कपिल हत्याकाण्ड के आरोपियों के लिए मृत्युदण्ड की मांग,जिला न्यायालय में अभियोजन की बहस पूरी,शुक्रवार को होगी बचाव पक्ष की बहस
रतलाम,5 जुलाई (इ खबरटुडे)। शहर को करीब एक माह तक कफ्र्यू के साये में ढकेल देने वाले कपिल राठौड हत्याकाण्ड के आरोपियों के लिए न्यायालय से फांसी की मांग की गई है। विशेष लोक अभियोजक प्रकाश राव पंवार ने गुरुवार को न्यायालय में अंतिम तर्क प्रस्तुत करते हुए कहा कि आरोपियों ने बिना किसी रंजिश के केवल सांप्रदायिक विद्वेष फैलाने के लिए यह हत्या की थी।
करीब चार वर्ष पूर्व 27 सितम्बर 2014 को अज्ञात आरोपियों ने नगर निगम में तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष कांग्रेस नेत्री यास्मीन शैरानी पर फायर किए थे। इस घटना के बाद शहर में तनाव व्याप्त हो गया था और शहर बन्द हो गया था। इसी दौरान पांच आरोपियों ने मौके का फायदा उठाते हुए रोडवेज बस स्टैण्ड पर पंहुचकर बजरंग दल के कार्यकर्ता कपिल राठौड की दुकान पर हमला कर दिया था। इस वारदात में आरोपियों ने कपिल राठौड पर रिवाल्वर से कई फायर किए थे। दुकान पर काम करने वाले एक युवक पुखराज के गले पर छूरे से वार किए गए थे। कपिल राठौड के छोटे भाई विक्रम राठौड पर भी गोलियां दागी गई थी। इस घटना में कपिल और पुखराज की घटनास्थल पर ही मौत हो गई थी,जबकि कपिल का भाई विक्रम गंभीर रुप से घायल हो गया था। इस हत्याकाण्ड के बाद पूरे शहर में कफ्र्यू लगा दिया गया था। पूरे एक महीने तक शहर में कफ्र्यू लगा रहा और आम लोगों का जीवन अस्त व्यस्त हो गया था।
पुलिस ने कपिल और पुखराज की हत्या के प्रकरण में कुल नौ आरोपियों को नामजद किया था। इनमें से आठ आरोपी गिरफ्तार हो चुके है,जबकि एक आरोपी मुतल्लिफ अब तक फरार है।
अभियोजन के अनुसार,हत्याकाण्ड के मुख्य आरोपी हैदर पिता इमदाद शैरानी,रिजवान पिता रमजानी शैरानी,मुसैफ उर्फ कप्तान पिता इरफान शैरानी,नासिर उर्फ निसार अली पिता निजाम अली ने इस हत्याकाण्ड को अंजाम दिया था। ये चार आरोपी,फरार आरोपी मुतल्लिफ के साथ दो मोटर साईकिलों पर सवार होकर कपिल की दुकान पर पंहुचे थे। पुलिस ने इन पांच आरोपियों के अलावा हत्याकाण्ड में अप्रत्यक्ष तौर पर शामिल रहे चार अन्य व्यक्तियों जाहिद पिता गुलाम मोहम्मद,याहया पिता कासम खां शैरानी,मूसा खान पिता अब्दुल करीम और सैफूल्ला पिता रमजानी खां शैरानी को भी गिरफ्तार किया था। इनमें से जाहिद ने आरोपियों को बाइक उपलब्ध कराई थी,जबकि याहया ने रिवाल्वर उपलब्ध कराया था। इसी तरह अन्य दो आरोपियों ने भी छूरा और रिवाल्वर उपलब्ध कराए थे।
प्रकरण में अभियोजन और बचाव पक्ष की ओर से प्रस्तुत साक्ष्यों और दस्तावेजों के बाद गुरुवार को अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक प्रकाश राव पंवार ने अंतिम तर्क प्रस्तुत किए। जिला न्यायालय के चतुर्थ अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश तरुण सिंह के न्यायालय में बहस करते हुए श्री पंवार ने कहा कि आरोपियों ने बिना किसी रंजिश के केवल सांप्रदायिक विद्वेष फैलाने की नीयत से दो निर्दोष व्यक्तियों को मौत के घाट उतार दिया। आरोपियों का यह कृत्य निस्संदेह मृत्युदण्ड के योग्य है। श्री पंवार ने अपनी बहस में कहा कि प्रकरण के चारों मुख्य आरोपियों को मृत्युदण्ड की सजा दी जाए,जबकि इस हत्याकाण्ड में वाहन और हथियारों की मदद करने वाले आरोपियों का कृत्य भी अत्यन्त गंभीर प्रकृति का है,इसलिए इन आरोपियों को आजीवन कारावास का दण्ड दिया जाए।
अभियोजन पक्ष की बहस के बाद बचाव पक्ष की ओर से अभिभाषक मनमोहन दवेसर ने अभियुक्त जाहिद की ओर से अंतिम तर्क प्रस्तुत किए। बचाव पक्ष की दलील थी कि अभियुक्त जाहिद निर्दोष है और उसे झूठा फंसाया गया है। इसलिए उसे दोषमुक्त किया जाना चाहिए।
बचाव पक्ष की ओर से गुरुवार को केवल एक ही अभियुक्त की ओर से अंतिम तर्क प्रस्तुत किए गए। शेष अभियुक्तों की ओर से उनके अभिभाषक गण शुक्रवार को बहस करेंगे। न्यायालयीन सूत्रों के मुताबिक शुक्रवार को इस बहंचर्चित प्रकरण की बहसें पूरी हो जाएगी और इसके बाद न्यायाधीश तरुण सिंह अपने निर्णय के लिए तिथी निर्धारित करेंगे। इस प्रकरण का अंतिम फैसला अब जल्द आने की उम्मीद है।