रिश्वतकांड में ममता बनर्जी सरकार के 3 मंत्री सहित चार लोग गिरफ्तार, बौखलाई CM ममता CBI ऑफिस पहुंची
कोलकाता,17 मई ( इ खबर टुडे) । पश्चिम बंगाल के बहुचर्चित नारद स्टिंग ऑपरेशन मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने बड़ी कार्रवाी करते हुए ममता बनर्जी सरकार के तीन मंत्रियों को गिरफ्तार कर लिया है। इसके अलावा एक और अन्य नेता को भी गिरफ्तार किया गया है। सीबीआई ने इस रिश्वतकांड के मामले में सोमवार को चार लोगों की गिरफ्तारी की है।
सूत्रों के मिली जानकारी के मुताबिक ममता सरकार में मंत्री सुब्रत मुखर्जी, शोभनदेव चट्टोपाध्याय, फिरहाद हकीम तथा विधायक मदन मित्रा को गिरफ्तार किया गया है। सीबीआइ आज इन सभी आरोपियों को कोर्ट में पेश करेगी और इन सभी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल करेगी। गिरफ्तार किए गए तीनों मंत्री ही ममता बनर्जी के बेहद करीबी माने जाते हैं।
गौरतलब है कि बीते दिनों बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने नारद स्टिंग ऑपरेशन मामले में आरोपित तत्कालीन 4 विधायकों के खिलाफ CBI को आरोपपत्र दाखिल करने की मंजूरी दे दी थी। इधर चार विधायकों की गिरफ्तारी से बौखलाई मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सीबीआई दफ्तर पहुंच गई है और विरोध प्रदर्शन कर रही है।
ये है पूरा मामला
साल 2016 के विधानसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी ने नारद स्टिंग ऑपरेशन का वीडियो जारी किया था। इस वीडियो में दिखाया गया था कि सत्तारूढ़ पार्टी टीएमसी के कई बड़े नेता कैमरे के सामने घूस लेकर एक फर्जी कंपनी को कारोबार में मदद करने का आश्वासन देते नजर आए थे।
टीएमसी के नेता एक फर्जी कंपनी के CEO बने नारद न्यूज़ पोर्टल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मैथ्यू सैमुअल द्वारा किए गए स्टिंग ऑपरेशन में हकीम का जो वीडियो सामने आया था, उसमें इन नेताओं को रुपए लेते दिखाया गया था। नारद स्टिंग ऑपरेशन का वीडियो सामने आने के बाद पश्चिम बंगाल की सियासत में भूचाल आ गया था। बाद में इस मामले की जांच सीबीआई को दे दी गई थी।
पांच सालों से चल रही जांच, अभी तक नहीं हुई थी गिरफ्तारी
गौरतलब है कि नारद स्टिंग ऑपरेशिन की जांच बीते 5 सालों से सीबीआई कर रही थी, लेकिन अभी तक इस मामले में कोई बड़ी गिरफ्तारी नहीं हुई थी। इस स्टिंग ऑपरेशन में टीएमसी के बड़े नेता मुकुल रॉय और शुभेंदु अधिकारी भी शामिल हैं, जो फिलहाल BJP में शामिल हो चुके हैं। शुभेंदु अधिकारी राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष हैं। ऐसे में TMC लगातार आरोप लगाती है कि इस मामले में भाजपा में शामिल हो चुके नेताओं पर सीबीआई कार्रवाई क्यों नहीं कर रही है।