Delhi Violence: जहांगीरपुरी में महिला को हिरासत में लेने गई क्राइम ब्रांच की टीम पर पथराव
नई दिल्ली,18अप्रैल(इ खबर टुडे)। सोमवार को जब पुलिस की टीम गोली चलाने वाले शख्स सोनू चिकना की पत्नी से पूछताछ और हिरासत के लिए जहांगीरपुरी पहुंची तो कुछ घरों से टीम पर पथराव कर दिया गया। इसके बाद से इलाके में एक बार फिर तनाव का माहौल बना हुआ था। पुलिस सोनू को गिरफ्तार करने के लिए भी पहुंची है। हालांकि आरएएफ की अतिरिक्त तैनाती के बाद अब हालात नियंत्रण में हैं। जब इस बारे में एडिशनल डीसीपी मयंक बंसल से ताजा पत्थरबाजी के बारे में पूछा गया तो वह बोले कि, मुझे हालात का जायजा लेने दीजिए।
देश में हनुमान जन्मोत्सव व रामनवमी पर्व पर देश के कई शहरों में अचानक भड़की हिंसा में किसी बड़ी साजिश के मद्देनजर अब इस मामले में एनआईए से जांच कराए जाने की मांग तेज हो गई है और सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका भी दायर की गई है। एडवोकेट विनीत जिंदल ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर कहा है कि कई राज्यों में ऐसी घटनाएं महज संयोग नहीं हो सकती, इसके पीछे बड़ी साजिश हो सकती है। वकील विनीत जिंदल ने याचिका में कहा है कि राष्ट्रीय सुरक्षा के चलते कई राज्यों में फैली हिंसा के सभी मामलों की संयुक्त जांच NIA से कराई जानी चाहिए।
दिल्ली हिंसा में फायरिंग करने वाले समेत 21 गिरफ्तार
दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में हनुमान जयंती की शोभायात्रा पर शनिवार को पथराव के बाद भड़की हिंसा मामले में पुलिस ने मुख्य आरोपी अंसार समेत 21 लोगों को गिरफ्तार कर लिया। इनके अलावा 2 नाबालिग भी पकड़े गए हैं। करीब 21 लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। पुलिस ने रविवार को 14 आरोपियों को अदालत में पेश किया, जहां से 12 को जेल भेज दिया गया, जबकि अंसार और गोली चलाने का आरोपी असलम एक दिन की पुलिस हिरासत में हैं। गृहमंत्रालय ने एहतियातन सीआरपीएफ और आरएएफ की पांच और कंपनियां इलाके में भेजी हैं। दिल्ली पुलिस ने मामले की जांच अपराध शाखा को सौंप दी है।
आठ जवान समेत 9 लोग हुए जख्मी
उत्तर-पश्चिम जिला पुलिस उपायुक्त उषा रंगनानी ने बताया कि हिंसा के दौरान पुलिस के आठ जवानों समेत 9 लोग जख्मी हुए थे। इनमें एक एसआई के हाथ में गोली लगी थी। रविवार को कुछ नए वीडियो सामने आए, जिनके आधार पर जांच की जा रही है। इलाके की अमन कमेटियों से बात कर माहौल को शांत करने की कोशिश कर रहे हैं। दिल्ली पुलिस के विशेेष आयुक्त दीपेंद्र पाठक (कानून-व्यवस्था) रविवार को दिनभर मौके पर रहे। उन्होंने बताया कि हालात नियंत्रण में हैं। पुलिस ने 200 से अधिक सीसीटीवी कैमरों की फुटेज और वीडियो को कब्जे में लिया है। इन्हीं के आधार पर गिरफ्तारियां की गईं हैं।
शोभायात्रा में शामिल लोगों से बहस के बाद बिगड़ी बात
पुलिस पूछताछ में पता चला कि अंसार और उसके साथियों ने शोभायात्रा निकाल रहे लोगों से बहस की। इसके बाद बात बढ़ी तो पथराव हो गया। इस बीच गोली भी चली। हालात बिगड़े तो पुलिस ने आंसू गैस के गोले चलाकर भीड़ को खदेड़ा। करीब 45 मिनट से एक घंटे तक भीड़ ने हंगामा किया।
वीडियो में दिखा गोली चलाने वाला
रविवार को हिंसा का नया वीडियो सामने आया, जिसमें नीला कुर्ता और सफेद पजामा व टोपी लगाए युवक पिस्टल से भीड़ पर गोली चला रहा है। यह व्यक्ति गोली चलाने के आरोप में पकड़े गए असलम से अलग है। अधिकारियों का कहना है कि इसकी भी पहचान कर ली गई है और तलाश की जा रही है। पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे हिंसा के वीडियो और फोटो पुलिस से साझा करें।
संवेदनशील इलाकों में कड़ी सुरक्षा
जहांगीरपुरी में हुई हिंसा के बाद से राजधानी अलर्ट मोड पर है। सभी संवदेनशील इलाके में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है। हर जिले में पुलिस उपायुक्त और वरिष्ठ पुलिस अधिकारी अमन कमेटियों के साथ बैठक कर लोगों से शांति बनाए रखने और अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील कर रहे हैं। जमीयत-उलमा-ए-हिंद के लोग भी जहांगीरपुरी पहुंचे और लोगों से मुलाकात कर शांति बनाए रखने की अपील की।
इन लोगों की गिरफ्तारी
पुलिस ने जहांगीरपुरी निवासी जाहिद (22), अंसार (35), शहजाद (33), मुख्तियार अली (28), आमिर (22), अकसर (26), नूर आलम (28), मोहम्मद असलम (22), जाकिर (22), अकरम (22), इम्तियाज (29), मोहम्मद अल (27), आहिर (35), मोहम्मद अली सेख (22), शेख सौरभ (42), सुकेन के पुत्र सूरज (21) व नीरज (19), सुकेन (45), सुरेश (43) व सुजीत सरकार (28) को गिरफ्तार किया है। दो नाबालिगों को भी पकड़ा गया है। गिरफ्तार आरोपियों में से चार एक ही परिवार के हैं। पुलिस ने असलम व एक आरोपी को पिस्टल समेत दबोचा है। सभी आरोपी जहांगीरपुरी के अलग-अलग ब्लॉक के रहने वाले हैं। आरोपियों के खिलाफ बलवा करने, सरकारी काम में बाधा, ड्यूटी के दौरान हमला, मारपीट, आगजनी, जानलेवा हमला, आपराधिक षड्यंत्र और ऑर्म्स एक्ट का मामला दर्ज किया गया है।
असलम सीएए विरोधी दंगों में भी नामजद: जहांगीरपुरी हिंसा के दौरान गोली चलाने वाले असलम के खिलाफ वर्ष 2020 में सीएए के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हिंसा में भी केस दर्ज हुआ था।