देवास सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लि. के सीईओ, विश्वास ट्रांसपोर्ट सर्विस प्रा. लि. देवास के डायरेक्टर पर लोकायुक्त केस दर्ज
उज्जैन,13जुलाई(इ खबर टुडे/ब्रजेश परमार )। विशेष पुलिस स्थापना लोकायुक्त उज्जैन संभाग ने देवास सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड के सीईओं प्रदीप सोनी,सीओओ सूर्यप्रकाश तिवारी एवं विश्वास ट्रांसपोर्ट सर्विस प्रा.लिमिटेड के 2 संचालक विजय गोस्वामी एवं प्रणय गोस्वामी सहित चार लोंगों पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज किया गया है। इन पर शासकीय धनराशि की क्षति पहुंचाने तथा पद का दुरूपयोग कर टेण्डर का संचालन उचित प्रकार से नहीं कर शर्तों का घोर उल्लंघन करने के आरोप हैं।
डीएसपी लोकायुक्त सुनील तलान ने बताया कि मामले में पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त अनिल विश्वकर्मा को 10 जनवरी को शिकायत प्राप्त हुई थी ।शिकायत में बताया गया था कि नगर निगम देवास के माध्यम से यात्री बसों के टेण्डर अमृत योजना के अंतर्गत निकाले गये थे । इसमें शासन की ओर से 40 प्रतिशत तक सब्सिडी का प्रावधान था। नगर निगम देवास द्वारा विश्वास ट्रांसपोर्ट प्रा.लि. के यात्री बसों का टेण्डर स्वीकृत कर टेण्डर के निर्धारित मार्गों पर संचालन हेतु अनुमति दी गई थी । विश्वास ट्रांसपोर्ट प्रा. लि. द्वारा अधिकारियों के साथ मिलकर टेण्डर में स्वीकृत मार्ग से भिन्न मार्गों पर यात्री बसों का संचालन किया जाने लगा । कुछ बसों का विक्रय भी कर दिया गया। उक्त शिकायत जांच एवं सत्यापन हेतु उप पुलिस अधीक्षक सुनील कुमार तालान को सौंपी गई थी।
जांच सत्यापन में ये आया सामने-
जांच के सत्यापन में पाया गया कि देवास सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लि. द्वारा आर.एफ.पी. के अनुसार टेण्डर जारी किये गये थे। इस टेण्डर में क्लस्टर 2, 3 एवं 4 पर बसों के संचालन हेतु निविदाएं मांगी गई थी । उक्त तीनों क्लस्टर की निविदाएं विश्वास ट्रांसपोर्ट को प्राप्त हुई। कुल 39 बसों का संचालन 7 वर्ष हेतु इसके अंतर्गत किया जाना था। विश्वास ट्रांसपोर्ट को इसके लिये बसें क्रय करने पर कुल लागत की 34.2 प्रतिशत से 39.78 प्रतिशत तक वी.जी.एफ (सब्सिडी) प्राप्त हुई। विश्वास ट्रांसपोर्ट द्वारा वर्ष 2022 में 3 बसें विक्रय कर दी गई परंतु उनके स्थान पर 1 वर्ष से भी अधिक समय बीतने पर भी अन्य तीन बसें क्रय कर नहीं लगाई गई। अनेक बसों का मार्ग परिवर्तन सी.ई.ओ. एवं सी.ओ.ओ. से अनुमति लेकर बदल दिया गया, जबकि वे अनुमति देने हेतु सक्षम नहीं थे। यह भी सामने आया कि इस टेण्डर के बदले देवास सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लि. को वार्षिक प्रीमियम शून्य रूपये प्राप्त हो रही है।
बसों हेतु मासिक पास भी जारी नहीं किये गये। बसों पर विज्ञापन का टेण्डर भी जारी नहीं किया गया जिससे नगर निगम की कंपनी को आय हो सकती थी। स्पेअर बस को पिकनीक / टूर आदि का परमिट लेकर चलाया गया जो अनुमत्य नहीं था। क्लस्टरों की अधिकांश बसों के रूट में परिवर्तन की अनुमति दे दी गई जिससे वे व्यस्त रूटों पर बसों का संचालन करने लगे। कुछ बसों पर अनुमति के बिना दूसरे ऑपरेटर का नाम लेख करा दिया गया तथा शासन की योजना से संबंधित चिन्ह भी हटा दिये गये जो अनुमत्य नहीं थे। इस प्रकार 3 बसों के विक्रय पर उन पर दी गई सब्सिडी 23,86,800 /- रूपये का दुरूपयोग विगत 1 वर्ष से किया जा रहा है। ऑपरेटर द्वारा बताया गया कि बैंक में सिबिल खराब होने से उसे लोन प्राप्त नहीं हो रहा है जिससे वह बसें क्रय नहीं कर पा रहा है।
इन धाराओं में प्रकरण
प्रकरण में देवास सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लि. के सी.ई.ओ. प्रदीप सोनी, सी.ओ. ओ. सूर्यप्रकाश तिवारी ,विश्वास ट्रांसपोर्ट के डायरेक्टर विजय गोस्वामी , प्रणय गोस्वामी के विरूद्ध धारा 7, 13 (1) ए. 13 (2) भ्र.नि.अधि. 1988 ( संशोधन 2018 ) एवं भा.दं.वि. की धारा 409, 420 एवं 120 बी के अंतर्गत लोकायुक्त प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया है।