December 24, 2024

मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय का महत्वपूर्ण आदेश/ प्रमुख सचिव व सहायक आयुक्त आदिवासी विकास अवमानना के दोषी, दण्ड के प्रश्न पर मांगा जवाब

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रतलाम,04 मई(इ खबर टुडे)। मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय के न्यायमुर्ति विवेक रूसिया जी के द्वारा बाजना जिला रतलाम की बालिका दीप्ति सोलंकी व यशविनी सोलंकी की याचिका में मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय के द्वारा वर्ष 2018 में तथा दिनांक 06सितंबर 2023 को पारित आदेश के तहत उपरोक्त दोनो बालिकाओं की माता सरोज की हत्या उसके पति के द्वारा कर दिये जाने एवं दोनो बालिकाओं के पिता व माता की हत्या के दोषी की भी कारावास में मृत्यु हो हई थी

जिसके परिणामस्वरूप दीप्ति सोलंकी की शैक्षणिक योग्यता अनुसार जो भी उपलब्ध रिक्त पद है, उस पर अनुकंपा नियुक्ति दिये जाने के व माता सरोज जो कि वर्ष 1998 में शिक्षाकर्मी के रूप में नियुक्त हुई थी एवं वर्ष 2007 में अध्यापक संवर्ग में संविलियन किया गया था। माता की मृत्यु के उपरांत उसके समस्त सेवा संबंधी मरणोपरांत लाभों का भुगतान किये जाने के याचिका क्रमाकं 7834/2019 में आदेश दिये थे।

चुंकि उपरोक्त समान आदेश पूर्व में याचिका क्रमाक 5316/2017 को दिनांक 21-02-2018 को भी पारित किए हुए थे इसलिये याचिका क्रमाक 7834/2019 में दिनांक 06-09-2023 को जो अंतिम आदेश दिये गये थे] परंतु याचिका को अंतिम रूप से निराकृत न करते हुए मध्यप्रदेश शासन को उपरोक्त आदेश का पालन करने के लिये 03 माह का समय देकर याचिका को दिनांक 06 नवम्बर 2023 को नियत कर कम्पलाईस रिपोर्ट प्रस्तुत करने के आदेश दिये थे।

परंतु रेस्पांडेंट के द्वारा उक्त दिनांक को कम्पलाईंस रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं की गई एवं 07-नवंबर -2023 को आदेश का पालन किये बिना पालन प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया जिस पर से मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय के द्वारा दिनांक 24जनवरी -2024 को आदिवासी विकास विभाग के आयुक्त को विडियो कांन्फेसी के माध्यम से एवं सहायक आयुक्त को उच्च न्यायालय के समक्ष उपस्थित रहने के आदेश दिये थे। इसके उपरांत दिनांक 24-मार्च -2024 को भी आदेश का पालन न होने पर दिनांक 01-मई -2024 को प्रमुख सचिव आदिवासी विकास विभाग विडियों कांन्फेंसी के माध्यम से तथा सहायक आयुक्त आदिवासी विकास रतलाम जिला रतलाम को व्यक्तिगत रूप से न्यायालय में उपस्थित रहने के आदेश दिये थे।

01-05-2024 को सुनवाई के दौरान न्यायमुर्ति विवेकजी रूसिया के समक्ष प्रमुख सचिव आदिवासी विकास ई. रमेश कुमार तथा श्रीमती रंजना सिंह सहायक आयुक्त उपस्थित हुए उपरोक्त द्वय के द्वारा कम्प्लायंस रिपोर्ट प्रस्तुत करने के संबंध में मंत्रीपरिषद् के समक्ष मामला प्रस्तुत करने का आधार बताते हुए कम्प्लायंस रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिये समय की मांग की गई जिसे मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय के द्वारा दरकिनार करते हुए उपरोक्त द्वय अधिकारीयों को अवमानना का दोषी बताते हुए उन्हें क्यो न इस मामले में दण्डित किया जावे।

इस संबंध में दिप्ती सोलंकी व यशविनी सोलंकी के द्वारा प्रस्तुत अवमानना याचिका क्रमांक 291/2024 में उपरोक्त द्वय अधिकारीयों को दण्ड के प्रश्न पर जवाब प्रस्तुत करने के आदेश दिये है। प्रकरण में उपरोक्त द्वय याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी प्रवीण कुमार भट्ट अभिभाषक ने की।

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