पाकिस्तान की मांग, शिवसेना घोषित हो आतंकी संगठन
इस्लामाबाद31 अक्टूबर(इ खबरटुडे)।आतंकवाद के मामले पर पाकिस्तान का दोहरा रवैया जगजाहिर है लेकिन इन सबके बावजूद पाकिस्तान खुद को मजाक का पात्र बनाने से भी नहीं चूकता. जो पाकिस्तान लश्कर चीफ हाफिज सईद को शरण दिए हुए है. जिसे पूर्व राष्ट्ररपति ओसामा और जवाहिरी को अपना राष्ट्रीय हीरो बताते हों वहीं पाकिस्तान अब चाहता है कि भारत के राजनीतिक दल शिवसेना को आतंकी संगठन घोषित किया जाए. शायद इसके पीछे शिवसेना की ओर से पाकिस्तान के आतंकी करतूतों को लेकर लगातार किया जा रहा विरोध कारण हो.
विश्व समुदाय से अपील
पाकिस्तान ने शिवसेना पर आतंकवादी गतिविधियां संचालित करने का आरोप लगाते हुए अंतरराष्ट्रीय समुदाय से इनका संज्ञान लेने को कहा है. शिवसेना कार्यकर्ताओं ने पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री खुर्शीद महमूद कसूरी के एक पुस्तक विमोचन को लेकर मुंबई में ओआरएफ के अध्यक्ष सुधीन्द्र कुलकर्णी के चेहरे पर स्याही फेंक दी थी.
आतंकी संगठन हो घोषित
विदेश कार्यालय के प्रवक्ता काजी खलीलुल्लाह ने बताया, ‘मैं आपसे सहमत हूं कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इस संगठन की आतंकवादी गतिविधियों का संज्ञान लेना चाहिए. इसके कार्यकर्ताओं की गतिविधियों को लेकर हम बार-बार अपनी चिंताओं को व्यक्त कर चुके हैं.’ शिवसेना को वैश्विक स्तर पर आतंकवादी संगठन घोषित कराने की किसी तरह की कोशिश के बारे में पूछे गये एक सवाल के जबाव में अपनी साप्ताहिक ब्रीफिंग के दौरान खलीलुल्लाह ने यह बात कही.
PPP का आया था प्रस्ताव
खलीलुल्लाह ने कहा कि पाकिस्तान ने शिवसेना की गतिविधियों को लेकर बार-बार अपनी आपत्ति जताई है. इससे पहले पाकिस्तान की विपक्षी दल पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी ने भी देश की नेशनल असेंबली सचिवालय में एक प्रस्ताव पेश कर शिवसेना को चरमपंथी संगठन घोषित करने की मांग की थी. भारत विरोधी गतिविधियों में पकिस्तान की संलिप्तता के विरोध में शिवसेना पाकिस्तान और वहां के लोगों का विरोध करती रही है.
कसूरी का किया था विरोध
इस माह की शुरुआत में शिवसेना के कार्यकर्ताओं ने पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री खुर्शीद कसूर के किताब के विमोचन के अयोजक सुधीन्द्र कुलकर्णी के चेहरे पर स्याही पोत दी थी. शिवसेना ने पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के अध्यक्ष शहरयार खान के बीसीसीआई के मुखिया शशांक मनोहर से मुलाकात के विरोध में बीसीसीआई दफ्तर में भी हंगामा किया था. शिवसेना के विरोध के कारण महाराष्ट्र में जाने माने गजल गायक गुलाम अली के प्रस्तावित कंसर्ट को रद्द कर दिया गया था.