भगवान महाकाल ने भक्तों को तीन रूपों में दिये दर्शन,मुख्यमंत्री शिवराज सिंह सपरिवार हुए सवारी में शामिल
उज्जैन, 24जुलाई(इ खबर टुडे/ ब्रजेश परमार )। श्रावण के तीसरे सोमवार पर भगवान महाकालेश्वर की तीसरी सवारी मंदिर से निकाली गई। सवारी में रजत पालकी में भगवान श्री चन्द्रमोलेश्वर रूप में, हाथी पर श्री मनमहेश के स्वरूप में व बैलगाड़ी में गरुड़ रथ पर श्री शिवतांडव स्वरुप में नगर भ्रमण पर निकले।इससे पूर्व मंदिर के सभामंडप में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सपरिवार भगवान के श्री चन्द्रमोलेश्वर स्वरूप का पूजन-अर्चन किया।श्री चौहान सवारी में पैदल चले और जनअभिवादन स्वीकार किया।
सर्व प्रथम भगवान श्री महाकालेश्वर का षोडशोपचार से पूजन-अर्चन किया गया। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सपरिवार सभा मंडप में भगवान चंद्रमौलेश्वर का विधि विधान से पूजन किया । पूजन पंडित घनश्याम शर्मा द्वारा करवाया गया । भगवान की आरती की गई।इसके उपरांत भगवान के चंद्रमौलेश्वर रूप को रजत पालकी में सवार कर गणमान्यजनों ने पालकी को कांधा देकर नगर भ्रमण की ओर रवाना किया।सवारी से पूर्व दोपहर में उज्जैन पहुंचे मुख्यमंत्री ने सपरिवार गृर्भगृह में धर्मपत्नि श्रीमती साधना सिंह एवं पुत्र कार्तिकेय एवं कुणाल के साथ भगवान श्री महाकालेश्वर का अभिषेक कर सबके कल्याण, स्वास्थ्य, सभी सुखमय रहे इस हेतु से संपूर्ण सृष्टि के कल्याण के साथ-साथ जीव चराचर के कल्याण की कामना की। पूजन पुजारी अभिषेक शर्मा(बाला गुरु), पुरोहित सुभाष शर्मा ने संपन्न करवाई।सवारी के दौरान मुख्यमंत्री पालकी के घेरे में सपरिवार चल रहे थे।इस दौरान उन्होंने श्रद्धालुओं का अभिवादन स्वीकार किया।सवारी परंपरागत मार्ग से रामघाट पहुंची यहां मुख्यमंत्री ने सपत्नीक भगवान का शिप्रा जल से अभिषेक कर पूजन अर्चन किया।रामघाट से सवारी ढाबा रोड होती श्री गोपाल मंदिर पहुंची यहां पर भगवान का सिंधिया परिवार की और से परंपरागत पूजन मंदिर के पूजारियों ने किया। इसके बाद सवारी पटनी बाजार,गुदरी,महाकाल चौराहा से होती हुई मंदिर पहुंची।
तीन ड्रोन से आसमान से नजर
एएसपी आकाश भूरिया ने बताया कि तीसरी सवारी के दौरान सुरक्षा बतौर पुलिस ने आसमान से तीन ड्रोन उड़ाकर से पूरे समय सवारी एवं पालकी पर नजर रखी।इसके साथ ही करीब एक हजार पुलिस कर्मी एवं अधिकारी का फोर्स सवारी मार्ग एवं विभिन्न स्थलों पर तैनात किया गया था।नगर सुरक्षा समिति के तीन सौ से अधिक सदस्यों को भी विभिन्न् स्थलों पर श्रद्धालुओं की सुरक्षा व्यवस्था में लगाया गया था।