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एक अप्रैल से नए नियम लागू, इनकम टैक्स से लेकर यूपीआई के नियमों में बदलाव

April 1 changes in income tax and UPI regulations: बजट में वित्तमंत्री ने जो घोषणाएं की थी, वह सभी नए वित्त वर्ष यानी एक अप्रैल से लागू हो जाएंगी। इसका सीधा असर लोगों पर पड़ने वाला है। इसके अलावा एक अप्रैल से इनकम टैक्स के अलावा यूपीआई से जुड़े नियमों में भी बदलाव होगा। यह आपके लेनदेन को प्रभावित कर सकता है। इसके अलावा एक अप्रैल से मकान मालिकों को किराए से होने वाली आय की सीमा भी बढ़ जाएगी।


नया वित्तवर्ष 2025-26 एक अप्रैल से शुरू होने जा रहा है। हर साल एक अप्रैल से काफी नियम बदल जाते हैं। इस बार भी कुछ नियम बदलने वाले हैं। इसमें खासकर आयकर से लेकर बचत के नियमों पर असर पड़ेगा। यह नियम सीधे आपकी जेब पर असर डालेंगे। नए वित्तवर्ष में आयकर दाता नई या फिर पुरानी कर प्रणाली में से किसी भी एक का चुनाव अपनी इच्छा के अनुसार कर सकते हैं। नई कर प्रणाली में किसी भी प्रकार के निवेश पर कर में छूट नहीं है। पुरानी प्रणाली पहले की तरह रहेगी। इसमें सभी प्रकार के निवेश करों पर छूट का दावा किया जा सकता है। ऐसे में कोई भी आयकर दाता अपनी इच्छा के अनुसार नई या फिर पुरानी कर प्रणाली का चुनाव कर सकता है।

नए नियमों के अनुसार शून्य से चार लाख रुपये तक कोई आयकर नहीं लगेगा। चार से आठ लाख रुपये तक पांच प्रतिशत, आठ से 12 लाख तक दस प्रतिशत, 12 से 16 लाख रुपये तक 15 प्रतिशत, 16 से 20 लाख रुपये तक 20 प्रतिशत, 20 से 24 लाख रुपये तक 25 प्रतिशत तक तथा 24 लाख से ज्यादा की आय होने पर 30 प्रतिशत टैक्स देना होगा। इसके अलावा नए वित्तवर्ष में वेतनभोगियों को 12 लाख 75 हजार तक की आय में कोई टैक्स नहीं देना होगा। नई कर प्रणाली का चुनाव करने वाले आयकर दाताओं को 12 लाख रुपये तक टैक्स फ्री रखने की घोषणा की है। जो कर्मचारी हैं, उनको 75 हजार रुपये का अतिरिक्त स्टैंडर्ड डिडक्शन की छूट दी जाएगी।


ब्याज की सीमा बढ़ेगी
एक अप्रैल से एफडी, आरडी और अन्य बचत योजनाओं के तहत मिलने वाले ब्याज की सीमा बढ़ जाएगी। वरिष्ठ नागरिकों को ब्याज से होने वाली एक लाख रुपये तक की आय पर कोई टैक्स नहीं देना होगा। पहले यह ब्याज की सीमा 50 हजार रुपये थी। वहीं आम लोगों की ब्याज रा​शि को 40 हजार से बढ़ाकर 50 हजार रुपये कर दिया गया है।


यूपीआई आईडी के भी नियम बदले
जो लोग ऑनलाइन लेनदेन करते हैं, यदि वह अपने मोबाइल नंबर को ए​क्टिव नहीं रखते हैं, तो वह लेनदेन नहीं कर सकेंगे। इसके लिए आपको अपना मोबाइल नंबर ए​क्टिव रखना होगा। ऐसे में जिन उपभोक्ताओं के मोबाइल नंबर यूपीआई से जुड़े हैं और वह नि​ष्क्रिय हैं, उन उपभोक्ताओं के खासी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। उनको अपने मोबाइल नंबर अपने बैंक खातों में अपडेट करवाने होंगे।


मकान किराए में आय की छूट सीमा बढ़ी
नए वित्तवर्ष से ऐसे लोग जिन्होंने अपने मकान किराए पर दिए हुए हैं, उनको आय में छूट की सीमा बढ़ जाएगी। यह आय सीमा छह लाख रुपये हो जाएगी। शहरी क्षेत्र में किराया बाजार को इस योजना से बढ़ावा मिलेगा और लोगों के पास नकदी की उपलब्धता हो सकेगा। इसके अलावा एक अप्रैल से 50 हजार से अ​धिक के चेक भुगतान पर पॉजिटिव पे सिस्टम भी लागू हो जाएगा। इसके तहत आपको चेक की जानकारी पहले ही बैंक को देनी होगी।

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