December 24, 2024

Handicraft mela : लाख सुहागन महिलाओं का सौभाग्य, दूधी के खिलौने समृद्धि का प्रतीक

Pradarshni

रतलाम,23 नवंबर (इ खबरटुडे)। सैकड़ों वर्षों से भारतीय परंपरा में सुहागन महिलाओं के बीच लाख की चूड़ियों की महत्वपूर्ण भूमिका और उपयोगिता रही है। उन्हें सदा सुहागन बनाए रखने की अद्भुत महारत लाख की चूड़ियों में है। घर में छोटे बच्चों के बीच दूधी के खिलौने परिवार की समृद्धि में वृद्धि के परिचायक हैं।

रोटरी हॉल अजंता टॉकीज रोड रतलाम में मध्यप्रदेश हस्तशिल्प एवं हथकरघा विकास निगम की तरफ से प्रदर्शनी एवं मेले का जो आयोजन किया जा रहा है वह बेमिसाल है। इसमे राज्य, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कार पाने वाले शिल्पी अपनी कला बिखेर रहे हैं। मध्यप्रदेश के राधा जाघव बागली जिला देवास को लाख शिल्प में विशेषज्ञता है। राधा जाघव लाख की चूड़ियों पर कारीगरी करने का एक बेहतरीन हुनर आता है। उनके पास ज्वेलरी तथा अन्य उत्पाद भी उनके हाथों से बनाए गए है।

दूधी की लकड़ी के खिलौने पूरी तरह से बच्चों के मनोरंजन स्वास्थ्य और पर्यावरण को ध्यान में रखकर बनाए गए हैं। बुधनी के राकेश विश्वकर्मा ने इस बारे में बताया कि बुधनी के आसपास दूधी के वृक्ष बहुतायत में उपलब्ध हैं। इससे इसके खिलौने बनाने में सहूलियत होती है। उन्होंने बताया कि पहले दूधी की यह लकड़ी काले रंग की थी लेकिन श्री रामचंद्रजी के बुधनी क्षेत्र में भ्रमण के दौरान विश्वकर्मा समुदाय को आशीर्वाद दिया जिसमें कहा कि के कार्य से खुश होकर उन्होंने दूधी के खिलोने परिवार और बच्चों के बीच रहने पर परिवार की समृद्धि बनी रहेगी। उन्होंने काली लकड़ी को छूकर सफेद कर दिया तभी से दूधी के खिलौने देश भर में विख्यात हो गए हैं। उनके पास बच्चों के खिलौना में पजल्स, कार, रसोई के खिलौने वाली सामग्री सहित कई अन्य वस्तुएं सहजता से उपलब्ध है।

मेला प्रभारी दिलीप सोनी के अनुसार छोटे बच्चे से लेकर बड़े तथा घर के बाहर की सजावट से लेकर भीतर तक की सुंदरता को बढ़ाने वाले विभिन्न सामान हस्तशिल्प मेला में उपलब्ध है। मेला दोपहर 12:00 बजे से रात 9:00 बजे तक आमजन के लिए नि:शुल्क प्रवेश के साथ चालू है।

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