दक्षिण कोरिया के उद्यमियों के लिये मध्यप्रदेश में इलेक्ट्रानिक्स पार्क बनाने की पेशकश
उद्यमियों से अलग-अलग चर्चा, निवेश सम्मेलन में कोरियन उद्यमियों ने दिखाया उत्साह
भोपाल,22 जून (इ खबर टुडे )प्रदेश में निवेश आकर्षित करने के लिये अपनी तीन देशों की यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज दक्षिण कोरिया की राजधानी सियोल में दक्षिण कोरियाई उद्यमियों से अलग-अलग चर्चा की और निवेश संवर्धन सम्मेलन को संबोधित किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने दक्षिण कोरियन उद्यमियों के लिये मध्यप्रदेश में इलेक्ट्राँनिक पार्क बनाने की पेशकश भी की।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने सेमसंग ग्रुप के सहायक सी.जे. ग्रुप के एक्जीक्यूटिव वाइस प्रेसीडेंट यंग एस. चोई, जीईएनसीओ कार्पोरेशन सर्विस के चीफ एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर पार्क जोंग-हून, एमईसीएन के मैनेजिंग डायरेक्टर पार्क जाय चूल और दोहबा इंजीनियरिंग के वरिष्ठ प्रतिनिधियों से मध्यप्रदेश में निवेश के संबंध में अलग-अलग चर्चा की।
मुख्यमंत्री ने मध्यप्रदेश में निवेश संभावनाओं के विषय में इंटरएक्टिव सेशन में कहा कि मध्यप्रदेश सरकार निजी क्षेत्र की आवश्यकताओं को समझती है। निवेशकों को कोई बाधा न आये इसके लिये प्रदेश में सिंगल विंडो क्लीयरेंस की व्यवस्था की गई है। इस सेशन में 100 से ज्यादा प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। इस अवसर पर उद्योग मंत्री कैलाश विजयवर्गीय भी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश में 10 वृहद सीमेंट प्लांट, 6 पॉवर प्लांट तथा एक एल्युमीनियम प्लांट (निर्माणाधीन है)। बड़ी संख्या में लौह अयस्क, रॉक फास्फेट, फैरो मेंगनीज, बेनेफीसिएशन प्लांट उत्पादन शुरू करने जा रहे हैं। साथ ही अनेक बड़े टेक्सटाइल प्लांट काम कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश में ब्रिज स्टोन, आइसर-वोल्वो, केपेरो, मान फोर्स, ल्यू गांग, हाईडल वर्ग सीमेन्ट, रैनबेक्सी, ल्यूपिन, एचईजी तथा एवटेक सहित अनेक विदेशी कंपनियों ने पूँजी निवेश किया है। प्रदेश में परियोजना स्थापना के लिये तुलनात्मक रूप से बड़ी मात्रा में गैर कृषि भूमि उपलब्ध है।
श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में 50 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में नवीन औद्योगिक क्षेत्रों की स्थापना प्रस्तावित है। प्रस्तावित इनवेस्टमेंट कॉरीडोर्स और दिल्ली-मुम्बई इंडस्ट्रियल कॉरीडोर के अधोसंरचना विकास में पूँजी निवेश के अच्छे अवसर उपलब्ध हैं। राज्य शासन द्वारा निवेशक मित्र नीतियाँ लागू की गई हैं। निवेश संवर्धन साधिकार समिति का गठन किया गया है। यह समिति औद्योगिक परियोजनाओं से संबंधित मामलों का निराकरण करती है। समिति द्वारा अभी तक 184 मेगा परियोजनाओं को अनुमोदित किया गया है। मध्यप्रदेश में कानून व्यवस्था बहुत अच्छी है और औद्योगिक इकाइयों में मानव दिवसों की हानि देश में सबसे कम है। श्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश में ईको टूरिज्म के क्षेत्र में विकास की बहुत संभावनाएँ हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली-मुम्बई इंडस्ट्रियल कॉरीडोर में पीथमपुर-धार-महू के विकास के लिये क्षेत्रीय योजना तैयार की गई है। इस इन्वेस्टमेंट नोड में नॉलेज सिटी उज्जैन, इंदौर हवाई अड्डे से पीथमपुर के बीच इकॉनामिक कॉरीडोर, इंटीग्रेटेड मल्टी मोडल लॉजिस्टिक हब पीथमपुर, जलापूर्ति तथा दूषित जल प्रबंधन पीथमपुर और एजुकेशन हब भोपाल शामिल है।
मुख्यमंत्री ने मध्यप्रदेश में ऑटोमोबाइल, ऑटो कम्पोनेन्टस, इंजीनियरिंग, टेक्सटाईल्स, मिनरल्स, खाद प्र-संस्करण, ऊर्जा, पर्यटन, शिक्षा आदि क्षेत्रों में विकास की असीम संभावनाओं की जानकारी देते हुए निवेशकों को इन क्षेत्रों में निवेश करने के लिये आमंत्रित किया है।
मुख्यमंत्री ने सभी उद्यमियों को आगामी 28-30 अक्टूबर, 2012 को इंदौर में होने वाली ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में आने का निमंत्रण भी दिया। इस समिट में पूरी दुनिया से 2 हजार से अधिक व्यवसाई प्रतिनिधि भाग लेंगे। सीआईआई मध्यप्रदेश के पास्ट चेयरमेन और राज रतन ग्लोबल वायर लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर सुनील चौरड़िया ने आभार व्यक्त किया।