December 24, 2024

Dangerous Buildings : शहर में खतरनाक भवनों की भरमार,मानसून सर पर लेकिन नगर निगम को नहीं है दुर्घटनाओं की परवाह

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रतलाम,01 जून (इ खबरटुडे)। शहर में खतरनाक हो चुके भवनों की भरमार है,लेकिन नगर निगम इनसे अनजान बना हुआ है। आमतौर पर मानसून के पूर्व जर्जर और खतरनाक हो चुके भवनों का सर्वे कर उन्हे खाली करने के नोटिस दिए जाते हैैं,लेकिन मानसून सिर पर आ चुका है और अब तक नगर निगम की तरफ से ऐसी कोई कार्यवाही शुरु नहीं हुई है। ध्यान रहे कि कुछ वर्षों पूर्व ही तेज बारिश के चलते जर्जर भवनों के ढहने से कई लोगों की मौत भी हो चुकी है।

मानसून आने के पहले आमतौर पर नगर निगम द्वारा जर्जर और खतरनाक हो चुके भवनों का सर्वे किया जाता है,जिससे कि ऐसे भवनों में रहने वालें नागरिकों को बारिश से होने वाले खतरों से आगाह किया जा सके। नगर निगम द्वारा ऐसे भवनों को खतरनाक घोषित कर इन्हे खाली करवा लिया जाता है। उल्लेखनीय है कि कुछ वर्षों पूर्व ही शहर के मध्य तेज बारिश के चलते इसी प्रकार का एक जर्जर भवन ढह गया था और एक ही परिवार के कई लोग इस दुर्घटना में काल कवलित हो गए थे।

जून का महीना शुरु हो गया है। एक-दो हफ्तों में मानसून का आगमन होने वाला है। लेकिन अब तक नगर निगम ने शहर के पुराने जर्जर और खतरनाक हो चुके भवनों का सर्वे नहीं किया है। जबकि वस्तुस्थिति यह है कि शहर के हर इलाके में सौ साल से अधिक पुरानी इमारते मौजूद है,जो कि समय गुजरने के साथ जर्जर हो चुकी है। इन इमारतों में बडी संख्या में नागरिक रह रहे हैैं। तेज बारिश होने की स्थिति में ऐसी जर्जर इमारते ढह सकती है।

शहर के किसी भी इलाके में चले जाईए। स्टेशन रोड हो या माणकचौक,चौमुखीपुल हो या सेठ जी का बाजार,हर इलाके में कई सारी ऐसी इमारतें है,जिन्हे बने हुए सौ साल से अधिक का समय हो चुका है। इस तरह की तमाम पुरानी इमारतें अब जर्जर हो कर खतरनाक हो चुकी है।

नगर निगम के लोक निर्माण विभाग की जिम्मेदारी है कि मानसून पूर्व शहर की ऐसी इमारतों का सर्वे कर इनमें रहने वाले नागरिकों को इस सम्बन्ध में आगाह किया जाए। जर्जर भवनों में रहने वालों को नोटिस देकर बताया जाए कि वे जिस इमारत में रह रहे है,वह तेज बारिश की स्थिति में ढह सकती है और जानलेवा साबित हो सकती है।

नगर निगम के सिटी इंजीनियर जीके जायसवाल ने इ खबरटुडे को बताया कि नगर निगम द्वारा शहर के जर्जर और खतरनाक भवनों का सर्वे कराया जा रहा है। जो भवन सौ साल से अधिक पुराने है उनकी स्थिति देखकर उन्हे खतरनाक घोषित करने की कार्यवाही की जा रही है और खतरनाक हो चुके भवनों को खाली करने के नोटिस जारी करने की प्रक्रिया भी चल रही है।

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