December 25, 2024

पंजीकृत असंगठित श्रमिकों के बच्चों की फीस सरकार भरेगी

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मुख्यमंत्री जन-कल्याण (शिक्षा प्रोत्साहन) योजना लागू

तलाम,10 अगस्त (इ खबरटुडे)। मध्यप्रदेश में पंजीकृत असंगठित कर्मकारों/श्रमिकों के बच्चों को नि:शुल्क उच्च शिक्षा उपलब्ध करवाने के लिये सत्र 2018-19 से “मुख्यमंत्री जन-कल्याण (शिक्षा प्रोत्साहन) योजना” लागू की गई है। विद्यार्थी के माता-पिता का श्रम विभाग में पंजीयन होना अनिवार्य है। विद्यार्थी को राज्य शासन के छात्रवृत्ति पोर्टल scholarshipportal.mp.nic.in में पंजीयन करवाना होगा।

इसके बाद यूजर आई.डी. एवं पासवर्ड से पोर्टल पर ही आवेदन-पत्र सबमिट करना होगा। भरे हुए आवेदन-पत्र का प्रिंट आउट आवश्यक दस्तावेजों के साथ संबंधित शैक्षणिक संस्था में प्रस्तुत करना होगा।

तकनीकी शिक्षा मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दीपक जोशी ने जानकारी दी है कि योजना में इंजीनियरिंग के लिये जेईई मेन्स परीक्षा में एक लाख 50 हजार तक की रैंक होने पर शासकीय इंजीनियरिंग महाविद्यालय में प्रवेश लेने पर पूरी फीस और अनुदान प्राप्त अशासकीय इंजीनियरिंग महाविद्यालय में प्रवेश लेने पर एक लाख 50 हजार अथवा वास्तविक शिक्षण शुल्क, जो भी कम हो, का भुगतान किया जायेगा।

मेडिकल की पढ़ाई के लिये नीट प्रवेश परीक्षा के माध्यम से केन्द्र या राज्य शासन के मेडिकल/डेंटल महाविद्यालय के एमबीबीएस/बीडीएस पाठ्यक्रम अथवा मध्यप्रदेश स्थित प्रायवेट मेडिकल कॉलेज के एमबीबीएस पाठ्यक्रम में प्रवेश लेने वाले तथा भारत सरकार के संस्थानों, जिनमें स्वयं के द्वारा आयोजित परीक्षा के आधार पर एमबीबीएस पाठ्यक्रम में प्रवेश प्राप्त होता है, के अभ्यर्थियों को पात्रता होगी। विधि की पढ़ाई के लिये क्लैट द्वारा आयोजित अथवा स्वयं के द्वारा आयोजित परीक्षा के माध्यम से राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालयों और दिल्ली विश्वविद्यालय में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों को योजना का लाभ मिलेगा।

भारत सरकार तथा राज्य सरकार के सभी विश्वविद्यालयों/संस्थानों में संचालित स्नातक एवं इंटीग्रेटेड पोस्ट ग्रेजुएशन प्रोग्राम तथा ड्यूल डिग्री कोर्स में प्रवेश लेने पर, राज्य शासन के सभी शासकीय एवं अनुदान प्राप्त महाविद्यालयों तथा विश्वविद्यालयों में संचालित सभी स्नातक पाठ्यक्रमों, पॉलीटेक्निक कॉलेजों में संचालित सभी डिप्लोमा पाठ्यक्रमों, आईटीआई में प्रवेश लेने पर और शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय अथवा उसके अधीन संचालित पैरामेडिकल साइंस के डिप्लोमा, डिग्री एवं सर्टिफिकेट पाठ्यक्रम में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों को भी योजना का लाभ मिलेगा।

योजना में लाभ लेने वाले शासकीय संस्थाओं के विद्यार्थियों को देय शुल्क संस्था के खाते में दी जायेगी। निजी संस्थाओं के विद्यार्थियों को देय शुल्क उनके आधार लिंक बैंक खाते में दी जायेगी। योजना में ऐसे पात्र विद्यार्थी, जो पहले से अध्ययनरत हैं, उन्हें वर्ष 2018-19 से नवीन प्रवेशित पात्र विद्यार्थियों के अनुसार शुल्क के भुगतान की प्रतिपूर्ति/छूट की पात्रता होगी। इस योजना के पोर्टल पर तकनीकी शिक्षा एवं चिकित्सा शिक्षा को लॉग-इन करने की सुविधा दी जा रही है, जिससे तीनों विभाग उनसे संबंधित संस्थाओं के छात्रवृत्ति भुगतान की कार्यवाही सुगमता से कर सकेंगे।

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