सात साल पहले म.प्र.से लापता मनोरोगी मुन्ना चौधरी चैन्नई में मिला,स्वयंसेवी संस्था “उदवुम कारंगल” के प्रयासों से मिले बिछुडे भाई
रतलाम,06 सितम्बर (इ खबरटुडे)। मध्यप्रदेश के अनूपपुर जिले के मानपुर से सात साल पहले लापता हुआ मनोरोगी मुन्ना चौधरी सुदूर चैन्नई में मिला। मुन्ना चौधरी को चैन्नई की एक स्वयंसेवी संस्था ने हाईवे पर बुरी हालत में भटकते हुए पाया और अथक प्रयासों से उसे अपने बिछुडे हुए परिजनों से मिलवाया। अपने बिछुडे हुए भाई को सात साल बाद सामने पाकर उसके भाईयों के आंसू निकल आए।
चैन्नई में सक्रिय समाजसेवी संस्था “उदुवुम कारंगल” के सदस्यों को 29 अगस्त 24 को टेलीफोन से सूचना मिली थी कि चैन्नई त्रिची हाईवे पर एक मनोरोगी जैसा व्यक्ति बुरी हालत में भटक रहा है। सूचना मिलने पर संस्था के सदस्य श्री जैकब और उनकी टीम ने बताए हुए स्थान पर पंहुच कर उक्त व्यक्ति का रेस्क्यू किया और उसे उदुवुम कारंगल के आश्रय घर पर लाया गया। संस्था के सदस्यों ने पहले तो उक्त मनोरोगी को नाश्ता इत्यादि करवा कर उसे स्नान करवाया,शेविंग बनवाकर साफ कपडे पहनाए। संस्था के कार्यकर्ता श्रीनिवास राव को मनोरोगियों की काउंसिलिंग करने का कई दशकों का अनुभव है।
श्रीनिवास राव ने मनोरोगी को अपने विश्वास में लेकर उससे पूछताछ की तो रोगी ने अपना नाम मुन्ना चौधरी और गांव का नाम मानपुर जिला अनूपपुर बताया। लेकिन वह अपने परिजनों या घर का पता नहीं बता पाया। इसके बाद श्री राव ने गूगल की मदद से मानपुर के दुकान संचालक का नम्बर लेकर उससे मुन्ना चौधरी के बारे में जानकारी ली और फिर इस बातचीत से मुन्ना चौधरी के परिजनों का पता चला। उदुवुम कारंगल के सदस्यों की मेहनत रंग लाई और आखिरकार सात साल पहले मध्यप्रदेश से लापता हुए मुन्ना चौधरी के बारे में पूरी जानकारी मिल पाई।
29 वर्षीय मुन्ना चौधरी के परिवार में माता पिता के अलावा उसके तीन बडे भाई भी है। मुन्ना चौधरी स्वयं शादीशुदा होकर उसके तीन बच्चे भी है,लेकिन उसके मनोरोगी होने के कारण उसकी पत्नी से उसका अलगाव हो चुका है। मुन्ना के परिजनों ने बताया कि वर्ष 2017 में एक दिन घर के सभी सदस्य अपने अपने कामों में व्यस्त थे,तभी अचानक मुन्ना वहां से निकल गया। परिजनों ने उसे काफी ढूंढा,लेकिन उसका कहीं पता नहीं चल पाया। इसके बाद मुन्ना के परिजनों ने स्थानीय पुलिस थाने में उसकी गुमशुदगी भी दर्ज करा दी थी। उदुवुम कारंगल के द्वारा जब मुन्ना चौधरी के परिजनों को मुन्ना के सही सलामत होने की जानकारी दी गई तो मुन्ना के परिवार में खुशियां छा गई।
मुन्ना के भाई कौशल चौधरी और संजय दो पुलिसकर्मियों के साथ आज (6 सितम्बर को) चैन्नई उदुवुम कारंगल के आश्रय निवास पर पंहुचे। अपने भाई को देखकर उनकी आंखे भर आई। उदुवुम कारंगल की ओर से मुन्ना के भाई को बताया गया कि मुन्ना का निरन्तर उपचार आïवश्यक है। संस्था की ओर से मुन्ना की दी जाने वाली एक माह की दवाईयां भी उन्हे प्रदान की गई। सात साल से लापता भाई से मिलन करवाने पर मुन्ना के भाई कौशल चौधरी व परिजनों ने उदुवुम कारंगल के संस्थापक एस विद्याकर को धन्यवाद ज्ञापित किया। वे अपने भाई को लेकर मध्यप्रदेश के लिए रवाना हो चुके है।
संस्था के सदस्य श्री निवास राव ने बताया कि उदुवुम कारंगल का अर्थ हेल्पिंग हैण्ड अर्थात मदद के लिए बढे हुए हाथ होता है और यह संस्था विगत चालीस वर्षों से समाजसेवा के अभियान में जुटी है। संस्था की शाखाएं देश भर में सक्रिय है।