November 22, 2024

जम्मू-कश्मीर में परिसीमन के खिलाफ दायर सभी याचिकाएं खारिज

नई दिल्ली, 13फरवरी(इ खबर टुडे)।जम्मू और कश्मीर में विधानसभा और लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों के पुनर्निर्धारण के लिए परिसीमन आयोग के गठन के मुद्दे पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सर्वोच्च अदालत ने परिसीमन आयोग के गठन के केंद्र सरकार के फैसले को चुनौती देने वाली सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया।

केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर में विधानसभा और लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों के पुनर्निर्धारण के लिए जम्मू और कश्मीर परिसीमन आयोग केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर में संसदीय और विधानसभा क्षेत्रों की सीमाओं को फिर से परिभाषित करने के लिए भारत सरकार द्वारा गठित एक आयोग है।

आयोग की स्थापना 2002 के परिसीमन अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार की गई थी, जो प्रत्येक जनगणना के बाद निर्वाचन क्षेत्र की सीमाओं के पुनर्निर्धारण को अनिवार्य करता है।नवीनतम जनगणना के पूरा होने के बाद नवंबर 2020 में जम्मू और कश्मीर परिसीमन आयोग का गठन किया गया था।

आयोग की अध्यक्षता सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति रंजना प्रकाश देसाई कर रही हैं, जो भारत के सर्वोच्च न्यायालय की पूर्व न्यायाधीश हैं। आयोग को जम्मू और कश्मीर में संसदीय और विधानसभा क्षेत्रों की सीमाओं को फिर से परिभाषित करने का काम सौंपा गया है, नवीनतम जनसंख्या डेटा को ध्यान में रखते हुए और यह सुनिश्चित करना कि प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र में मतदाताओं की संख्या लगभग समान है।

जम्मू और कश्मीर में परिसीमन: विवादित मुद्दा

जम्मू और कश्मीर में परिसीमन प्रक्रिया अतीत में एक विवादास्पद मुद्दा रही है, विभिन्न समुदायों और राजनीतिक समूहों ने अपने राजनीतिक प्रतिनिधित्व पर निर्वाचन क्षेत्र की सीमाओं के पुनर्निर्धारण के संभावित प्रभाव के बारे में चिंता जताई है।

हालांकि, भारत सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि परिसीमन प्रक्रिया पारदर्शी और निष्पक्ष तरीके से की जाएगी, और यह कि आयोग सभी संबंधित पक्षों के विचारों को ध्यान में रखेगा।

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