नैतिक मूल्यों में संवेदनशीलता का होता है महत्वपूर्ण स्थान;साहित्य समागम कार्यक्रम में पद्मश्री महेश शर्मा ने कहा
रतलाम ,08 अगस्त (इ खबर टुडे)। वास्तविक सफलता के लिए संसाधनों की उपलब्धता नहीं, संवेदनशीलता भी आवश्यक है। जीवन में व्यवहार कुशलता के साथ साथ संवेदनाओं को समझना भी आवश्यक होता है। दुराचारी को दण्ड और सदाचारी को पुरुस्कृत किया जाना, भेदभाव की श्रेणी में नहीं आता है। जैसे एक दुकानदार अपने दो अलग अलग स्वभाव वाले ग्राहकों से अलग अलग तरीके से व्यापार और व्यवहार करता है उसी प्रकार ईश्वर भी अपना न्याय करता है। किसी भी व्यक्ति की सच्ची सफलता उसके जीवन मूल्यों एवं नैतिकता से तय होती है ना कि उसके धनबल अथवा जनबल से। जीवन में कर्तव्यों के प्रति जिम्मेदारी के साथ साथ नैतिक मूल्यों का होना भी अत्यावश्यक है।
उक्त विचार पदमश्री पुरुस्कार से सम्मानित एवं झाबुआ अलीराजपुर क्षेत्र के आदिवासियों के उन्नयन तथा प्रगति के लिए समर्पित व्यक्तित्व महेश शर्मा ने रतलाम के प्रबुद्धजनों के सामने प्रकट किए। पद्मश्री महेश शर्मा रविवार को रतलाम के अजंता पैलेस में आयोजित साहित्य समागम कार्यक्रम में “कर्तव्यों पर नैतिक बुनियाद” विषय पर मुख्य अतिथि के रूप में सभा को सम्बोधित कर रहे थे। उल्लेखनीय है कि महेश शर्मा अपनी संस्था “शिवगंगा” के माध्यम से विगत अनेक वर्षों से आदिवासियों के बीच “जल, जंगल, जमीन और जानवर” को आधार बनाकर कार्य कर रहे है। आदिवासी क्षेत्र के ग्रामवासियों की समस्या को दूर करने के लिए आदिवासियों के पुराने तरीके “हलमा” का भी आयोजन करते है। उनकी इन विशिष्ट सेवाकार्यों के लिए भारत सरकार ने उन्हें पद्मश्री पुरुस्कार से सम्मानित किया है। महेश शर्मा ने अपने सेवाकार्य क्षेत्र में रतलाम के शुरुआती योगदान के लिए रतलाम को अपनी संस्था के लिए सात्विक मातृत्व भाव वाली दाई माँ के रूप में स्मरण किया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता रतलाम के समाजसेवी अनिल झालानी ने की। उन्होंने इस प्रकार के समागम को समाज के लिए उपयोगी एवं आवश्यक बताया तथा आनेवाले समय में विचार मंथन वाले अधिकाधिक आयोजन की बात कही। कार्यक्रम “दी निसर्ग कलचरल एन्ड एजुकेशनल वेलफेयर सोसाइटी” द्वारा आयोजित किया गया था। कार्यक्रम में शिक्षा के 15 बिंदुओं पर आधारित “दी प्रोजेक्ट डायरी” का अतिथियों द्वारा विमोचन किया गया। उपस्थित प्रबुद्धजनों के समक्ष वर्तमान समय मे कुछ जटिल सामाजिक समस्याओं पर आधारित डॉक्यूमेंट्री फ़िल्म “Where Are We” का प्रदर्शन किया गया। कार्यक्रम का संचालन संस्था के निसर्ग दुबे ने किया। कार्यक्रम के पूर्व उल्हास, उत्सव तथा बेबी रोमा अग्निहोत्री ने देशभक्ति एवं सामाजिक संदेश वाले गीतों की प्रस्तुति दी। साहित्य समागम के इस आयोजन में पर्यावरणविद खुशहाल सिंह पुरोहित, गायत्री परिवार के विवेक चौधरी, रामकृष्ण विवेकानंद आश्रम के सुभाष शर्मा, समाजसेवी गोविंद काकानी, प्रवीण उपाध्याय, राजेश सक्सेना सहित रतलाम के अनेक प्रबुद्धजन उपस्थित थे।