September 30, 2024

डीआईजी धर्मेंद्र चौधरी को दिया गया राष्ट्रपति वीरता पदक राष्ट्रपति सचिवालय ने वापस लिया

रतलाम,05 अक्टूबर(इ खबरटुडे)। रतलाम रेंज डीआईजी आईपीएस धर्मेंद्र चौधरी को दिया गया राष्ट्रपति वीरता पदक वापस राष्ट्रपति सचिवालय ने वापस ले लिया है। प्रदेश में संभवत: यह पहला मामला है जब राष्ट्रपति द्वारा दिए गए वीरता के पुरूस्कार को वापिस लिया गया हो । आईपीएस चौधरी से वीरता पदक वापिस लेने  यह फैसला राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग की अनुशंसा पर किया गया  है ।
उल्लेखनीय  है कि 5 दिसंबर 2002 को झाबुआ कोतवाली के खेडी गांव मे कु यात अंतर राज्यीय  ईनामी डकैत  लोभान का एनकाउन्टर हुआ था जिसके बाद राज्य शासन ने वीरता पदक का प्रस्ताव केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजा था। इसी एन्काउंटर के बाद वीरता के लिए चौधरी को 15 मई 2004 को राष्ट्रपति द्वारा वीरता पुरस्कार दिया गया था। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने जांच में लोभान के एनकाउन्टर को फर्जी करार देकर 5 लाख रुपये का मुआवजा राज्य शासन को लोभान के परिजनों को देने के निर्देश दिये थे मगर राज्य सरकार धर्मेंद्र चोधरी के साथ खड़ी  हो गई थी। सरकार ने एनकाउन्टर को सही ओर वैधानिक बताते हुऐ राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को 2011 मे अपने फैसले पर पुनर्विचार करने को कहा था। आयोग ने राष्ट्रपति से पुरूस्कार वापिस लेने की अनुशंसा की थी। राष्ट्रपति सचिवालय ने पुरूस्कार वापिस लेने की अधिसुचना चारी कर दी है।

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