December 24, 2024

मामा शिवराज को कौन बना रहा है ”शकुनी”……?

25_07_2020-cm_shivraj_singh_chauhan_coronavirus_positive_2020725_121258

-चंद्र मोहन भगत

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने स्वयं अपने वीडियो जारी कर घोषणा की है कि प्रदेश में किसी भी गरीब को बेघर नहीं रहने दिया जाएगा सभी का अपना जमीन का टुकड़ा होगा अपनी छत होगी बावजूद इसके मामा शिवराज सिंह का 12 साल पुराना विनोद मिल मजदूर बस्ती के लोगों से किया वायदा प्रक्रिया में कौन अटका रहा है समझ से परे है । कुछ लोग इसे प्रक्रियन में उलझा कर मामा शिवराज की छवि को शकुनि की छवि में बदल रहे हैं ।

प्रदेश की जनता के मामा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को निर्मल हृदय वाला जन नेता माना जाता है गरीब मजदूर वर्ग के लिए बहुत सी योजनाओं को क्रियान्वित कर जनता का आश्रय दाता मामा कहलाने लगे हैं । मुख्यमंत्री शिवराज सिंह हाल ही में अपना महा संकल्प घोषित कर चुके हैं कि किसी सर्वहारा वर्ग के व्यक्ति को बेघर नहीं रहने देंगे इस संकल्प को हर हाल में पूरा करने का दावा भी किया है मुख्यमंत्री मामा शिवराज सिंह के इस कथन का वीडियो लगभग सभी प्रदेश वासियों ने देखा है ।

इसके पहले 2014 और 2018 तक के कब्जे धारियों को भी पट्टे देने की घोषणा मामा कर चुके हैं इसीलिए बीनोद मिल रहवासी बस्ती के लोगों को बेदखल करने की कार्रवाई पर भाजपा से लेकर विपक्षी दल और आमजन भी यह सोचने को मजबूर हैं कि खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह प्रत्येक बेघर को घर देने की घोषणा बार-बार कर चुके हैं तो विनोद भील श्रमिक बस्ती के रहवासियों को क्यों बेघर कर रहे हैं ? जबकि खुद मामा मुख्यमंत्री बीते सत्र के निगम चुनाव में पूर्व निगम सभापति सोनू गहलोत तत्कालीन नगर अध्यक्ष इकबाल सिंह गांधी के साथ प्रचार में यह वादा किए थे कि विनोद मिल बस्ती के श्रमिकों को बेदखल नहीं किया जाएगा । इसके बाद किसान महासभा आयोजन के समय भी स्वीकारा था कि वादा किया है उसे निभाएंगे फिर उसके बाद विधानसभा और वर्तमान निगम चुनाव में भी कह गए थे ।

ज्ञात हो कि इस बस्ती के रहवासी 50 से अधिक सालों से यहां निवासरत है कितनी बार मुख्यमंत्री शिवराज सिंह सार्वजनिक रूप से वादा करने के बाद प्रक्रियन की बजाय शिथिल कैसे हो सकते हैं । वर्तमान में विनोद मिल की जमीन हिस्सों में बिकने लगी है और बस्ती के रहवासियों को नोटिस मिलने लगे हैं । अब जब खाली पड़े भवनों को गिराए जाने लगा है और बस्ती के रहवासियों को आवास खाली करने के नोटिस अवैध कब्जा धारी बता कर दिए जाने लगे हैं ,तब आम जनों के मन में यह विचार भी उठने लगा है कि मामा शिवराज को प्रशासनिक अधिकारी या उनके राजनीतिक सहयोगी क्यों मामा शकुनि बनाने पर तुले हैं । क्योंकि इस मजदूर बस्ती में वहीं परिवार निवास कर रहे हैं जिन्हें तत्कालीन मिल प्रबंधन ने आवास आवंटित किए थे अवैध कब्जा धारी नहीं है फिर मामा शिवराज सिंह ही बस्ती में कह गए थे कि सबको यही बसाया जाएगा और तकनीकी दृष्टि से भी 2012 में लिज समाप्त होने के बादये भूखण्ड शासकीय हो गया है इतना सब होने के बाद बार-बार मुख्यमंत्री शिवराज सिंह की घोषणा और वादों के बाद आवंटन की प्रक्रिया का रुका रहना और रहवासियों पर प्रशासन के नोटिस की बौछार मामा शिवराज की छवि को मामा शकुनी की छवि में बदलती जा रही है।

You may have missed

Here can be your custom HTML or Shortcode

This will close in 20 seconds