Shri Ram Temple : आ गई खुशखबर,दिसंबर 2023 में अपने मंदिर में विराजेंगे रामलला, फिर वहीं होंगे दर्शन
अयोध्या,10 अक्टूबर (इ खबर टुडे)। अयोध्या से सबसे बड़ी खुशखबर आ गई है। श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के निर्माण की रफ्तार तेज कर दी गई है। नींव की ढलाई का काम पूरा हो गया है। अब राफ्ट के फाउंडेशन का काम तेजी से चल रहा है। यह निर्माण बड़ी मशीनों से रात को 25 डिग्री सेल्सियस तापमान पर किया जा रहा है। ग्राउंड फ्लोर का काम पूरा करने की समयसीमा दिसंबर 2023 तय की गई है। मंदिर ट्रस्ट के पदाधिकारियों का कहना है कि जैसे ही ग्राउंड फ्लोर तैयार हो जाएगा, रामलला को ग्राउंड फ्लोर के मंदिर के गर्भगृह में विराजमान कर दिया जाएगा। तब श्रद्धालु मंदिर मे ही रामलला के दर्शन कर सकेंगे। इस बीच मंदिर की ऊपर की मंजिलों का काम चलता रहेगा।
मंदिर के राफ्ट की नींव पर फाउंडेशन को 5 फुट ऊंचाई तक ले जाना है। जबसे मंदिर ट्रस्ट ने राम लला को मंदिर में स्थापित करने की समय सीमा तय कर दी है, तब से निर्माण कार्य मे तेजी आई है। मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय और कोषाध्यक्ष स्वामी गोविंद देव गिरि का कहना है कि मंदिर निर्माण में मशीनो की संख्या बढ़ाकर एक दर्जन कर दी गई है। अब विशाल मशीनों से भी काम लिया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 5 अगस्त 2020 को अयेाध्या पहुंच कर भूमि पूजन किया था। उसके बाद ट्रस्ट ने मंदिर निर्माण की समीक्षा समय-समय पर की। ट्रस्ट ने जून 2021 की बैठक में मंदिर के ग्राउंड फ्लोर का काम पूरा करने की समयसीमा दिसंबर 2023 तय करने का ऐलान किया। इसके साथ ही इसी माह के अंतिम सप्ताह से गर्भगृह में राम लला को विराजमान कर दर्शन आरंभ करने की भी घोषणा कर दी।
श्रीराम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय के मुताबिक, 2023 तक ग्राउंड फ्लोर तैयार करने के लिए सभी तरह के निर्माण कार्य को समयसीमा में बांधकर तेजी से काम पूरा करवाया जा रहा है। राफ्ट की फाउंडेशन का काम अक्टूबर-नवंबर 2021 तक पूरा करने का लक्ष्य है। दिसंबर 2021 में बेस प्लिंथ का काम पत्थरों से शुरू किया जाएगा। इसमें मिर्जापुर के पत्थर लगेंगे। बेस प्लिंथ की ऊंचाई करीब 15 फुट की होगी। अप्रैल 2022 में मुख्य मंदिर का काम राजस्थान के वंशी पहाड़पुर के पत्थरों से शुरू होगा। मंदिर ट्रस्ट ने 15 जनवरी से 15 फरवरी 2021 के बीच मंदिर निर्माण के लिए धन संग्रह का अभियान चलाया था। इस काम में विश्व हिंदू परिषद और संघ परिवार ने भी सहयोग किया था। मंदिर ट्रस्ट के खाते मे 3,500 करोड़ से ज्यादा धनराशि जमा हो चुकी है। इसके अलावा हर माह करीब 50 लाख रुपये मंदिर के खाते में जमा हो रहे हैं।
मंदिर में लगेंगे 12 लाख घनफुट पत्थर
मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया मंदिर परिसर के 70 एकड़ में भी काम को मंदिर के पूरे निर्माण के साथ 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य है। मंदिर के पूरे निर्माण में कुल 12 लाख घनफुट पत्थर लगेंगे। मंदिर के आर्किटेक्ट निखिल सोमपुरा के मुताबिक, करीब 45 हजार घनफुट पत्थर पहले से तराशे जा चुके हैं। बाकी के पत्थरों को तराशने के काम में तेजी लाने के लिए मशीनों का प्रयोग भी होगा। मंदिर निर्माण में मिर्जापुर और राजस्थान के पत्थरों के अलावा संगमरमर और ग्रेनाइट का भी प्रयोग होगा। नदी के प्रवाह से बचाने के लिए मंदिर के किनारे मजबूत दीवार का भी निर्माण किया जाएगा।
पिलर पर निर्माण की योजना फेल तो हुई देरी
मंदिर निर्माण में लगी इंजिनियरिंग टीम ने पिलर पर मंदिर का निर्माण शुरू करवाया। प्रयोग के तौर पर 12 टेस्ट पिलर तैयार किए गए, लेकिन उस पर जब लोड डालकर मजबूती की टेस्टिंग की गई तो पिलर एक फुट तक धंस गए। ऐसे में मंदिर निर्माण का प्लान बदलना पड़ा। इस वजह से निर्माण का काम काफी पीछे हो गया। इसके बाद मंदिर ट्रस्ट और तकनीकी टीम ने मंथन कर मंदिर निर्माण की पुरानी तकनीक के विशेषज्ञों के परामर्श से पुरानी शैली पर निर्माण शुरू करवाया और पूरे मंदिर के पांच एकड़ क्षेत्र पर नींव का प्लैटफॉर्म तैयार करने के लिए 40 फुट गहराई तक खुदाई करवाई। इस पर 48 लेयर की मोटी ढलाई की, जिस पर राफ्ट का फाउंडेशन बन रहा है।
निर्माण का दूसरा चरण भारी भरकम मशीनों से
श्री राम जन्मभूमि मंदिर की फाउंडेशन के निर्माण के दूसरे चरण में राफ्ट का निर्माण भारी भरकम मशीनों से हो रहा है। इसके बाद पत्थरों से प्लिंथ का निर्माण शुरू होगा। इसमें करीब 4 महीने लगेंगे। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट के सदस्य डॉ अनिल मिश्र ने बताया कि राफ्ट डालने के लिए, दो बूम प्लेसर गर्भ गृह के पास लगाए गए हैं। यह स्वचालित मशीन है, जो कंक्रीट डाल रही है। चंपतराय के मुताबिक, राफ्ट की फाउंडेशन के 15 ब्लॉक बनेंगे। एक ब्लॉक बनाने में एक रात का समय लग रहा है। बीच में एक दिन का गैप देने के बाद अगले ब्लॉक की शटरिंग लगती है। इस तरह एक-एक महीने में 50 फुट ऊंचा राफ्ट का फाउंडेशन तैयार हो जाएगा। मंदिर के चारों दिशाओं में बड़ी टावर क्रेन लगी हैं जो पत्थरों को उठा कर ऊपर पहुंचाने का काम करेंगी। मशीनों के उपयोग से मंदिर में पत्थरों की सेटिंग और जुड़ाई का काम तेज होगा।
अयोध्या और राम मंदिर बना चुनावी मुद्दा
यूपी मे चुनावी सरगर्मी तेज है। सत्ताधारी दल बीजेपी के अलावा कांग्रेस, बीएसपी, AAP और समाजवादी पार्टी ने भी चुनावी अभियान शुरू करने लिए अयोध्या और रामलला के दर्शन में आस्था जताई है। सभी दलों के कार्यक्रम अयेाध्या में हो रहे हैं। बीजेपी ने तो अपने फ्रंटल संगठनों के सम्मेलनों में राम मंदिर के मॉडल के पोस्टर को मंच के पीछे लगाकर, इसको चुनावी भाषण में से जोड़ना शुरू कर दिया है। यहां तक कि बीजेपी के सम्मेलनों मे मंदिर मॉडल के स्मृति चिन्ह को देकर मुख्य अतिथियों को सम्मानित किया जा रहा है।