December 26, 2024

रतलाम / जैसे भाव होते है, वैसे ही मिलते है परिणाम – दाजी / हार्टफुलनेस पद्धति पर संस्था के अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष का विशेष सत्र / महापुरूषों का सानिध्य मिलना रतलाम का सौभाग्य – विधायक काश्यप

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रतलाम,06अक्टूबर(इ खबर टुडे)। व्यक्ति के जीवन में जैसे भाव होते है, वैसे ही परिणाम मिलते है। गर्भाधान के पूर्व भी यह स्थिति बनती है। तामसिक भाव होंगे तो सात्विक परिणाम नहीं मिलेंगे और सात्विक भाव रखेंगे तो कभी विपरीत परिणाम सामने नहीं आएंगे। ध्यान एकाग्रता का मूल मंत्र है। ध्यान से सारी विषमताओं, जटिलताओं और समस्याओं का समाधान पाया जा सकता है।

यह बात विधायक चेतन्य काश्यप द्वारा विसाजी मेंशन में आयोजित हार्टफुलनेस पद्धति के विशेष सत्र को सम्बोधित करते हुए हार्टफुलनेस संस्था के अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष कमलेश पटेल ‘दाजी’ ने कही। उन्होंने इस मौके पर उपस्थित शहर के प्रबुद्ध एवं गणमान्यजन तथा श्री रामचंद्र मिशन रतलाम केन्द्र के सदस्यों को ध्यान से ईश्वरीय साक्षात्कार की अनुभूति करवाई और सहज मार्ग की हार्टफुलनेस पद्धति के विभिन्न पहलूओं पर विस्तार से प्रकाश डाला। दाजी ने कहा कि हार्टफुलनेस संस्था के देशभर में 15 हजार प्रशिक्षक है। संस्था द्वारा दुनिया के 156 देशो में हजारों केन्द्रों के माध्यम से ध्यान का निःशुल्क प्रशिक्षण दिया जा रहा है। वर्तमान परिप्रेक्ष्य में ऑनलाईन ध्यान का प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है, जो हार्टफुलनेस एप से जुड़कर प्राप्त किया जा सकता है।

दाजी ने कहा कि बचपन में यदि एकाग्रता का प्रशिक्षण दिया जाए, तो वह काफी कारगर रहता है। परिवार में उच्च क्षमता विकसित करने के लिए ध्यान जरूरी है। परिवार के सदस्य जहां एक साथ ध्यान करते है, वहां का माहौल अलग ही होता है। ज्ञान के साथ अनुभव जुड़ जाता है, तो ज्ञान की महत्ता ओर बढ़ जाती है। दाजी ने कहा कि व्यक्ति भगवान को घर में रखता है और बाहर जाकर भूल जाता है। यह कैसी विडम्बना है जो सर्वव्यापी है, उसे हम सीमित क्षेत्र में रखना चाहते है। सनातन परम्परा मंे पहले मंदिर नहीं थे, क्योंकि सभी संतों एवं धर्मज्ञों को पता था कि ईश्वर सभी जगह है, केवल उसे अनुभव करने की आवश्यकता है। यह अनुभव ध्यान आता है।

विशेष सत्र के आरंभ में विधायक चेतन्य काश्यप ने स्वागत भाषण दिया। उन्होंने कहा कि देश और दुनिया में भारतीय परम्परा के साथ आधुनिकता का कैसे समन्वय हो, उसके दाजी ब्रांड एम्बेसेडर है। वे सौभाग्यशाली है कि पूर्वजों के पुण्य फल से उन्हें आचार्य महाप्रज्ञ, सरसंघचालक एवं गुरू गच्छाधिपति श्रीमद् विजय जयन्तसेन सूरीश्वरजी म.सा. का आशीर्वाद मिला। दाजी ने हैदराबाद में अंतर्राष्ट्रीय मुख्यालय कान्हा शांति वनम में विश्व का सबसे बड़ा ध्यान केन्द्र बनाया है, जहां एक लाख लोग एक साथ ध्यान कर सकते है। उनका सानिध्य मिलना रतलाम के लिए सौभाग्य की बात है।

विशेष सत्र में पद्मश्री डॉ. लीला जोशी, महापौर प्रहलाद पटेल, महर्षि पतंजलि संस्कृत संस्थान के महेश बैरागी, निगम अध्यक्ष मनीषा शर्मा, कलेक्टर नरेन्द्र कुमार सुर्यवंशी, एस.पी. अभिषेक तिवारी, सहकारिता आयुक्त संजय गुप्ता, समाजसेवी खुर्शीद अनवर, श्रीरामचन्द्र मिशन के क्षेत्रीय समन्वयक गजेन्द्र गौतम, इंदौर केन्द्र प्रभारी अविनाश कर्माकर, अनुराग मुंदड़ा, उज्जैन केन्द्र प्रभारी संजय खण्डेलवाल उपस्थित रहे। संचालन मनोहर पोरवाल द्वारा किया गया।

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