November 23, 2024

जल की जागरुकता,गहरा कर दिया तालाब

बिना किसी सरकारी मदद के ग्रामीणजन ही जुटे खुद की मदद में

रतलाम,15 जून (इ खबरटुडे)। लगातार गिरते भू जलस्तर और अनियंत्रित वर्षा के कारण उत्पन्न होने वाली परेशानियों से बचने के लिए जलस्रोतों  का सुव्यवस्थित संरक्षण अत्यन्त आवश्यक है। लगातार उत्पन्न हो रही विषम परिस्थितियों ने अब लोगों को जल के प्रति जागरुक बना दिया है। समीपस्थ ग्राम नगरा में स्थानीय ग्रामीणजनों ने बिना किसी सरकारी मदद के सिर्फ स्वयंप्रेरणा से गांव के तालाब का कायापलट कर दिया।
उल्लेखनीय है कि विगत कुछ वर्षों तक जलस्रोतों  के संरक्षण और नए जलस्रोतों  के निर्माण के लिए शासन स्तर पर जलाभिषेक अभियान चलाए जाते रहे हैं। लेकिन ये जलाभिषेक अभियान सरकारी कार्यक्रम ही बनकर रह जाते थे। इन कार्यक्रमों में जनसामान्य की भागीदारी अफसरों के दबाव की वजह से बना करती थी। लेकिन अब लगता है कि माहौल बदल रहा है। आम लोगों में अपने जलस्रोतों  के प्रति उदासीनता का भाव न सिर्फ समाप्त हो रहा है,बल्कि जलस्रोतों  के संरक्षण के लिए स्वयंप्रेरणा से कार्य किए जा रहे है। ग्राम नगरा में तालाब का गहरीकरण इसकी शानदार मिसाल है।talab4 talab2 talab3
समीपस्थ ग्राम नगरा के तालाब के गहरीकरण लिए ग्रामवासी पिछले करीब आठ दिनों से जुटे हुए है। इस अभियान में न तो किसी तरह की सरकारी मदद ली गई है और ना ही किसी तरह का प्रचार ही किया गया है।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के समग्र ग्राम विकास से जुडे कार्यकर्ताओं ने ग्रामवासियों के समक्ष तालाब के गहरीकरण का प्रस्ताव रखा और देखते ही देखते तालाब गहरीकरण का अभियान शुरु हो गया। तालाब गहरीकरण से जुडे पं.गणेशदास बैरागी ने बताया कि पिछले आठ दिनों में तालाब से करीब दो-ढाई हजार ट्राली मिट्टी निकाली जा चुकी है। तालाब का गहरीकरण जेसीबी मशीन से किया जा रहा है। मशीन संचालक को प्रति ट्राली डेढ सौ रुपए दिए जाते है। गांव के जिन किसानों को अपने खेतों के लिए तालाब की उपजाउ मिट्टी की जरुरत है,वे स्वयं अपनी ट्राली लेकर पंहुचते है और मिट्टी लेकर अपने खेतों में डाल लेते है। जो जितनी ट्राली मिट्टी लेता है,वह जेसीबी को उसका भुगतान कर देता है। अब स्थिति यह है कि तालाब की मिट्टी लेने के लिए तालाब पर ट्रेक्टरों की कतारें लगी है। तालाब से करीब ढाई हजार ट्राली मिट्टी निकाली जा चुकी है।

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