लंदन में पीएम मोदी बोले – आज दुनिया भारत का लोहा मानने लगी है
लंदन,18 अप्रैल(इ खबरटुडे)। ब्रिटेन दौरे पर गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ‘भारत की बात, सबके साथ’ कार्यक्रम में शरीक हुए. पीएम मोदी भारतीय समुदाय के लोगों को संबोधित कर रहे हैं. यह कार्यक्रम लंदन के ऐतिहासिक वेस्टमिंस्टर सेंट्रल हॉल में आयोजित किया गया है. इस कार्यक्रम में दुनियाभर के लोगों के सवाल शामिल हैं. गीतकार पुण्य प्रसून बाजपेयी उनसे सवाल जवाब कर रहे हैं.
पीएम मोदी ने कहा कि हर युग में, हर अवस्था में कुछ न कुछ नया करने का नया पाने का मकसद गति देता है वरना तो जिंदगी रुक जाती है. अगर कोई कहता है कि बेसब्री बुरी चीज है तो मैं कहता हूं कि वह बूढ़ा हो चुके हैं, मेरी दृष्टि में बेसब्री तरुणाई का सपना है. आज सवा सौ करोड़ देशवासियों के दिल में एक उमंग, आशा उभर कर बाहर आ रही है, एक कालखंड था जब हम निराशा में डूब गए थे. आज से 15-20 साल पहले जब आकाल की परिस्थित पैदा होते थे तो गांव के लोग सरकार दफ्तर में जाकर मेमोरेंडम देते थे और कहते थे कि हमें रोड पर मिट्टी डालने का काम मिल जाए.
मैं हमेशा सकारात्मक सोचता हूं
गीतकार प्रसून ने जब सवाल किया कि क्या आप भी कभी बेसब्र होते हैं. इस पर पीएम ने चुटकी लेते हुए कहा कि मुझे पता नहीं था कि कवि के भीतर पत्रकार बैठा है. उन्होंने कहा कि बेसब्री मुझे ऊर्जा देती है. हर शाम दूसरे दिन का सपना लेकर सोता हूं. मैं कभी निराश नहीं होता. मैं हमेशा सकारात्मक सोचता हूं. उन्होंने कहा, इन्हीं व्यवस्थाओं से, अगर आपके पास नीति स्पष्ट हो, इरादे नेक हो तो आप इच्छित परिणाम हो सकते हैं.
आजादी के बाद जनता और सरकार के बीच दूरी बढ़ी
उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी को पूरे देश को आजादी की लड़ाई के लिए जोड़ा. आजादी के बाद सरकार और जनता के बीच दूरी बढ़ी. विकास को जन आंदोलन में तब्दील होना चाहिए. 40 लाख वरिष्ठ नागरिकों ने रेलवे की सब्सिडी छोड़ी. हमारा काम जनता को समझना और उसे जोड़ना है. मैं जनता को साथ लेकर काम करने पर विचार कर रहा हूं.
सेना के जवानों पर गर्व है
सर्जिकल स्ट्राइक के मुद्दे पर उन्होंने कहा हमारे जवानों को टेंट में सोए हुए को कोई बुजदिल आकर मौत के घाट उतार दे क्या आप चाहते हैं कि मैं चुप रहूं, इसलिए सर्जिकल स्ट्राइक किया जो योजना बनी थी उसको शत-प्रतिशत इंप्लीमेंट किया और सूर्योदय होने से पहले सब वापस आ गए. मैंने अपने ऑफिसर से कहा कि पाकिस्तान की फौज को फोन करके बता दो कि आज रात हमने ये किया ये लाशे वहां पड़ी होंगी उन्हें ले जाओ, मैं सबसे पहले पाकिस्तान को बताया. सेना की आलोचना करने वालों की भगवान सद्बुद्धि दे.
क्या आप देश बदल पाएंगे?
इस सवाल के जवाब में पीएम मोदी ने कहा, “मैं मेहनत करता हूं. मुझे लगता है कि इस पर कोई विवाद नहीं हैं. अगर न करता तो मुद्दा है. सवा सौ करोड़ देशवासियों ने मुझे यहां क्यों बिठाया है. मेरे पास पूंजी एक ही है – वह है कठोर परिश्रम. मेरे पास पूंजी है मेरे सवा सौ करोड़ देशवासियों का प्यार. इसलिए मुझे ज्यादा से ज्यादा मेहनत करना चाहिए. मैं आपके जैसा ही सामान्य नागरिक हूं. मुझसे वो सारी कमियां हैं, जो सामान्य नागरिक में होती हैं. कृपा करके मुझे अपने से अलग न समझें. मैं वहीं हूं जो आप हैं.”
