November 24, 2024

उज्जैन पक्षियों के लिए स्वर्ग कहे जाने योग्य,एक दिवसीय बर्ड सर्वे में 150 प्रजातियों के पक्षी मिले

उज्जैन के 10 प्राकृतिक स्थानों पर 100 से अधिक प्रवासी पक्षी भी दिखे

उज्जैन,28 जनवरी(इ खबर टुडे/ब्रजेश परमार)। उज्जैन का प्राकृतिक वातावरण पक्षियों के लिए अनुकुलता लिए हुए है। यही कारण है कि अप्रवासी पक्षियों के साथ ही प्रवासी पक्षी भी बड़ी संख्या में उज्जैन में दिखाई दे रहे हैं। उज्जैन के दस प्राकृतिक स्थानों पर पक्षियों के सर्वे में यह स्थिति सामने आई है।सर्वे में अफ्रीका, योरप , अमेरिका, साइबेरिया महादीप के करीब 110 प्रवासी पक्षी देखे गए। 40 से अधिक स्थानीय प्रजातियों के पक्षी देखे गए हैं।

रविवार को उज्जैन बर्डिंग क्लब एवं वन विभाग उज्जैन के संयुक्त बर्ड सर्वे किया गया। उज्जैन व आस पास के कई जिलो से करीब 50 बर्ड वाचर ने भाग लिया| इसमें इंदौर के 20 उज्जैन के 17 एवं अन्य जिलों के 13 बर्ड वाचर शामिल थे। इस बर्ड सर्वे में एक ही समय में सुबह 08 से 11 बजे तक उज्जैन के 10 हॉट स्पॉट में पक्षीयो की प्रजाति एवं संख्या की गणना की गई| पांच बर्ड वाचर की टीम में एक टीम लीडर था जिसने दिखने वाली प्रजातियों के नाम व संख्या नोट की गई|

सांख्यिकीय तरीके से की गई गणना को ebird मोबाइल ऐप में अपलोड किया गया| ebird मोबाइल एप में पूरी दुनिया के बर्ड वाचर पक्षियों की जानकारी डाल रहे है| किसी पक्षी के किसी रहवास का चुनना उस जगह की प्राकर्तिक प्रचुरता का दिखाता है| इस प्रकार के सर्वे करने का उद्देश्य ग्रीन उज्जैन की जैव विविधता, पर्यावरण की प्रचुरता एवं जलवायु परिवर्तन का अध्यन करना था| यह सर्वे हर साल किया जाएगा ताकि पिछले साल से अगले साल का अनुपातिक अध्ययन हो सके| उज्जैन के सभी तालाबो में कई प्रवासी पक्षी ठण्ड में अपना प्रवास करते है| उज्जैन बिर्डिंग क्लब के मेम्बेर्स ने इन खुबसूरत पक्षियों के चित्र सोशल मीडिया पर डाल कर अन्य बर्ड वाचर को उज्जैन के लिये आकर्शित किया| सर्वे में श्री अर्पित पुराणिक ने पेरेग्रिन फाल्कन देखा एवं चित्र लिया जो दुर्लभ है| सर्वे के दौरान कुल 150 प्रजातियों की गणना हुई| जिसमे ग्रेटर फ्लेमिंगो, ब्लैक स्टोर्क, पेरेग्रिन फाल्कन, क्लामोरस रीड वार्ब्लेर, टावनी बेलिड बाब्लेर जैसी दुर्लभ प्रजातियाँ देखने में मिली । बर्डक्लब के अनुराग छजलानी के अनुसार नवंबर से फरवरी उज्जैन का वातावरण प्रवासी पक्षियों के अनुकुल होता है यहां की ठंड भी उनकी अनुकुलता लिए हुए है।अगला सर्वे गांधी सागर सेंचुरी में 22 से 24 फरवरी को किया जाएगा।

इन दस स्थानों पर किया गया सर्वे-
सुबह 7 बजे से पांच अलग अलग टीमों ने पूर्वान्ह 11.30 बजे तक मताना तालाब पाल, मताना तालाब बेक वाटर, उंडासा तालाब पूर्व रोड,उंडासा तालाब पाल,साहेबखेडी तालाब ,सदावल ,नौलखी इको पार्क,गंभीर डेम बेक वाटर, त्रिवेणी नर्सरी, विक्रम पार्क एवं सरोवर के आसपास सर्वे किया । सर्वे उपरांत सीसीएफ कार्यालय सभाकक्ष में डा. संदीप शर्मा, रवि शर्मा, अजय गडीकर, वैभव चतुर्वेदी, डॉ के के यादव एवं ईशान शर्मा ने बर्ड वाचिंग एवं पक्षी संरक्षण को लेकर महत्वपूर्ण जानकारियां देकर अपने विचार व्यक्त किये| अतिथि मुख्य वन संरक्षक, उज्जैन बी.एस. अन्नीगेरी एवं वन संरक्षक उज्जैन पी.एन. मिश्रा थे

-मताना तालाब पाल पर 25 किस्म के पक्षी जिनमें करीब 6-7 प्रवासी पक्षी हमने देखे।उज्जैन पिछले कुछ सालों से पक्षियों के लिए स्वर्ग है। पिछले दो वर्ष से इंदौर पक्षियों के लिए डाउन होता जा रहा है।उज्जैन की लोकेशन बहुत डेवलप कर दी गई है। उज्जैन वन विभाग के अधिकारी काफी रूचि लेते हैं और सहयोगी वातावरण बनाने में लगे हुए हैं।
-श्याम मिश्रा, वरिष्ठ पक्षी वाचर, इंदौर

कार्यक्रम वन विभाग का एक अंग था।काफी अच्छे पक्षी विशेषज्ञ शामिल हुए । एक साथ इतनी लोकेशन में इतने दलों ने सर्वे किया जिससे काफी सारी जानकारी हासिल हुई । वन विभाग के काफी काम का डाटा बन गया है। हमारा स्टाफ सर्वे में साथ था उनकों भी काफी सिखने को मिला है।प्रवासी पक्षियों की इतनी संख्या हमारे यहां के प्राकृतिक स्थिति को प्रमाणित करती है।हम गर्मी में भी एक सर्वे की तैयारी कर रहे हैं।
-बी एस अन्निगेरी,सीसीएफ ,उज्जैन

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