May 10, 2024

कृषि क्रांति रथ गाँव-गाँव पहुँचकर किसानों को दे रहे हैं जानकारी

कृषि को लाभ का धंधा बनाने के लिये चौतरफा प्रयास

भोपाल ,27 अप्रैल (इ खबरटुडे)। मध्यप्रदेश कृषि प्रधान प्रदेश है और कृषि प्रदेश की अर्थ-व्यवस्था की रीढ़ है। कृषि को लाभ का धंधा बनाने के लिये कृषि लागत को कम करना जरूरी है। इसके लिये आवश्यक है कि उन्नत तकनीक, वैज्ञानिक पद्धति, उन्नत बीज तथा उन्नत कृषि यंत्र का कृषि में अधिकाधिक उपयोग हो। इसी ध्येय के साथ ग्रामोदय से भारत उदय अभियान में कृषि महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है।

626 कृषि क्रांति रथ से लगभग 3 लाख कृषक ने उन्नत कृषि की ली जानकारी

महोत्सव के दौरान प्रत्येक ग्राम पंचायत में कृषि ग्राम संसद में कृषि एवं कृषि से संबंधित उद्योगों से अधिकाधिक आय प्राप्त करने के संबंध में किसानों को विशेषज्ञों द्वारा जानकारी दी जा रही है। महोत्सव के पहले सप्ताह में 15 से 21 अप्रैल तक 7 दिवस में प्रत्येक विकासखंड में दो के मान से 626 कृषि क्रांति रथों के माध्यम से 7,129 ग्रामों में भ्रमण कर किसानों को जानकारी दी गई। लगभग 2 लाख 94 हजार 811 किसान बहन-भाइयों ने कृषि ग्राम संसद में उपस्थित होकर कृषि संबंधी आधुनिक जानकारी प्राप्त की। ग्राम संसदों में कृषि की उन्नत तकनीक, नवीन कृषि पद्धति, उन्नत बीज, उन्नत कृषि यंत्र, संतुलित उर्वरक का उपयोग, फसल चक्र परिवर्तन, कृषि वानिकी, कृषि में कम लागत, जैविक खेती, उद्यानिकी फसलों आदि की जानकारी कृषि विशेषज्ञों, प्रगतिशील किसानों, अधिकारियों तथा मैदानी अमले द्वारा दी गई।

किसान कल्याण एवं कृषि विकास विभाग
विभाग के अधिकारियों एवं मैदानी अमले द्वारा 2 लाख 94 हजार 811 किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, नवीन वैज्ञानिक तकनीक, नवीन बीज, एकीकृत कीट प्रबंधन तकनीक, मूल्य संवर्धन तकनीक, कृषि उत्पाद के विपणन एवं खाद्य प्र-संस्करण, सोलर कृषि पम्पों पर अनुदान योजना, फसल चक्र परिवर्तन, फसल विविधिकरण, कृषि वानिकी, कृषि की लागत कम करने, जैविक कृषि तकनीक और उन्नत कृषि यंत्र आदि की जानकारी दी।

पशुपालन विभाग
कृषि की सफलता के लिये स्वस्थ एवं उन्नत प्रजाति के पशुओं का होना अतिआवश्यक है। पशुपालन विभाग द्वारा 7 दिवस में कृषि महोत्सव में 22, हजार 694 पशुओं का बांझपन निवारण, औषधि एवं मिनरल मिश्रण के वितरण से 2 लाख 2 हजार 836 पशुओं का इलाज, 2 लाख 71 हजार 168 पशुओं का टीकाकरण, 12 हजार 692 पशुओं का बधियाकरण और 4 हजार 795 कृत्रिम गर्भाधान कार्य किये गये।

पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग
विभाग द्वारा 7 दिवस में ‘मेरा खेत-मेरी माटी’ योजना में 4,234 कार्य प्रारंभ किये गये। साथ ही गाँवों में स्वच्छता अभियान का प्रचार-प्रसार किया गया।

उद्यानिकी एवं वनविभाग
विभाग द्वारा किसानों को उद्यानिकी फसलों को लेने तथा मेढ़ पर पेड़ लगाकर अतिरिक्त आय लेने की सलाह दी जा रही है। सात दिवस में स:शुल्क 65 हजार 256 पौधों का वितरण किया गया।

ऊर्जा विभाग
इस दौरान नवीन पम्प कृषक अनुदान योजना से 2 हजार 272 कृषक लाभांवित हुए। स्थायी पम्प कनेक्शन योजना से (फ्लेट रेट योजना) 1,895 किसान लाभांवित हुए।

सहकारिता विभाग
विभाग द्वारा 21 हजार 582 किसानों को सहकारी संस्थाओं से जोड़ा गया। इससे किसानों द्वारा आसानी से ऋण, उर्वरक प्राप्ति एवं फसल विक्रय किया जा सकेगा।

आँगनवाड़ियाँ भी हुई लाभांवित
कृषि महोत्सव के दौरान 7 दिवसों में विशेष पोषण दिवस के रूप में किसानों से स्वेच्छा से 299 क्विंटल अनाज नि:शुल्क प्राप्त किया गया। यह अनाज आँगनवाड़ियों को प्रदाय किया जायेगा।

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