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एक साल बाद खुला कुंडली बॉर्डर, वाहन चालकों ने ली राहत की सांस

आ​खिरकार एक साल से भी अ​धिक समय पर कुंडली बॉर्डर खुल गया है। यहां पर एक साल से किसान धरने पर बैठे थे, जिस कारण यह सड़क मार्ग बंद था। इससे दिल्ली से पानीपत जाने वाले वाहन चालकों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था। अब बॉर्डर खुलने के बाद इन लोगों ने राहत की सांस ली है। रविवार को ही पुलिस ने यह बॉर्डर किसानों से खाली करवा लिया और वाहनों के लिए खोल दिया।


जाम से मिली राहत
कुंडली बॉर्डर बंद होने के कारण यहां पर जाम लगता रहता था। पानीपत से दिल्ली जाने वाले वाहन चालकों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता था। यहां से वाहन नहीं गुजर पा रहे थे, जिस कारण वाहन चालकों को ज्यादा दूरी तय करके दिल्ली जाना पड़ता था। यहां पर केवल एक लेन ही खुली थी, जिस कारण जाम लगता रहता था। जाम के कारण वाहनों को यहां से निकलने में काफी समय लग जाता था। अब बॉर्डर खाली होने से दोनों फ्लाईओवर को पूरी तरह से खोल दिया गया है। इस रास्ते से दुकानदार, कारोबारी, उद्योगपति व दैनिक नोकरीपेशा पर जाने वाले लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था। वह इस कारण कई बार इस बॉर्डर को खोलने की मांग भी कर चुके थे।


दो लाख से अ​धिक वाहनों को राहत
कुंडली बॉर्डर खुलने से यहां से गुजरने वाले लगभग दो लाख वाहनों चालकों को राहत मिली है। नेशनल हाइवे नंबर 44 पर ​स्थित कुंडली बॉर्डर पर लगभग 13 महीने से किसान बैठे थे। यहां पर कंकरीट के बैरिगेट्स लगाए गए थे। यहां से अब बैरिगेट्स हटाने का कार्य जोरों पर चल रहा है। इसके अलावा कुछ जगह सड़क जर्जर हो चुकी है, उसे भी ठीक करने का काम चल रहा है। इसके अलावा सफाई भी करवाई जा रही है। वहीं यह रास्ता खुलने से यहां से गुजरने वाले लोगों ने राहत की सांस ली है। इससे राजस्व के साथ-साथ वाहनों का अ​धिक ईंधन जलने से भी नुकसान हो रहा था। लोगों का ज्यादा समय भी खराब हो रहा था।

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