Border Dispute Solve : तेजी से सुलझ रहा सीमा विवाद, पैंगोंग झील के बाद अब रेजांग ला इलाके से भी हट रही चीन की सेना
नई दिल्ली,19 फरवरी( इ खबर टुडे)। पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग लेक के करीब के इलाकों से सेनाएं हट चुकी हैं। सेना के सूत्रों ने कहा कि झील के दक्षिणी दिशा की तरफ पड़ने वाले रेजांग ला और रेचिन ला इलाकों से भी चीनी सेना के पीछे हटने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इस इलाके की ऊंची पहाड़ियों में भारतीय सेना रणनीतिक रूप से बढ़त बनाए हुए थी।
सेना के सूत्रों ने कहा कि रेजांग ला और रेचिन ला से सेनाओं के हटने का मामला भी हाल में हुए समझौता का हिस्सा था। झील के अग्रिम स्थानों से सेनाओं के हटने के बाद अब दूसरे इलाकों से सेनाएं हटनी शुरू हुई है। सेना के सूत्रों ने कहा कि दोनों पक्षों द्वारा प्रक्रिया की पुष्टि के बाद वरिष्ठ सैन्य कमांडरों की दसवें दौर की वार्ता आयोजित की जाएगी। जिसमें गश्त एवं टकराव वाले अन्य स्थानों को लेकर चर्चा की जाएगी।
बता दें कि मैक्सर टेक्नोलॉजी द्वारा जारी तस्वीरों में पैंगोंग झील के वे इलाके खाली दिख रहे हैं, जहां पहले भारत और चीन की सेनाएं आमने-सामने तैनात थीं। दोनों देशों की सेनाओं की तरफ से 10 फरवरी से पीछे हटने की प्रक्रिया शुरू हुई थी। सेना के सूत्रों ने कहा कि सेनाओं के पीछे हटने का कार्य तय समझौते के तहत तेजी से हो रहा है। अगले दो-तीन दिनों में यह पूरी तरह से खत्म हो जाएगी और अगले सप्ताह वरिष्ठ सैन्य कमांडरों की बैठक होने की संभावना है।
आपसी सहमति और समझौतों को ध्यान में रखेंगे : चीन
वहीं, चीन ने गुरुवार को कहा कि पूर्वी लद्दाख सीमा पर अग्रिम मोर्चे पर तैनात चीन और भारत के सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया सुगमता से जारी है। चीन के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता और वरिष्ठ कर्नल वु कियान ने कहा कि पैंगोंग झील के दक्षिणी और उत्तरी किनारों पर अग्रिम मोर्चे पर तैनात दोनों देशों की सेनाएं व्यवस्थित तरीके से पीछे हट रही हैं। चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने कहा कि दोनों देशों के सैनिकों की वापसी प्रक्रिया जारी है। हुआ ने कहा कि हमे उम्मीद है कि अपने-अपने सैनिकों की पूर्ण वापसी की प्रक्रिया सुगमता पूर्वक सुनिश्चित करने के लिए दोनों देश आपसी सहमति और समझौतों को ध्यान में रखेंगे। सैनिकों की वापसी की समय सीमा के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा-मैं इसकी निश्चित समय सीमा से अवगत नहीं हूं, इसके बारे में सेना से पूछ सकते हैं।