जा रही है.
– जिन लोग बिजली की पहुंच से दूर हैं उन्हें पॉवर बैंक उपलब्ध कराए जदा रहे हैं.