November 23, 2024

महिलाओं का यौन उत्पीड़न रोकने समितियों का गठन होगा

कलेक्टर ने जारी किये निर्देश  

रतलाम 11जून (इ खबर टुडे)।कार्यस्थल पर कामकाजी महिलाओं का यौन उत्पीड़न रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित मार्गदर्शी सिद्धांतों के अनुरूप जिले के प्रत्येक कार्यालय में महिला उत्पीड़न को रोकने के लिए शिकायत समिति (आंतरिक परिवाद समिति) का गठन किया जाएगा। प्रत्येक कार्यालय प्रमुख या नियोजक अथवा नियोक्ता को इसके लिए की जाने वाली कार्यवाही संपादित करनी होगी।
कलेक्टर डॉ. संजय गोयल ने समितियों के गठन के लिए विस्तृत निर्देश जारी किये हैं तथा इसके लिए एक सप्ताह की समय-सीमा मुकर्रर की है। निर्देशों के मुताबिक प्रत्येक कार्यालय में कार्यालय प्रमुख या नियोक्ता एक आंतरिक परिवाद समिति का गठन करेंगे।  इस समिति में पीठासीन अधिकारी के रूप में कार्यस्थल पर कार्यरत वरिष्ठ महिला अधिकारी या कर्मचारी को नियुक्त किया जाएगा। यदि कार्यस्थल पर वरिष्ठ महिला उपलब्ध नहीं है तो अन्य कार्यालय से ऐसी महिलाओं को नामांकित किया जाएगा। कर्मचारियों में से दो सदस्य ऐसे चुने जाएंगे जो महिलाओं की समस्याओं के लिए प्रतिबद्ध हों अथवा जिन्हें उक्त कार्य का अनुभव या विधिक ज्ञान हो। महिलाओं की समस्याओं के प्रति प्रतिबद्ध और लैंंिगक उत्पीड़न से सम्बन्धित मुद्दों से परिचित गैरसरकारी संगठनों में से भी एक सदस्य नामांकित किया जाएगा। कुल नामांकित सदस्यों में से कम से कम आधी सदस्य महिलाएँ होंगी। समिति के पीठासीन अधिकारी एवं सदस्यों की नियुक्ति अधिकतम तीन वर्ष के लिए होगी। तीन वर्ष पश्चात समिति का पुनर्गठन किया जाएगा। प्रत्येक कार्यालय में महिलाओं के लैंगिक उत्पीड़न (निवारण, प्रतिषेध एवं प्रतितोषण) सम्बन्धी बोर्ड लगाये जाने के भी निर्देश दिये गए हैं।
कलेक्टर ने ताकीद की है कि सभी जिला प्रमुख अपने व अधीनस्थ कार्यालयों में आंतरिक परिवाद समितियों का  एक सप्ताह के भीतर गठन सुनिश्चित करंे। समिति के गठन की जानकारी नियत प्रपत्र में जिला महिला सशक्तिकरण अधिकारी, काटजू नगर रतलाम के कार्यालय में भेजनी होगी। किसी भी कार्यालय में शिकायत समिति को कोई शिकायत प्राप्त होने पर समिति इसकी जाँच कर प्रतिवेदन प्रेषित करेगी। प्रत्येक त्रैमास के अंत में भी प्रतिवेदन भेजना होगा भले ही उस त्रैमास में कोई शिकायत प्राप्त न हुई हो।

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