देश में लाखों समस्याएं लेकिन करोड़ों समाधान भी
उन्होंने कहा कि मैंने कभी नहीं कहा कि मैं अकेले देश बदल दूंगा. मैं मानता हूं कि देश में लाखों समस्याएं हैं लेकिन करोड़ों समाधान भी हैं. हर तरह की ठोंकरें खाकर यहां तक पहुंचा हूं. मैंने भी कभी कविता लिखी थी जो लोग मुझे पर पत्थर फेंकते हैं, मैं उससे पथ बना देता हूं. और उस पर ही चल पड़ता हूं.
स्वास्थ्य क्षेत्र में बड़ा कदम उठाया
मोदीकेयर पर पीएम मोदी ने कहा कि स्वास्थ्य क्षेत्र में हमने एक बड़ा कदम उठाया है. हम देश में डेढ़ लाख से ज्यादा हेल्थ सेंटर बनाना चाहते हैं. हमने पोषण मिशन शुरू किया है. मातृ अवकाश के लिए हमारी सरकार ने बहुत उदारता दिखाई है उसे 26 सप्ताह कर दिया है. पीएम मोदी ने कहा कि 1000 से ज्यादा नए अस्पताल बनने की संभावना बढ़ी है. हमने जेनेरिक दवाएं उपलब्ध कराई हैं. 3000 ऐसे मेडिकल सेंटर खोले हैं.
पीएम मोदी ने मुद्रा योजना की चर्चा की. उन्होंने कहा कि अब तक 11 लाख करोड़ लोगों ने मुद्रा योजना का लाभ उठाया है. उन्होंने कहा कि किसानों के लिए खाद की मुश्किल आसान कर दी. स्किल डेवलपमेंट में हम सही दिशा में जा रहे हैं. यानी साहस करने वाले को साहस देना हमारा लक्ष्य है.
फकीरी मेरे मन से जुड़ा हुआ विषय है
गीतकार प्रसून जोशी ने जब पीएम मोदी की फकीरी से जुड़ा सवाल पूछा तो पीएम ने कहा कि यह बहुत निजी प्रकृति का प्रश्न है लेकिन सच यह है कि फकीरी मेरे मन से जुड़ा हुआ विषय है. गुजरात का मुख्यमंत्री रहने के दौरान मिलें तोहफों को मैंने कभी अपने पास नहीं रखा. उन्हें एकत्र करके मैंने उनकी नीलामी कराई. 100 करोड़ रुपये से ज्यादा की नीलामी हुई. उस पैसे को बच्चियों की शिक्षा के लिए दिया. जब मैं प्रधानमंत्री बना तो अफसरों को बुलाया कि मेरी विधायक के रूप में मिली वेतन को गरीब ड्राइवरों के बच्चों की दे दिया जाए.
किसी के लिए बोझ नहीं बनना चाहता
अथक परिश्रम करने के मुद्दे पर पीएम ने कहा कि अपनों के लिए काम करने से कोई नहीं थकता. मेरी जिंदगी का हर पल देश के लिए है. मेरे लिए देश के सवा सौ करोड़ भारतीय, मेरा परिवार है. मैं नहीं चाहता कि कभी किसी के लिए बोझ बनूं. शरीर की पूरी ताकत का इस्तेमाल करना चाहता हूं. ऐसे ही हंसते-खेलते चले जाना चाहता हूं.
भारत की हर जगह चर्चा हो रही है
पीएम मोदी ने कहा, “आज दुनिया भारत का लोहा मानने लगी है. आज भारत की हर जगह चर्चा हो रही है. मैंने शुरुआत में ही कहा था कि न हम आंख झुकाकर बात करेंगे. न हम आंख उठाकर करेंगे. हम आंख मिलाकर बात करेंगे. मानवता के काम भारत कभी पीछे नहीं रहा. रोहिंग्या शर्णाथियों तक भारत ने मदद पहुंचाई. हर इंटरनेशनल प्लेटफॉर्म में भारत एजेंडा सेट करता है. भारत दुनिया में नए सिरे से अपनी अहमियत बना रहा है.”
मैं आलोचना को बुरा नहीं मानता
आलोचना से ही लोकतंत्र चमकता है. आलोचना से ही लोकतंत्र पनपता है. मैं आलोचना का स्वागत करता हूं. लेकिन दुर्भाग्य यह है कि आलोचना की जगह आरोपों ने ले ली है. अगर मैं सुनना ही बंद कर दूंगा तो देश कैसे आगे बढ़ेगा. विचारों में विरोध नहीं तो लोकतंत्र कैसा?