October 12, 2024

Cheap Construction : सालाखेडी भाटपचलाना रोड – घटिया निर्माण की जांच हुई,गडबडियां मिली,रिपोर्ट भी सौंपी,लेकिन अब तक नहीं हुई कोई कार्यवाही

रतलाम,07 जनवरी (इ खबरटुडे)। रतलाम से भाटपचलाना को जोडने वाली सालाखेडी भाटपचलाना रोड में घटिया निर्माण की शिकायतों के बाद जांच करवाई गई। जांच में शिकायतें सही पाई गई। जांच करने वाले अधिकारियों ने अपनी रिपोर्ट भी सौंप दी,लेकिन अब तक घटिया निर्माण के दोषियों के खिलाफ  कोई कार्यवाही नहीं हुई है।

करीब 25 करोड की लागत से बनने वाली 27 किमी लम्बाई वाली सालाखेडी भाटपचलाना सडक के निर्माण में गुणवत्ता के मानकों को पूरी तरह नजर अंदाज किया जा रहा था। घटिया सडक निर्माण को लेकर कई जनप्रतिनिधियों ने शिकायत की थी।

 जनप्रतिनिधियों की शिकायत पर जिला प्रशासन के अधिकारियों ने जहां सडक़ को खुदवा कर देखा था,वहीं गडबडी मिलने पर लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को सडक़ निर्माण की गहन जांच करने के आदेश दिए थे।

हार्ड मुरम की जगह मिïट्टी

सडक़ निर्माण के दौरान गुणवत्ता के मानकों को पूरी तरह ताक पर रखा गया था। शिकायतों के मुताबिक सडक में हार्ड मुरम के स्थान पर पीली मिट्टी भर दी गई थी। सडक़ की सीबीआर वैल्यू 12 से उपर होना चाहिए,लेकिन यहां सीबीआर वैल्यू पांच से नीचे मिली थी। इतना ही नहीं डामर की परत के नीचे बिछाई जाने वाली गिट्टी की एक पूरी परत ही गायब कर दी गई थी। रोड की थिकनेस कम थी। करीब 10 सेमी गिट्टी का बेस पूरी तरह गायब कर दिया गया था। इतने घटिया ढंग से बन रही सडक के जल्दी ही जर्जर हो जाने की पूरी आशंका है।

उज्जैन  में बना  दी रतलाम की सड़क

इस सड़क के  निर्माण में गुणवत्ता की गड़बड़िया तो है ही,वित्तीय अनियमितताए भी की गई है। बताया जाता है कि सड़क का निर्माण जिले की सीमा  के भीतर ही किया जाना था लेकिन विभागीय अधिकारियो ने उज्जैन जिले की सीमा में करीब छह किमी सड़क बनवा दी और उसका भुगतान भी करवा दिया। यह गंभीर किस्म की वित्तीय अनियमितता है,लेकिन एम  के आर एस तोमर का कहना है कि ये कोई बड़ी बात नहीं है। आखिर सड़क तो सभी के उपप्योग के लिए होती है।

सही पाई गई शिकायतेंं

शिकायतों के बाद लोक निर्माण विभाग के कार्यपालन यंत्री अनुराग सिंह के नेतृत्व में जांच दल गठित किया गया था। लोनिवि के जांच दल ने करीब तीन स्थानों पर सडक़ की खुदाई करवा कर जांच की। जांच में शिकायतों को सही पाया गया। लोनिवि के अधिकारियों ने अपनी जांच रिपोर्ट भी जिला प्रशासन को सौंप दी। पीडब्ल्यूडी के कार्यपालन यंत्री अनुराग सिंह ने इ खबरटुडे से चर्चा में बताया कि वे अपनी रिपोर्ट जिला प्रशासन को सौंप चुके है। जांच के दौरान सडक निर्माण में गडबडियां सामने आई थी।

इस सडक़ का निर्माण अभी अंतिम चरण में है। इस सड़क का निर्माण ग्रामीण सडको के निर्माण के लिए बनाये गए   एम पी रूरल रोड डेवलॅपमेंट अथॉरिटी (mprrda )  द्वारा किया जा रहा है जिसे पूर्व में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना (pmgsy ) के रूप में जाना जाता था। एमपीआरआरडीए के अधिकारिक सूत्रों के मुताबिक इसका निर्माण मार्च 2022 तक पूरा होना है। सडक़ के निर्माण के दौरान ही गडबडियां सामने आ जाने के बाद इस में सुधार किया जाना चाहिए था,लेकिन ना तो सडक निर्माण की गुणवत्ता में कोई बदलाव आया है और ना ही घटिया निर्माण के दोषी अधिकारियों के विरुद्ध कोई कार्यवाही की गई है। उधर दूसरी तरफ एमपीआरआरडीए  के अधिकारी आरएस तोमर का कहना है कि सडक़ निर्माण में कोई गडबडी नहीं है। सडक निर्माण की गुणवत्ता अच्छी है और सडक़ निर्माण का काम मार्च 2022 तक पूरा हो जाएगा।

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