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आंखों की रोशनी के बिना क्रैक की यूपीएससी परीक्षा,जाने IAS ऑफिसर के बारे में

UPSC SUCCESS STORY: यूपीएससी की परीक्षा पास करना कठिन परीक्षा में आता है यूपीएससी की परीक्षा पास करने के लिए बहुत ही मेहनत करनी पड़ती है पर जब लक्ष्य निर्धारित हो तो ऐसा कोई काम नहीं है जिसे किया ना जा सके। हर इंसान का सपना होता है कि अपने जीवन में कुछ बड़ा करे आज हम आपको एक ऐसे इंसान के बारे में बताने जा रहे है जिसने बिना आंखों की रोशनी के आईएएस की परीक्षा पास की है। यह कहानी है आईएएस अंकुरजीत सिंह की जिसने आंखों की रोशनी न होने पर हार नहीं मानी और यूपीएससी की परीक्षा पास करके रच दिया इतिहास । आईएएस ऑफिसर अंकुरजीत सिंह की बचपन में आंखों को रोशनी चली गई थी फिर भी अपनी जिंदगी को अंधकार में नहीं जाने दिया यूपीएससी की कठिन परीक्षा पास करके आईएएस अधिकारी बन गए।

आईआईटी से मिली सफलता

अंकुरजीत सिंह पढ़ाई में हमेशा होशियार थे 12 वीं तक की परीक्षा गांव के सरकारी स्कूल में पास की थी 12 वीं की परीक्षा पास करने के बाद आईआईटी रुड़की के लिए एक शिक्षक ने प्रेरित किया अमरजीत सिंह ने आईआईटी की परीक्षा देकर आईआईटी रुड़की में सीट हासिल की। अंकुरजीत सिंह का सपना आईएएस अधिकारी बनना था । इसलिए उन्होंने स्क्रीन रीडर और अन्य ऑनलाइन प्लेटफार्म से तैयारी जारी रखी और फिर 2017 में यूपीएससी परीक्षा में 414 रैंक हासिल कर आईएएस अधिकारी बन गए।

हरियाणा का निवासी

अकुरजीत सिंह मूल रूप से हरियाणा के युमनानगर का निवासी है बचपन में आंखों की रोशनी चले जाने के बावजूद भी हार नहीं मानी ।आईएएस बनने का सपना पूरा करने के दिन रात मेहनत की जिस उम्र में खेलने की थी अकुंरजीत सिंह पढ़ाई में लगा रहता था ।पर जब मन में कुछ करने का जनून हो हर कमजोरी को दूर भेजा जा सकता है और फिर दिखाया बिना आंखों की रोशनी के आईएएस अधिकारी बनकर।

अंकुरजीत सिंह को मां से मिली खास मदद

अंकुरजीत सिंह की आखों की रोशनी ना होने के कारण पढ़ पाना मुश्किल था इस मुश्किल समय में अमरजीत की माता ने अमरजीत को पढ़ाई करने में सहायता की। अमरजीत सिंह की माता ने एक तरकीब निकाली जिसमें अमरजीत सिंह की माता हर रोज जोर जोर से चैप्टर पढ़कर अमरजीत सिंह को सुनाती थी और अमरजीत सिंह उसे याद कर लेते थे आखो की रोशनी ना होने के बावजूद भी अमरजीत सिंह ने हार नहीं मानी और यूपीएससी जैसी कठिन परीक्षा पास करके 2017 में आईएएस अधिकारी बन गए ।

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