December 23, 2024

Toll Booth Illegal Collection : फोरलेन के टोल बूथ पर हर दिन लाखों की अवैध वसूली,टोल कम्पनी और पुलिस की मिलीभगत से परवान चढा अवैध वसूली का गोरखधन्धा

toll booth

रतलाम,19 अप्रैल (इ खबरटुडे)। रतलाम को इन्दौर से जोडने वाले जावरा लेबड फोरलेन के टोलबूथ पर रोजाना लाखों की अवैध वसूली की जा रही है। टोल बूथ से गुजरने वाले प्रत्येक वाहन को टोल फीस के अलावा ये अवैध शुल्क चुकाना पडता है। टोल बूथ संचालित करने वाली कंपनी और पुलिस की मिलीभगत से चल रहे अवैध वसूली के इस गोरखधन्धे से हो रही कमाई का हिस्सा जिम्मेदार अधिकारियों तक भी पंहुचाए जाने की आशंका है। यही वजह है कि लम्बे समय से चल रही इस अवैध वसूली को रोकने की कोई कोशिश नहीं की जाती।

जावरा-लेबड फोरलेन पर टोल वसूली करने का जिम्मा वेस्टर्न एमपी इन्फ्रास्ट्रक्चर एण्ड टोलरोड प्रा. लिमिटेड नामक कंपनी का है। जावरा लेबड फोरलेन का निर्माण भी इसी कंपनी द्वारा किया गया था। वर्तमान में यही कंपनी रोड पर से गुजरने वाले वाहनों से टोल वसूलती है। जावरा से लेबड के मध्य तीन टोल बूथ है,जिनमें से पहला बूथ धराड और बिलपांक के बीच बनाया गया है। जावरा लेबड फोरलेन पर प्रतिदिन औसतन दस हज़ार वाहन गुजरते है।

पिछले काफी लम्बे समय से बिलपांक के टोल बूथ पर किन्नरों द्वारा वाहनों से वसूली प्रारंभ की गई है। बिलपांक टोल पर कुल 8 लेन पर वसूली बूथ बनाए गए है। किन्नरों की वसूली का आलम ये है कि प्रत्येक लेन में दो से तीन किन्नर वसूली के लिए तैनात रहते है। प्रत्येक वाहन से किन्नर कम से कम दस रुपए की वसूली करते है। बडे वाहनों से अधिक राशि वसूली जाती है। इतना ही नहीं वसूली के लिए तैनात किन्नर तीन शिफ्टों में वसूली करते है।

वाहनों से वसूली के लिए तैनात किन्नरों की संख्या देखकर इस बात की भी पूरी आशंका है कि इनमें से कई नकली किन्नर है। अवैध वसूली से होने वाली मोटी कमाई के लिए कई व्यक्ति किन्नर का वेश धरकर वसूली कर रहे है। टोल रोड की आठ लेन में से प्रत्येक लेन में तीन से चार किन्नर तीन शिफ्टों में तैनात किए जाते है। इस तरह लगभग 70 से 75 किन्नर वसूली करते है। रतलाम शहर में किन्नरों की संख्या में इतनी वृद्धि भी समझ से परे है।

फोरलेन पर यदि रोजाना दस हज़ार वाहन गुजरते है और प्रत्येक वाहन से न्यूनतम दस रुपए भी वसूले जाते है,तो इस टोल बूथ पर एक लाख रु. की वसूली की जा रही है। महीने का हिसाब लगाया जाए तो प्रत्येक महीने में इस टोल बूथ पर तीस लाख रु.की अवैध वसूली की जा रही है। किन्नरों की मदद से अवैध वसूली में जुटी टोल कंपनी द्वारा टोल बूथ के लिए बनाए गए किसी भी नियम का पालन नहीं किया जाता। मध्यप्रदेश रोड डेवलपमेन्ट कारपोरेशन (एसपीआरडीसी) के नियमो के मुताबिक प्रत्येक टोलबूथ पर सुव्यवस्थित साफ सुथरे शौचालय बनाए जाने चाहिए। प्रत्येक बूथ पर टोल बूथ के मैनेजर के मोबाइल नम्बर और शिकायत के लिए निर्धारित मोबाइल नम्बर प्रदर्शित किया जाना चाहिए।

लेकिन जावरा लेबड फोरलेन के तीनों टोल बूथ पर कहीं भी ना तो टोलबूथ मैनेजर के नम्बर प्रदर्शित किए गए है,ना ही शिकायत दर्ज कराने के लिए कोई मोबाइल नम्बर प्रदर्शित किया गया है। यहां से गुजरने वाले वाहन चालक जब कर्मचारियों से मैनेजर का नम्बर मांगते है तो कर्मचारियों द्वारा बदतमीजी करते हुए नम्बर देने से इंकार कर दिया जाता है। टोल बूथ के दोनों और शौचालय भी सिर्फ नाम के लिए है,जो की बेहद गंदे और बदबूदार स्थिति में रखे जाते है,ताकि कोई भी इनके भीतर जाने की हिम्मत न कर सके।

टोल संग्रह करने वाली कंपनी अपने आपको इतना छुपा कर रखती है कि इन्टरनेट पर भी उक्त कंपनी की कोई वेबसाइट नही मिलती। इतना ही नहीं,अवैध वसूली को प्रोत्साहित करने के लिए टोल कंपनी के कर्मचारी जानबूझकर वाहनों को धीमी गति से टोल बूथ पार करवाते है,जिससे कि अवैध वसूली करने के लिए किन्नरों को अधिक समय मिल सके। नियमानुसार टोल बूथ पर बनाए गए सारे बूथ हर समय चालू रखे जाने चाहिए,लेकिन टोल कंपनी द्वारा आधे बूथ ही चालू रखे जाते है,शेष को बन्द रखा जाता है। इससे कम्पनी को दोहरा फायदा होता है। कर्मचारियों की संख्या भी कम हो जाती है और वाहनों की कतारें लम्बी हो जाती है। वाहनों की लम्बी कतारों के कारण किन्नरों को अवैध वसूली के अधिक समय मिल जाता है।

टोल बूथों की अनियमितताओँ के सम्बन्ध में एमपीआरडीसी के डिविजनल मैनेजर सुरेश मनवानी का कहना है कि फोरलेन पर किन्नरों की अवैध वसूली को रोकने के लिए पहले भी कई प्रयास किए गए है। इस मामले में टोलबूथ पर मारपीट भी हो चुकी है। श्री मनवानी का कहना था कि वे एक बार फिर पुलिस को किन्नरों की वसूली रोकने के लिए पत्र लिखेंगे। टोल बूथों पर बूथ मैनेजर आदि के नम्बर प्रदर्शित नहीं किए जाने के बारे में श्री मनवानी का कहना है कि टोलबूथों पर नम्बर प्रदर्शित करना अनिवार्य है,अगर नम्बर प्रदर्शित नहीं किए जा रहे है तो वे इसके लिए टोल कम्पनी को निर्देश देंगे।

You may have missed

Here can be your custom HTML or Shortcode

This will close in 20 seconds