Bullion trading/सराफा कारोबारियों को मिला 15 दिनों का समय, 15 जून के बाद हॉलमार्किंग अनिवार्य
भोपाल ,27 मई (इ खबरटुडे)। सराफा कारोबारियों को जेवरों में हॉलमार्किंग की अनिवार्यता की व्यवस्था का पालन करने के लिए 15 दिनों का समय मिल गया है। नई व्यवस्था के तहत कारोबारियों को व्यापार करने से पहले बीआईएस (भारतीय मानक ब्यूरो) में पंजीयन भी कराना होगा। इस सबके बीच सराफा व्यापारियों का कहना है कि 20 कैरेट की ज्वेलरी को भी हॉलमार्किंग की मान्यता मिलनी चाहिए।
ग्राहकों में 20 कैरेट की ज्वेलरी की जबरदस्त मांग रहती है। गौर हो कि एक जून से गहनों में हॉलमार्किंग की अनिवार्यता होनी थी। कोरोना को देखते हुए केंद्र सरकार ने गहनों में हॉलमार्किंग की अनिवार्यता को 15 दिन के लिए आगे बढ़ा दिया है। अब सराफा कारोबार करने वालों को बीआईएस में पंजीयन कराना भी आवश्यक है। बिना इसमें पंजीयन के सराफा कारोबार नहीं किया जा सकता।
हॉलमार्किंग से बढ़ेगी विश्वसनीयता
गहनों में हॉलमार्किंग होने से कारोबारियों को सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि इससे लोगों का उनके प्रति विश्वास और बढ़ेगा। हॉलमार्किंग के गहने शुद्धता के प्रतीक माने जाते है। हालांकि, हॉलमार्किंग होने से आभूषणों की कीमतों में थोड़ी सी बढ़ोतरी होगी, लेकिन लोगों का विश्वास और ज्यादा बढ़ेगा।
एक नजर इस पर
1.प्रदेश में अभी 5500 सराफा कारोबारी है
- इनमें से करीब 580 स्वर्ण कारोबारी और 640 चांदी के कारोबारी ही बीआईएस में पंजीकृत हैं
- इस प्रकार 4900 से अधिक सराफा कारोबारियों को बीआइएस में पंजीयन कराना होगा