गीता जीवन प्रबंधन का शास्त्र है
गीता फेस्ट 2015 में मुख्यमंत्री श्री चौहान
भोपाल,26 अप्रैल(इ खबरटुडे)। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि श्रीमदभगवद गीता जीवन प्रबंधन का शस्त्र है। गीता जी को केवल पढ़ने नहीं अनुसरण करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि सात्विक कार्यकर्ता ही उत्साहपूर्वक प्रदेश, देश और समाज की सेवा का काम कर सकते हैं। श्री चौहान शनिवार को यहाँ लाल परेड मैदान पर श्री नर्मदे हर सेवा न्यास द्वारा आयोजित गीता फेस्ट 2015 को संबोधित कर रहे थे।
श्री चौहान ने कहा कि गीताजी अहंकार से मुक्त रहना, धैर्य रखना और उत्साहपूर्वक कर्म करना सिखाती है। निष्काम कर्मयोगी बनने के लिए प्रेरित करती है। यह जीवन प्रबंधन का शास्त्र है। जीवन में कोई चीज स्थाई नहीं है । सद्कर्म करें। फल की चिंता के बिना कर्म करे। यदि इस मूल दर्शन को समझ ले तो समाज में अशोभनीय काम होना बंद हो जायेंगे।
सांसद सत्यनारायण जटिया ने गीता दर्शन के महत्व की चर्चा की। विद्वान प्रभु दयाल कृष्ण ने कहा कि गीता वास्तव में मानव जीवन की ज्ञान ज्योति है। सांसद आलोक संजर, गीता दर्शन के विद्वान भगवतशरण माथुर, विश्व सेवा आश्रम के स्वामी समीर ब्रह्मचारी और बड़ी संख्या में धर्मप्रेमी उपस्थित थे। कलकत्ता के स्वामी अमृतानंद ने मुख्यमंत्री को गीता दर्शन पर बनाया गया चित्र सौंपा। अतिथियों को स्मृति-चिन्ह भेंट किये गये।