November 24, 2024

Raag Ratlami-डराने लगी है सांय सांय करती सूनी सडकें, अभी जारी रहेगा डर का माहौल

-तुषार कोठारी

रतलाम। सांय सांय करती सूनी सडकें, साइरन बजाती सरकारी गाडियां,एम्बूलैैंस और कहीं कहीं नजर आते वर्दी वाले। कुल मिलाकर बेहद डरावना मंजर। कोरोना डरावना होता जा रहा है। डर का ये माहौल अभी जारी रहने वाला है।

पिछले साल जब कोरोना की पहली लहर चल रही थी,तब वैक्सीन नहीं थी। वैक्सीन के आते आते लगने लगा था कि बस कोरोना की रवानगी होने ही वाली है। लेकिन कौन जानता था कि कोरोना दुगुनी ताकत से लौटेगा और पहले से ज्यादा डरावनी शक्ल लेकर आएगा। इस बार तो पूरे के पूरे परिवार ही कोरोना की चपेट में आ रहे हैैं। पिछली बार किए गए इंतजाम भी अब कम लग रहे है।

इस डरावने माहौल में जहां कई सारे लोग अपनी जान को जोखिम में डाल कर कोरोना संक्रमितों का इलाज कर रहे है,वहीं ऐसे भी लोग मौजूद है जो इस आपदा में कमाई के अवसर निकाल रहे है। साधारण सर्दी जुकाम वालों के भी सीटी स्केन कराए जा रहे है ताकि कमीशन कमाया जा सके। हांलाकि ऐसे लोगों की तादाद कम है।

सरकारी इंतजामों की कहानी भी मिली जुली है। कई सारे लोग राजी खुशी ठीक होकर आ रहे है तो कई सारे शिकायतों का अम्बार लेकर आ रहे है। मेडीकल कालेज से निकल कर आने वाली कहानियां मिली जुली है। कोई साफ सफाई का रोना रोता मिलता है,तो कोई इलाज में लापरवाही की शिकायतें करता नजर आता है। शहर के कई सारे संक्रमित दूसरे शहरों में जा चुके है।

लोगों को यह डर भी सता रहा है कि कहीं लाक डाउन फिरसे स्थाई समस्या ना बन जाए। फिलहाल शनि रवि दो दिनों का लाक डाउन है। जानकार लोगों का मानना है कि अब लाक डाउन जैसे कदम हफ्ते में एक दो दिन के लिए ही उठाए जा सकते है। पूरे सप्ताह का लाकडाउन लगाने का फैसला होने के चांस कम ही है। यह भी माना जा रहा है कि दो तीन महीनों का खतरा और है। वैक्सीनेशन की बढती गति कोरोना की गति को थाम लेगी। फिर भी जब तक कोरोना की स्पीड पर ब्रेक नही लगता,डरावने माहौल में रहना मजबूरी है।

हे भगवान इतनी सख्ती…

कोरोना से निपटने के लिए मास्क जरुरी है। यही वजह है कि इंतजामिया के अफसर मास्क के लिए सख्त रवैया अपनाए हुए हैैंं। मास्क ना लगाने वालों को किसी ना किसी तरह से मास्क की आदत लगाना है। बस इसीलिए इंतजामिया सख्ती दिखा रहा है। लेकिन इसी चक्कर में कई सारे लोग बेवजह तकलीफ भी पा रहे है। अफसरों ने अपने मातहतों को मास्क ना लगाने पर जुर्माना वसूलने के टार्गेट दे दिए है। अब टार्गेट पूरा करने के चक्कर में कारिन्दे किसी भी हद तक चले जाते है। एक निजी दफ्तर के कर्मचारी अपने दफ्तर के भीतर भी मास्क लगाए बैठे थे,लेकिन उनका जुर्माना केवल इसलिए कर दिया गया कि मास्क नाक से नीचे खिसका हुआ था। ऐसे कई किस्से सामने आ रहे है। फिर भी इस पर हम कुछ नहीं कहेंगे क्योंकि मास्क है जरुरी।

You may have missed