ध्यान की अवस्था में मानव परम चेतन्य को पाता है-सेवानिवृत्त लेप्टीनेट जनरल विजय कपूर
रतलाम 16 जुलाई (इ खबरटुडे)।सहजयोग परिवार के राष्ट्रीय गुरु पूजा महोत्सव के दूसरे दिन प्रात:काल योगेश लोढ़ा (भोपाल) ने ध्यान कराया। जिसमें उन्होंने शरीर के साथ-साथ आत्मा को भी अनुभव करने की सहज एवं सरल करने की तकनीक सिखाई। प्रात: 10.30 बजे से आरंभ हुए सेमिनारों में सेवानिवृत्त लेप्टीनेट जनरल विजय कपूर ने अपने व्याख्यान में बताया कि जीवन में आनंद और शांति प्राप्त करने के लिए एक ही युक्ति है ध्यान…ध्यान…ध्यान…, ध्यान का अर्थ है संतुलन, ध्यान की अवस्था में मानव परम चेतन्य को पाता है और चेतन्य ही आनंद और शांति देता है।
श्री कपूर ने शिव तत्व की महिमा को बताते हुए कहा कि प्रेम देना सारी दुनिया के प्रति प्रेम भाव रखना सबके हित की बात करना यही शिव तत्व है। दाएं हाथ को बाएं तरफ हृदय पर रखकर चिदानंद रुपा शिवोहम… शिवोहम… मंत्र कहने से हृदय चक्र खुलकर शिव तत्व से एकाकारिता हो जाती है। अमृतावती से आएं शास्त्री संगीतकार एवं भजन गायक संदीप दलाल ने बीज मंत्रों के माध्यम से सातों चक्रों पर ध्यान करना सिखाया। मुलाधार चक्र के लिए लं स्वाधिष्ठान चक्र के लिए वं, नाभी के लं और हृदय के लिए यं इस प्रकार सभी चक्रों के बीज मंत्र सिखाकर ध्यान करवाया।
डॉ. उदवानी (अमरावती) ने अपने व्याख्यान में कहा कि मुक्ति क्या है, आत्मा एवं कुंडलीनी साथ-साथ में ब्रह्मïïांड में विलिन हो जाएं यहीं मुक्ति है। चित को तालू पर रखकर चेतन्य महसूस करते रहे यहीं आपके हर प्रकार से उत्थान का मार्ग है। नाभी चक्र की पकड़ आदमी के जीवन को तहस-नहस कर देती है। नाभी चक्र महालक्ष्मी का मंत्र लेने से ठीक हो जाता है।
डॉ. केएल वासु कानपुर ने बताया कि मानव मात्र के उद्धार के लिए सहज योग की प्रणेता प.पू. माताजी श्री निर्मला देवी ने आत्मसाक्षात्कार देना आरंभ किया था जो आज विश्व के 170 से अधिक देशों में फैल चुका है।
जयपुर से आएं जीडी पारिख ने सहज कृषि के विषय में बताते हुए कहा की कृषको को सहज तरीके अपनाकर कृषि करना चाहिए इसके पैदावार कई गुना बढ़ जाती है। कीटनाशक का छिडक़ाव नहीं करना पड़ता है। दुधारु पशुओं को सहज कृषि से उगाया चारा खिलाने से दुध उत्पादन दो गुना हो जाता है कम पानी में भी भरपूर फसल ली जा सकती है। वर्तमान में देश के 20 से अधिक राज्यों में 3 लाख से अधिक किसान सहज कृषि करके लाभांवित हो रहे है। शाम 7 बजे से देर रात तक फिल्मी संगीतकार धनंजय धुमाल (नासिक) ने भजनों की प्रस्तुति दी। धुमाल ने भक्तों को भक्ति रस्म सरोबार कर दिया। साधक झूमकर नाचने लगे।
कल प्रात: 10 बजे निर्मलधाम आश्रम से पालकी यात्रा निकलेगी। दिन में ध्यान पूजन होगा। सायं 6 बजे से विशाल भजन संध्या का आयोजन होगा। समन्वयक प्रकाश मुंदड़ा, वासुदेव शुक्ला, महेन्द्र व्यास, प्रदीप रस्से, हेमसिंह पंवार, प्रेमनारायण जोशी, संतोष वर्मा, श्रीमती राज भाटिया, श्रीमती क्षमा व्यास आदि ने धर्मप्रेमी जनता से धर्म लाभ लेने की अपील की है।