कलेक्टर प्रियांक मिश्र और तत्कालीन जिला पंचायत सीईओ श्रृंगार श्रीवास्तव के खिलाफ हाई कोर्ट का गिरफ्तारी वारंट जारी, रोजगार सहायक को बहाल न करने पर आया बड़ा आदेश
इंदौर,05 अक्टुम्बर (इ खबर टुडे)। रोजगार सहायक को बिना उचित प्रक्रिया के नौकरी से हटाना और फिर हाई कोर्ट के स्पष्ट आदेशों की अवहेलना करना धार कलेक्टर प्रियांक मिश्र और तत्कालीन जिला पंचायत सीईओ श्रृंगार श्रीवास्तव को भारी पड़ा है। इंदौर हाई कोर्ट ने इस मामले में गंभीर रुख अपनाते हुए दोनों अधिकारियों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी करने का आदेश दिया है। यह मामला अधिकारियों की ओर से न्यायिक प्रक्रिया और संवैधानिक मूल्यों की अनदेखी का प्रतीक बन गया है।
मामला वर्ष 2017 का है। धार के नालछा गांव में मिथुन चौान रोजगार सहायक के पद पर थे। उनकी तबीयत खराब होने के कारण वह कुछ दिनों तक नौकरी पर नहीं जा पाए। अपनी ड्यूटी पर मौजूद न रहने को अफसरों ने कदाचरण माना और उसे नौकरी से हटा दिया। रोजगार सहायक खुद बेरोजगार हो गया तो उसने वर्ष 2019 में हाईकोर्ट में नौकरी से हटाने के आदेश के खिलाफ याचिका लगाई। कोर्ट में उसने अपना पक्ष मजबूती से रखा। इसके बाद 22 अगस्त को कोर्ट ने उसकी सेवा समाप्ति का आदेश कोर्ट ने रद्द कर दिया। उसे फिर नौकरी पर रखे जाने के आदेश जारी हुए। फिर भी अफसरों ने उसे नौकरी पर नहीं रखा।
मिथुन ने कोर्ट में अवमानना याचिका लगा दी। इसके बाद 20 सितंबर को कोर्ट ने कहा कि आदेश का पालन करे और 4 अक्टूबर को कोर्ट में अफसरों को मौजूद रहने के लिए कहा, लेकिन न आदेश का पालन हुआ और न ही अफसर कोर्ट में मौजूद रहे। इसके बाद हाईकोर्ट ने कलेक्टर प्रियांक मिश्र और तत्कालीन जिला पंचायत सीईओ श्रृंगार श्रीवास्तव के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया।