हरियाणा के राज्य गीत में अब सुंदर गोरी महिलाएं की जगह पर सुंदर स्याणी नारी जोड़ा गया

हरियाणा विधानसभा में बजट सत्र के आखिरी दिन हरियाणा प्रदेश का अपना राज्य गीत जय जय जय हरियाणा सर्वसम्मति से पास हो गया। इस गीत का पहला वीडियो जारी हो गया है। पूरी विधानसभा में मौजूद सभी सदस्यों ने इस गीत को खड़े होकर सुना। गीत में पहले सुंदर गोरी महिलाएं बोल थे, जिस पर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने एतराज जताया था। अब इन शब्दों की जगह सुंदर स्याणी नारी को शामिल किया गया है।
गाने के बारे में जानकारी देते हुए हरियाणा राज्य गीत कमेटी सदस्य लक्ष्मण यादव ने कहा कि गीत से कुछ अनावश्यक शब्द हटाए गए हैं। गीत के भाव और भाषा को लेकर भी कुछ सुझाव आए थे, सभी पर विचार किया गया है। उन्होंने बताया कि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने सुंदर गोरी महिलाओं के शब्द पर आपत्ति जताई थी। उन्होंने कहा कि काली कहां जाएंगी। इसके बाद इसमें सुंदर स्याणी नारी को शामिल किया गया है। शिक्षामंत्री महिपाल ढांडा ने कहा कि भविष्य में सदन में राष्ट्रगान के साथ ही राज्य गीत का भी स्मरण किया जाएगा।
बालकिशन ने लिखा गीत
इस गीत को पानीपत निवासी डॉ. बालकिशन शर्मा ने लिखा है। इसके अलावा इस गीत को डॉ. श्याम शर्मा ने गाया है। पारस चौपड़ा ने कम्पोज किया तथा रोहतक की मालविका पंडित ने इसका डायरेक्शन किया है। जिन कलाकारों ने इस गीत में अपनी भूमिका निभाई है, उन्होंने किसी ने भी कोई फीस नहीं ली।
कमेटी ने की 12 बैठक
इस राज्य गीत के चयन को लेकर जो कमेटी बनी है, उसने अपनी 12 बैठकें की। इसके बाद ही इस गीत को फाइनल किया गया। मनोहलाल जब प्रदेश के मुख्यमंत्री थे तब वह राज्य गीत का प्रस्ताव लेकर आए थे। 19 दिसंबर 2023 को सदन में राज्य गीत पर चर्चा की गई। इसके बाद पांच विधायकों की इस गीत को फाइल करने के लिए एक कमेटी बनाई गई थी। इस कमेटी में रेवाड़ी से विधायक लक्ष्मण सिंह यादव को अध्यक्ष बनाया गया। इनके अलावा गीता भुक्कल, विनोद भयाना, बलवान सिंह दौलतपुरिया और आदित्य देवीलाल को कमेटी में सदस्य के रुप में शामिल किया गया था। कमेटी के पास 204 गीत पहुंचे थे। इनमें से तीन को अंतिम रुप के लिए सिलेक्ट किया गया था। आखिरी मंथन के बाद जय जय जय हरियाणा गीत को फाइनल किया गया।
हरियाणवी संस्कृति को बढ़ावा
हरियाणा राज्य का गीत तीन मिनट का है। इस गीत में हरियाणा को वेदों की पावन धरा के रुप में प्रस्तुत किया गया है। इसके अलावा इसमें गीता के ज्ञान, महाभारत का इतिहास आदि का भी जिक्र है। वहीं हरियाणवी संस्कृति को बढ़ाने के लिए भी यह गीत प्रेरित करता है।
कुछ कलाकारों ने जताई आपत्ति
जो राज्य गीत फाइनल किया गया है, उस पर कुछ कलाकारों ने यह कहते हुए आपत्ति जताई कि यह उनका गाना था और इसके कॉपी किया गया है। सोनीपत की गीतू परी व फतेहाबाद के कृष्ण कुमार ने कहा कि यह गीता उनका लिखा हुआ था, जिसको कॉपी किया है। इसका क्रेडिट उनको मिलना चाहिए था, लेकिन यह किसी दूसरे व्यक्ति को दिया गया है।