November 17, 2024

राजबाग कालोनी की गडबडियों को भूला प्रशासन,अवैध निर्माण तोडने के बाद आगे नहीं बढी कार्यवाही,दोषी अधिकारियों की जांच भी नहीं

रतलाम,२४ मार्च (इ खबरटुडे)। बरबड रोड स्थित राजबाग कालोनी की गडबडियों को मीडीया द्वारा उछाले जाने के बाद हरकत में आया जिला प्रशासन अब शायद उस मामले को भूल गया है। मीडीया में मामला आने के बाद प्रशासन ने शासकीय भूमि पर बनाई गई सड़क को तोड दिया था,लेकिन अनियमितताएं करने वाले अधिकारियों के खिलाफ अब तक कोई कार्यवाही नहीं की गई है। कालोनाइजर से अवैध निर्माण तोडने पर हुए खर्च को वसूलने की कार्यवाही भी ठप्प पडी हुई है।
उल्लेखनीय है कि बरबड रोड स्थित राजबाग कालोनी के कालोनाईजर द्वारा मुख्यसड़क से कालोनी को जोडने के लिए सरकारी नाले को मोड कर उस पर सडक बना दी गई थी। इतना ही नहीं कालोनाइजर ने कालोनी के समीप की शासकीय भूमि पर भी अवैध कब्जा कर इस भूमि में सीमेन्ट कांक्रीय की सड़क बना दी गई थी। चिंताजनक तथ्य यह भी था कि कालोनाईजर ने सरकारी नाले को मोडने और उस पर सड़क बनाने के लिए बाकायदा अनुमति भी प्राप्त की थी। शहर एसडीएम ने नियमों के विपरित कालोनाईजर को सरकारी नाला मोडने की अनुमति प्रदान कर दी थी। ये सारे तथ्य उजागर होने के बाद जिला प्रशासन ने विगत 19 फरवरी को ताबडतोड हरकत में आते हुए राजबाग कालोनी में बनाई जा रही अवैध सड़क को जेसीबी मशीन से तुडवा दिया था। जिला प्रशासन के अधिकारियों का यह भी दावा था कि नियमों के विपरित अनुमति दिए जाने के मामले की जांच करवाई जाएगी और दोषी अधिकारियों के विरुध्द कार्यवाही की जाएगी।
इस घटना को एक महीने से अधिक समय गुजर गया है। इस अवधि में लगता है कि जिला प्रशासन इन सारी अनियमितताओं को भूल गया है। अवैध सड़क तोडने के बाद प्रशासन ने इस पूरे मामले को ठण्डे बस्ते में डाल दिया है।

ये थी अनियमितताएं
राजबाग कालोनी के कालोनाईजर ने कालोनी विकसित करने के तमाम नियमों को ताक पर रख दिया था। इतना ही नहीं उसके द्वारा की गई गडबडियों में नगर एवं ग्राम निवेश विभाग के अधिकारियों तथा शहर एसडीएम ने भी पूरा सहयोग किया था। शासकीय नियमों के मुताबिक सरकारी नाले को मोडने या बन्द करने तथा इस पर से सड़क बनाने की अनुमति दी ही नहीं जा सकती। लेकिन शहर एसडीएम ने नियमों को ताक पर रखते हुए बाकायदा नाला मोडने की अनुमति प्रदान की थी। अधिकारियों की मिलीभगत के कारण ही कालोनाइजर शासकीय जमीन पर सड़क बनाने की हिम्मत भी जुटा पाया था।

खर्चे की वसूली का नोटिस भी नहीं
आमतौर पर शासकीय भूमि पर किए गए अवैध निर्माण को तोडने की राशि भी अतिक्रामक से ही वसूली जाती है। इसके लिए अतिक्रामक को राशि की वसूली का नोटिस जारी किया जाता है। राजबाग कालोनी के मामले में अब तक प्रशासन की ओर से कोई नोटिस भी जारी नहीं किया गया है।

मामले को रफा दफा करने के प्रयास
राजबाग कालोनी के घटनाक्रम को एक माह से अधिक समय गुजर गया है। इस पूरी अवधि में जिला प्रशासन द्वारा कोई कार्यवाही नहीं किए जाने से अब यह अनुमान लगाए जा रहे है कि कालोनाईजर द्वारा येन केन प्रकारेण मामले को रफा दफा करने के प्रयास किए जा रहे है। कालोनाईजर की गडबडियों में उसका साथ देने वाले अधिकारी तो आज भी उसका साथ देने को तैयार है। दोषी अधिकारी भी चाहते है कि यह मामला किसी तरह रफा दफा हो जाए ताकि उनकी गडबडियों की जांच ना हो सके और उनके विरुध्द कोई कार्यवाही भी ना हो सके।

You may have missed