January 23, 2025

कलेक्टोरेट-कोर्ट तिराहे पर लगातार ट्रैफिक जाम की स्थिति,गुलाब चक्कर के यातायात अवरोधक हटाना जरुरी

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रतलाम,1 अगस्त(इ खबरटुडे)। छत्रीपुल के टूटने के बाद से यातायात का सारा दबाव कलेक्टोरेट कोर्ट तिराहे पर आ गया है। कलेक्टोरेट परिसर के प्रवेश द्वार मच्छी दरवाजे पर दिन में कई कई बार ट्रैफिक जाम की स्थिति बनने लगी है। समस्या का समाधान तभी संभव है,जब गुलाब चक्कर पर लगाए गए बैरिकेटिंग हटा दिए जाए।
उल्लेखनीय है कि पूर्व कलेक्टर बी चन्द्रशेखर ने गुलाब चक्कर में खुला मंच बनाने के उद्देश्य से बैरिकेटिंग लगाकर मंच के सामने का यातायात दोनों तरफ से रोक दिया था। श्री बोरकर के समय गुलाब चक्कर का सौन्दर्यीकरण भी नए सिरे से किया गया था और इस खुले मंच पर एक दो सांस्कृतिक आयोजन भी किए गए थे। लेकिन जल्दी ही यह तथ्य सभी के ध्यान में आ गया था कि यह स्थान खुले मंच के लिए पूरी तरह अनुपयुक्त है। इसका कारण यह है कि गुलाब चक्कर और कलेक्टोररेट परिसर में बडी संख्या में पेड लगे हुए है और इन पेडों पर हजारों परिन्दे रहते है। सांस्कृतिक आयोजन शाम के ही वक्त होते है,और यही वक्त परिन्दों के अपने घर लौटने का होता है। ये हजारों परिन्दे पेडों पर से बीट करते है,और सांस्कृतिक आयोजन में मौजूद लोगों को यह परेशानी झेलना पडती है। कलेक्टर बी चन्द्रशेखर के स्थानान्तरण के बाद से इस खुले मंच पर एक भी आयोजन नहीं हुआ और ना ही गुलाब चक्कर का सौन्दर्यीकरण पूरा हो पाया।
इधर छत्री पुल के अचानक टूट जाने के बाद कोर्ट कलेक्टोरेट तिराहे पर यातायात का दोहरा दबाव हो चुका है। यहां दिन में कई कई बार जाम की स्थिति बनती है और दुर्घटनाओं की आशंका सदैव बनी रहती है। पूर्व के कलेक्टरों ने शहर एसडीएम कार्यालय के बाहर भी बैरिकेटिंग लगाकर इस रास्ते को भी बन्द कर दिया था। हांलाकि यह निर्णय किस आधार पर लिया गया था,यह कोई नहीं जानता।
लेकिन इस तरह के बेसिर पैर के निर्णयों का खामियाजा आज न सिर्फ आम नागरिकों को बल्कि तमाम पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को भी भुगतना पड रहा है। मच्छी दरवाजे पर पुलिसकर्मियों को तैनात करना पड रहा है और इसके बावजूद भी यहां लगातार यातायात जाम होता रहता है।
इस समस्या का हल बडा आसान है। चूंकि गुलाब चक्कर का खुला मंच अब पूरी तरह अनुपयोगी सिध्द हो चुका है,ऐसे में गुलाब चक्कर के खुले मंच के सामने लगाए गए बैरिकेट्स और एसडीएम कार्यालय के सामने लगाए गए बैरिकेट्स को यदि हटा दिया जाता है,तो एक स्थान पर पडने वाला यातायात दबाव कई हिस्सों में बंट जाएगा।
वैसे भी कलेक्टोरेट का नया भवन बनकर तैयार हो चुका है,और कलेक्टोरेट को जल्दी ही वहां शिफ्ट किया जाना है। ऐसी स्थिति में कलेक्टोरेट परिसर में लगाए गए अनावश्यक बैरिकैट्स को हटाने में पुलिस को कोई समस्या नहीं होना चाहिए।

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