December 24, 2024

घण्टों तक इंतजार करते रहे करीब एक लाख लोग;मोदी आए तो मोदी मोदी के नारों से गूंज गया पूरा सभास्थल-प्रधानमंत्री के कार्यक्रम की चुनिंदा झलकियां

रतलाम,04 नवंबर (इ खबरटुडे)। तीसरी बार रतलाम आए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को सुनने और मोदी की एक झलक पाने का लोगों में इतना क्रेज है कि लगभग एक लाख लोग प्रधानमंत्री को देखने सुनने के लिए तीन घण्टे से ज्यादा वक्त तक इंतजार करते रहे। जैसे ही प्रधानमंत्री सभास्थल के मंच पर पंहुचे,पूरा पाण्डाल मोदी मोदी के नारों से गूंज उठा।

-प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के हवाई काफिले में वायुसेना के तीन हैलीकाप्टर शामिल थे। प्रधानमंत्री पहले हैलीकाप्टर में सवार थे। प्रधानमंत्री श्री मोदी के हवाई काफिले के आने से करीब आधा घण्टा पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह का हैलीकाप्टर बंजली हवाई पïट्टी पर उतरा। चूंकि मामला प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के रतलाम आगमन का था,इसलिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के आने पर कोई शोर शराबा नहीं हुआ और मुख्यमंत्री बिना किसी नारेबाजी और शोर शराबे के सभास्थल के मंच पर पंहुच गए।

-प्रधानमंत्री का हवाई काफिला दोपहर 3.50 पर रतलाम के आसमान में नजर आया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जिस हैलीकाप्टर में सवार थे,सबसे पहले वही बंजली हवाई पïट्टी पर उतरा और उसके पीछे दोनो हैलीकाप्टर लैण्ड हुए।

-प्रधानमंत्री की अगवानी के लिए भाजपा के चुनिंदा जिला पदाधिकारियों को हवाई पïट्टी पर जाने की अनुमति दी गई थी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आगमन पर वहां मौजूद सभी कार्यकता एक कतार में खडे थे,और प्रधानमंत्री एक एक पदाधिकारी का अभिवादन स्वीकार करते हुए अपने वाहन तक पंहुचे।

-प्रधानमंत्री के हैलीकाप्टर से उतरते ही सबसे पहले भाजपा के जिला कोषाध्यक्ष जयवन्त कोठारी ने उनका अभिवादन किया। इसके बाद अन्य सभी पदाधिकारी कतार में खडे होकर प्रधानमंत्री का अभिवादन कर रहे थे।

-इस दौरान प्रधानमंत्री को कोई हार या फूल भी भेंट नहीं किए गए। हांलाकि कुछ पदाधिकारी प्रधानमंत्री को गुलाब का फूल देकर उनका स्वागत करना चाहते थे,लेकिन प्रधानमंत्री के सुरक्षाकर्मियों ने इसकी अनुमति नहीं दी। यहां तक कि मंच पर भी प्रधानमंत्री का हार फूल से स्वागत नहीं किया गया।

-प्रधानमंत्री के मंच पर पंहुचने पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने उन्हे अंगवस्त्र भेंट कर उनका औपचारिक स्वागत किया। इस मौके पर रतलाम के विधायक और भाजपा प्रत्याशी चैतन्य काश्यप ने ठेवा आर्ट के कलाकार राजेश सोनी द्वारा सोने से निर्मित मोदी जी का चित्र भेंट किया।

-प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मंच पर पंहुचने के बाद मुख्यमंत्री शिवराजं सिंह चौहान ने मात्र 3 मिनट 25 सेकण्ड का संक्षिप्त स्वागत भाषण दिया और इसके बाद सीधे प्रधानमंत्री ने माइक सम्हाल लिया।

-प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने चार बजकर ग्यारह मिनट पर अपना सम्बोधन शुरु किया और पच्चीस मिनट का यह सम्बोधन ठीक 4.36 पर समाप्त हुआ।

-प्रधानमंत्री ने अपने सम्बोधन के ग्यारहवें मिनट पर लाडली बहना का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को मामाजी कहकर बुलाया,जबकि सम्बोधन के उन्नीसवें मिनट पर जबलपुर में रानी दुर्गावती के स्मारक का उल्लेख करते हुए शिवराज सिंह का नाम लिया। प्रधानमंत्री ने मध्यप्रदेश में चलाई जा रही लाडली लक्ष्मी और लाडली बहना योजनाओं की प्रशंसा भी की।

-प्रधानमंत्री मोदी के मंच पर रतलाम के पांचो भाजपा प्रत्याशियों के अलावा उज्जैन जिले के तीन और धार जिले के एक इस कुल 9 भाजपा प्रत्याशी भी मौजूद थे। कार्यक्रम का सञ्चालन मंदसौर के वरिष्ठ भाजपा नेता बंशीलाल गुर्जर ने किया।

-प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को सुनने के लिए बंजली स्थित सभास्थल पर लोगों के पंहुचने का सिलसिला दोपहर बारह बजे से ही शुरु हो गया था। सभा में आने वाले लोगों की बडी संख्या के चलते रतलाम सैलाना रोड पर बार बार चक्काजाम की स्थिति बन रही थी। सभा की समाप्ति के बाद लौटती हुई भीड के कारण भी सड़कों पर चक्काजाम की स्थिति बन रही थी। दोपहिया और चार पाहिया वाहनों की पार्किंग सभा स्थल से काफी दूर होने के कारण सभास्थल से निकल रहे लोग पैदल ही अपने वाहनों तक जा रहे थे। इसके चलते बंजली से लेकर अलकापुरी राम मन्दिर तक पूरे मार्ग में जबर्दस्त भीड हो रही थी। सभा समाप्ति के बाद कम से कम दो घण्टे तक इस मार्ग का यातायात अस्त व्यस्त रहा।

  • प्रधानमंत्री के कडे सुरक्षा प्रोटोकाल के चलते बंजली हवाई पïट्टी पर प्रधानमंत्री के आने और जाने के समय स्वागत करने वाले पदाधिकारियों को काफी पहले से सतर्क कर दिया गया था। स्वागत के लिए हवाई पïट्टी पर जाने वालों की सूचियां पहले से तैयार थी और सुरक्षाकर्मी एक एक व्यक्ति की पूरी जांच के बाद ही हवाई पट्टी पर जाने की अनुमति दे रहे थे। भाजपा ने प्रधानमंत्री के आगमन के समय स्वागत करने वाले कुल पचास पदाधिकारी तय किए गए थे,इसी तरह प्रधानमंत्री को बिदा करने के लिए भी पचास पदाधिकारियों का चयन किया गया था।

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