अधिकार के लिए उपभोक्ताओं में जागृति के लिए जोश, जुनून और उत्साह जरूरी, महिलाओं ने रख दिया हुनर को हाशिए पर : राष्ट्रीय संगठन मंत्री दिनकर सबनीस ने कहा
इंदौर/रतलाम,28नवंबर(इ खबर टुडे)। आम उपभोक्ताओं को समाज में अपने अधिकार के लिए हक के साथ बोलना होगा। बोलने से ही बात बनेगी। आपके संकल्प ही लोगों को सीख और सबक देंगे। जो उपभोक्ता जागरूक है वह अन्य उपभोक्ताओं को जागृत करने के लिए जोश, जुनून और उत्साह के साथ जरूरी कदम उठाएं। आजीविका चलाने के लिए नौकरी की बजाय स्वरोजगार की ओर ध्यान दें। कोई भी रोजगार छोटे से ही बड़ा स्वरूप और आकार लेता है। विडंबना है कि आज महिलाओं ने अपने हुनर को हाशिए पर रख दिया है, जिसे पुरुषों में अपना लिया है। जरूरत है महिलाएं अपने हुनर को रोजगार सृजन के रूप में तब्दील करें।
यह विचार अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत के राष्ट्रीय संगठन मंत्री दिनकर सबनीस ने व्यक्त किए। श्री सबनीस अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत मालवा प्रांत की इंदौर के नारायण बाग कार्यालय पर आयोजित संवाद बैठक में पदाधिकारियों को संबोधित कर रहे थे।
समाज में उपभोक्ताओं के साथ होने वाले छल को सुधारने के लिए रहे तत्पर
राष्ट्रीय संगठन मंत्री श्री सबनीस ने कहा कि हरेक प्रकार के शोषण के विरुद्ध अधिकार के मामले में सभी को आगे आना होगा। भ्रामक विज्ञापनों से बचना होगा। अपने अधिकारों के प्रति जागरूकता के उद्देश्य को जीवन में उतारें। इसके लिए अपने आसपास वालों को भी प्रेरित करें। प्रेरित करने की श्रंखला लगातार बढ़ती रहे, ऐसा जतन करते रहे। चाहे वे अपनी छोटी-छोटी पार्टियां हो। बैठके हो उनमें ऐसे मामलों पर चर्चा करते रहना चाहिए और यदि जरूरत हो तो अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत के पदाधिकारियों से समस्या समाधान के लिए रायशुमारी करें ताकि उपभोक्ताओं को अपने अधिकारों के प्रति अधिक से अधिक जानकारी मिले और वह समाज में उपभोक्ताओं के साथ होने वाले छल को सुधारने के लिए तत्पर रहें।
श्री सबनीस ने कहा कि वर्तमान समय में सबसे बड़ी दिक्कत यह है कि लोगों और महिलाओं में आत्मविश्वास की भारी कमी है वे अपने श्रम के महत्व को समझ नहीं पा रहे हैं। कोई भी काम छोटा नहीं होता है। बस शुरुआत छोटे से होती है और वह बड़ा स्वरूप लेती है। नौकरी की तलाश की बजाय अपना स्वयं का रोजगार निर्मित करें और अपने ही आस-पड़ोस के लोगों को रोजगार देने का जतन करें ताकि वह भी अपना जीवन आनंद पूर्वक जी सकें। हर एक काम में इज्जत है, शोहरत है, दौलत है। जरूरत है उसे लगन पूर्वक करने की। यह विडंबना देखने में आ रही है कि सर्वाधिक हुनर महिलाओं में होता था लेकिन अब वह हाशिए पर आ गया है। जो कार्य पहले महिलाएं करती थी वे अब पुरुषों ने अपना लिया है चाहे वह मेहंदी से हाथ बनाने का कार्य ही क्यों ना हो। पांच दस रुपए का कोन लेकर पुरुष वर्ग 300 से ₹500 एक बार में कमा लेते हैं। जबकि पहले यह हुनर केवल और केवल महिलाओं के पास ही था। इसी तरह खाद्य सामग्री ही ले लीजिए जिस भोजनशाला और व्यंजनों को बनाने पर महिलाओं का अधिकार था, वह अब पुरुषों के हाथ में आ गया है। बाजारों में पुरुष वर्ग भांति- भांति के व्यंजन बनाकर अपना स्वरोजगार चला रहे हैं। यह कार्य महिलाएं भी सम्मान पूर्वक कर सकती हैं। उनमें हिम्मत है, हौसला है, जोश है, जुनून है, बस जरूरत है तो शुरुआत करने की। उन्हें प्रेरित करने की।
तो आएगा समाज में जागरूकता और बदलाव
उन्होंने कहा कि उपभोक्ताओं को समाज में रहने के साथ ही उनके दायित्व भी हैं उनका भी वे बखूबी निर्वहन करें। पर्यावरण की रक्षा करें। पौधे लगाएं। जल बचाएं। सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग नहीं करने के लिए प्रेरित करें। चाहे इसके लिए आपको सौ पचास लोगों के बीच ही क्यों न बोलना पड़े। बेझिझक बोलिए। कहीं भोजन करने जा रहे हैं तो अपने साथ एक स्टील की चम्मच रखिए ताकि भोजन में सहयोगी बने जो प्लास्टिक की चम्मच दे रहे हैं, उसे पुरजोर तरीके से नकारें। चार लोगों को समझाएं ताकि पर्यावरण को बचाया जा सके। आप ऐसी चीजें जीवन में उतारेंगे तो ही समाज में जागरूकता और बदलाव आएगा।
अच्छे कार्य को देते रहे हमेशा बढ़ावा
उन्होंने कहा कि हरित क्रांति को बढ़ावा दें। अपने घर की छतों पर सब्जियां उत्पन्न करने का जतन करें। उनका उपयोग करें। ताकि शरीर में कम से कम केमिकल वाली सब्जियां जाए। जीवन शैली को बदलना सभी का दायित्व है। पहले खुद बदलाव करें फिर दूसरों को प्रेरित करें, ताकि कुछ हद तक तो सुधार होगा ही अच्छे काम को हमेशा बढ़ावा देते रहें।
दो सत्रों में हुई बैठक
दो सत्रों में 5 घंटे तक चली संवाद बैठक में प्रांतीय संगठन मंत्री मुकेश कौशल, प्रांतीय कोषाध्यक्ष योगेश त्रिवेदी, प्रांतीय कार्यसमिति सदस्य बहादुर सिंह राजपूत, अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत के प्रांतीय सह सचिव अनुराग लोखंडे, रतलाम के पर्यावरण प्रमुख नरेश सकलेचा, मीडिया प्रभारी हेमंत भट्ट, झाबुआ से अखिल त्रिवेदी, शाजापुर से केशव आचार्य, उज्जैन अमित शर्मा, सुहास पुंडलिक, मंदसौर नवनीत शर्मा, नीमच, आगर मालवा के पदाधिकारी मौजूद थे।