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देश नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 128 वीं जयंती के अवसर पर उनकी विरासत का सम्मान करने के लिए 23 जनवरी को पराक्रम दिवस-2025 मनाएगा

नई दिल्ली,22 जनवरी (इ खबर टुडे)। पराक्रम दिवस-2025 के अवसर पर, नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जन्मस्थली, ऐतिहासिक शहर कटक के बाराबती किले में 23 जनवरी से 25 जनवरी, 2025 तक एक भव्य समारोह आयोजित किया जाएगा। बहुआयामी समारोह नेताजी की 128वीं जयंती पर उनकी विरासत का सम्मान करेगा। 23 से 25 जनवरी, 2025 तक आयोजित होने वाले तीन दिवसीय कार्यक्रम का उद्घाटन ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी 23 जनवरी, 2025 को करेंगे।

नेताजी की जयंती को ‘पराक्रम दिवस’ के रूप में मनाने के सरकार के फैसले के बाद, उस वर्ष कोलकाता के विक्टोरिया मेमोरियल में पहला पराक्रम दिवस मनाया गया था। वर्ष 2022 में इंडिया गेट, नई दिल्ली में नेताजी की होलोग्राम प्रतिमा का अनावरण किया गया। वर्ष 2023 में, अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह में 21 अनाम द्वीपों का नाम 21 परमवीर चक्र पुरस्कार विजेताओं के नाम पर रखा गया। वर्ष 2024 में, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दिल्ली के ऐतिहासिक लाल किले में इस कार्यक्रम का उद्घाटन किया था, जो इंडियन नेशनल आर्मी (आईएनए) परीक्षणों का स्थल है।

इस परंपरा को जारी रखते हुए, इस वर्ष संस्कृति मंत्रालय द्वारा कटक में पराक्रम दिवस समारोह का आयोजन किया जा रहा है, जो नेताजी का जन्मस्थान है। यह वह शहर है जिसने उनकी प्रारंभिक संवेदनाओं को आकार दिया था। तीन दिवसीय कार्यक्रम की शुरुआत ओडिशा के मुख्यमंत्री श्री माझी और अन्य गणमान्य लोगों द्वारा नेताजी को श्रद्धांजलि अर्पित करने और उस घर पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने से होगी जहां नेताजी का जन्म हुआ था, जिसे अब उनके लिए समर्पित एक संग्रहालय में बदल दिया गया है। इसके बाद, बाराबती किले में पराक्रम दिवस समारोह की शुरुआत प्रधानमंत्री श्री मोदी के वीडियो संदेश के साथ होगी। इसमें नेताजी के जीवन पर केंद्रित एक पुस्तक, फोटो और अभिलेखीय प्रदर्शनी होगी, जिसमें दुर्लभ तस्वीरें, पत्र और दस्तावेज़ों के साथ-साथ उनकी उल्लेखनीय यात्रा को दर्शाने वाली संवर्धित वास्तविकता(एआर)/आभासी वास्तविकता (वीआर) प्रदर्शनी भी होगी। इस अवसर पर एक मूर्तिकला कार्यशाला और एक चित्रकला प्रतियोगिता-सह-कार्यशाला की भी योजना बनाई जा रही है। इस कार्यक्रम में नेताजी की विरासत का सम्मान करते हुए और ओडिशा की समृद्ध सांस्कृतिक परंपरा को उजागर करते हुए सांस्कृतिक प्रदर्शन भी होंगे। कार्यक्रम के दौरान नेताजी के जीवन पर आधारित फिल्में भी दिखाई जाएंगी।

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