मलेरिया, डेंगु, चिकनगुनिया से उपचार के बजाय बचाव ज्यादा बेहतर – सीएमएचओ
रतलाम 30 सितम्बर(इ खबरटुडे)। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ अधिकारी जिला रतलाम ने बताया कि इन दिनों रतलाम के अलावा अन्य जिलों में मलेरिया, डेंगु, चिकनगुनिया के मामले बढ़ने की स्थिति सामने आ रही है। इन परिस्थितियों के मद्देनजर रतलाम जिले में मलेरिया, डेंगु से बचाव हेतु विभागीय अमले को सतर्कता बरतते हुए उपचार करने हेतु निर्देषित किया गया है।
उन्होने बताया कि चिकनगुनिया के लक्षणों में मरीज को सिर दर्द, मांसपेशियों में दर्द, जोड़ों में सुजन, शरीर पर दाने आदि की स्थितियाॅ पायी जाती है। लोगों को इन बिमारियों से बचाव के लिये पानी ठहरने की स्थितियों पर नियंत्रण करना आवश्यक है।
पानी के सभी बर्तन, टंकी आदि को ढक कर रखना चाहिए। सप्ताह में एक बार कुलर, फुलदान, टंकियाॅ, होदी व परिन्डे आदि का पानी खाली कर सुखने के बाद ही पानी भरना चाहिए। अनुपयोगी बर्तन पुराने टायर एवं कबाड़ को छत पर इक्क्ठा नहीं करना चाहिए। नारियल के खोल, डिस्पोजेबल बर्तन आदि को नष्ट कर देना चाहिए, पुरी आस्तिन के कपड़े पहनना एवं सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करना चाहिए। रूके हुए पानी में प्रत्येक सप्ताह जला हुआ तेल या मिट्टी के तेल की कुछ बुंदे डालना चाहिए। घर के अंदर व आसपास सफाई रखना चाहिए ताकि मच्छर न पनप सके।
स्क्रब टाईफस से बचाव हेतु घर के आसपास घास व झाड़ियों को कटवाना चाहिए। चूहों से बचाव करते हुए घास/झाड़ियों में नंगे पाॅव नहीं घुमना चाहिए। अधिक से अधिक पानी पिना चाहिए। मलेरिया, डेंगु, चिकनगुनिया का पुरा उपचार सम्भव है। बुखार होने पर नजदीकी शासकीय अस्पताल में सम्पर्क कर जाॅच,उपचार एवं परामर्श सेवा प्राप्त करना चाहिए।