सावन के अंतिम सोमवार मुस्लिम महिलाओं ने बुर्का पहनकर उठाई कांवड़
इंदौर,25 अगस्त(इ खबरटुडे)। इंदौर में सावन के आखिरी सोमवार पर साम्प्रदायिक सद्भाव की अनूठी मिसाल देखने को मिली. यहां कांवड़ यात्रा में में बड़ी संख्या में मुस्लिम महिलाएं और पुरूष शामिल हुए. मुस्लिम महिलाओं ने बुर्का पहनकर कांवड़ उठाए. शहर में पहली बार अपनी तरह की अनूठी कांवड़ यात्रा सर्व धर्म एकता का संदेश दिया. खासियत यह रही कि इस कांवड़ यात्रा में हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई और पारसी समाज की महिलाएं कांवड़ लेकर शामिल हुईं.
शहर के मधुमिलन चौराहे से शुरू हुई कांवड़ यात्रा गीता भवन मंदिर पर संपन्न हुई. यात्रा में सर्वप्रथम हनुमान मंदिर से हिन्दू महिलाओं ने कांवड़ भरी. जल भरने के पश्चात हिन्दू-मुस्लिम-सिख-ईसाई व पारसी महिलाएं एक साथ चल रही थीं. यात्रा में हिन्दू महिलाएं पारंपरिक केसरिया वस्त्र, मुस्लिम महिलाएं पारंपरिक वेशभूषा बुर्के में नजर आईं. क्रिश्चियन, पारसी व सिख समाज भी पारंपरिक वेशभूषा के साथ इस अनूठे आयोजन में शामिल हुआ.
गंगा जमुनी तहजीब का संदेश देती इस यात्रा में शामिल हुए केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि हमारे देश की प्राचीन संस्कृति को सहेजने का अद्भूत कार्य संस्था साझा संस्कृति ने किया है.उन्होंने कहा, ‘सावन के पवित्र माह में देशभर में सैकड़ों कांवड़ यात्रा निकली है लेकिन देश की एकता और सामाजिक समरसता को दर्शाने, हिन्दू-मुस्लिम-सिख-ईसाई का एकरूपता में पिरोने का संदेश देने का कार्य इस कांवड़ यात्रा के माध्यम से किया है.
शहर में सर्वधर्म समभाव की परंपरा होलकर काल से चली आ रही है. आयोजकों के मुताबिक होली, रमजान से लेकर अन्य मौके पर सभी धर्म के लोग शामिल होते है. इसी तरह इस कांवड़ यात्रा के बहाने भी सर्व धर्म एकता को बल देने की कोशिश की गई हैं.