November 24, 2024

तीन सौ किसानों ने लिया जैविक खेती का संकल्प

बांगरोद में जैविक कृषि कार्यशाला का समारोहपूर्वक शुभारंभ

बांगरोद (रतलाम),8 नवंबर (इ खबरटुडे)। जिले के तीन सौ से अधिक कृषक अब रासायनिक खेती छोडकर स्वास्थ्यकर जैविक खेती करेंगे। किसानों ने जैविक खेती का यह संकल्प,संघोष सामाजिक सेवा समिति द्वारा जैविक कृषि पर आयोजित तीन दिवसीय कार्यशाला के शुभारंभ के अवसर पर लिया। कार्यशाला का शुभारंभ मप्र वित्त आयोग के चेयरमेन एवं पूर्व गृहमंत्री हिम्मत कोठारी ने गौमाता का पूजन कर किया।
संघोष सामाजिक समिति रतलाम द्वारा ग्राम बांगरोद स्थित श्रीराम गौशाला में आयोजित जैविक कृषि कार्यशाला के शुभारंभ अवसर पर आयोजित समारोह में भारतीय किसान संघ के दयाराम धाकड,कृषि उपसंचालक सीके जैन और ग्रामीण विकास ट्रस्ट के आरुण आर जोशी विशेष रुप से उपस्थित थे। समारोह की अध्यक्षता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ जावरा के जिला संघचालक एवं जैविक कृषक जुझारसिंह सोलंकी ने की।
समारोह को सम्बोधित करते हुए मुख्य अतिथि म.प्र.वित्त आयोग के अध्यक्ष हिम्मत कोठारी ने कहा कि जैविक खेती का महत्व लगातार बढता जा रहा है,और जनसामान्य में जैविक कृषि उत्पादों के प्रति रुचि बढ रही है। यदि शहरों में जैविक कृषि उत्पादों का अलग से बाजार हो तो बडी संख्या में ग्राहक मिल सकते है। कार्यक्रम के विशेष अतिथि दयाराम धाकड विगत तेरह वर्षों से सिर्फ जैविक खेती कर रहे है। श्री धाकड ने समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के मुताबिक मानव रासायनिक खाद्य पदार्थों के कारण  प्रतिदिन २७ एमजी जहर खा रहा है। इससे jevik4 jevik3 jevik2लकवा,हृदयाघात,केन्सर और उच्च रक्तचाप जैसी गंभीर बीमारियां लगातार बढ रही है। उन्होने कहा कि रासायनिक दवाओं और खाद के अत्यधिक उपयोग से पंजाब की जमीनें बंजर हो चुकी है। श्री धाकड ने कहा कि कचरा चांदी के समान,गौमूत्र हीरे के समान और गोबर तो स्वयं लक्ष्मी के समान है। इनका उपयोग करके ही खेती को भी बचाया जा सकता है और अच्छी गुणवत्ता की फसलें ली जा सकती है। ग्रामीण विकास ट्रस्ट के अरुण आर जोशी ने कहा कि रासायनिक खेती से उत्पादन तो बढता है किन्तु प्राप्त फल मानव जीवन के लिए अत्यन्त हानिकारक होती है। इसीलिए जैविक खेती आज के युग की महती आवश्यकता है। प्रदेश सरकार जैविक खेती को बढावा देने के कई प्रयास कर रही है। जैविक खादों पर भी अनुदान देने की योजना पर विचार किया जा रहा है।
कृषि उपसंचालक सीके जैन ने शासन द्वारा संचालित जैविक खेती पर आधारित विभिन्न योजनाओं की विस्तार से जानकारी दी। श्री जैन ने बताया कि अब  जैविक खाद आदि तैयार करने पर शासन द्वारा अनुदान भी दिया जाने लगा है। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे जैविक कृषि से जुडे जुझारसिंह सोलंकी ने कहा कि जैविक कृषि अत्यन्त लाभकारी कृषि है,लेकिन शुरुआत में थोडा धैर्य रखना पडता है। उन्होने कहा कि किसानों को शुरुआत में थोडी जमीन पर जैविक कृषि प्रारंभ कर धीरे धीरे इसका रकबा बढाना चाहिए।
प्रारंभ में अतिथियों ने गौमाता और कृषि के आदि देव बलराम जी का विधिवत पूजन व दीप प्रज्वलन कर कार्यशाला का शुभारंभ किया। इस मौके पर जिले भर से आए तीन से अधिक किसान प्रतिभागियों ने रासायनिक कृषि छोडकर जैविक कृषि करने के संकल्प पत्र पर हस्ताक्षर किए। कार्यक्रम का संचालन  अंशुल जैन ने किया,जबकि संघोष सामाजिक संस्था के संयोजक पंकज जोशी ने आभार माना। कार्यशाला के शुभारंभ समारोह में बडी संख्या में किसान बन्धु व रतलाम के अनेक गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

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