ईसरो चीफ की इच्छानुसार उज्जैन के कुंडेश्वर महादेव मंदिर में विशेष अनुष्ठान शुरू
उज्जैन,14जुलाई (इ खबर टुडे/ब्रजेश परमार)। शुक्रवार को दोपहर श्री हरिकोटा से इसरो ने चंद्रयान- 3 लॉन्च किया है। चंद्रयान- 3 की सफलता के लिए उज्जैन के सांदिपनि आश्रम स्थित कुंडेश्वर महादेव में विशेष चंद्र अनुष्ठान इसरो चीफ की इच्छानुसार किया जा रहा है।भगवान श्री कृष्ण एवं श्री शंकर के मिलन स्थल पर कुंडेश्वर महादेव उनके खडे नंदी एवं चंद्रयान का माडल रखकर पूजन अनुष्ठान किया जा रहा है। चंद्र अनुष्ठान यान के चंद्रमा पर सुरक्षित उतरने तक किया जाएगा।
चन्द्रयान-3 की सफलता के लिए भगवान श्रीकृष्ण की शिक्षास्थली सांदीपनि आश्रम उज्जैन स्थित 84 महादेव में से 40 वें 40/84 श्री कुण्डेश्वर महादेव मंदिर में विक्रमांकित खड़े नन्दी का पूजन महाभिषेक किया गया। इसके साथ ही महादेव भगवान का अभिषेक करते हुए चंद्रमा का विशेष अनुष्ठान किया गया। मंदिर के पुजारी पं.शैलेंद्र व्यास ने बताया कि चंद्रमा पर विक्रम लैंडर की साफ्ट लेंडिंग के लिए यह प्रार्थना और अनुष्ठान किया जा रहा है। यह लैंडिंग के 40 दिनों तक जारी रहेगा।
श्री व्यास ने बताया कि मई माह में इसरो के निदेशक डॉ. एस. सोमनाथ उज्जैन आए थे तब वे यहां आए थे। उज्जैन दर्शन के दौरान यहां चन्द्रयान-3 की सफलता के लिए प्रार्थना करने व आशीर्वाद लेने आ चुके है। उन्होंने यहां पूजन अभिषेक कर मंदिर की विशेषता को जानने के बाद चंद्रयान की सफलता के लिए पूजन अनुष्ठान की इच्छा व्यक्त की थी। पं. व्यास ने बताया कि लॉन्चिग के लिए उल्टी उलटी गिनती शुरू होने के साथ ही मंदिर में अभिषेक पूजन कर लैंडर की लैंडिंग के लिए प्रार्थना की गई।
पं.व्यास ने दावा करते हुए बताया कि श्री कुंडेश्वर महादेव मंदिर विश्व का एक मात्र ऐसा मंदिर है जहां खडे नंदी हैं। पुरातत्व विभाग इस पर लिखे विक्रम शब्द की पुष्टि कर चुका है। यह मंदिर भगवान श्री कृष्ण एवं भगवान श्री शंकर का मिलन स्थल भी कहा जाता है।इस स्थल पर चंद्रयान के मॉडल को मंदिर में रखकर भगवान एवं नंदी जी का पूजन अर्चन अभिषेक कर अनुष्ठान किया गया।