ईको सिस्टम के लिए जरूरी है जीव से जानवर तक संरक्षण
पक्षी संरक्षण के लिए जनमानस का तैयार होना जरूरी-श्री वानखेडे
रतलाम 8 अप्रैल (इ खबरटुडे)। पक्षी मनुष्य से लगातार दूर होते जा रहे हैं क्योंकि हम पक्षियों के जीवित रहने के लिए आवश्यक प्राकृतिक आहार-विहार के संसाधनों को विनष्ट करते जा रहे हैं। मनुष्य अपनी तात्कालिक आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए जिस तरह का भौतिक संसाधनों की ओर आकर्षित हो रहा है वह निरन्तर प्रकृति से दूर होते हुए ईको सिस्टम को निरन्तर नुकसान पहुंचा रहा है। उक्त विचार एडीएम कैलाश वानखेडे ने आज पक्षी संरक्षण के लिए आयोजित अनौपचारिक बैठक में व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि पक्षी संरक्षण के लिए आमजन का मानस तैयार किया जाना अत्यावश्यक है तभी जीव से जानवर तक को संरक्षित किया जाकर ईको सिस्टम को बचाया जा सकेगा।
बैठक में रतलाम में पक्षियों,पशुओं इत्यादि के संरक्षण के लिए कार्य करने वाली संस्थाओं यथा जीवदया समिति,जीव मैत्रीय परिवार,बर्ड्स वाचिंग ग्रुप,जनशक्ति,अन्नपूर्णा क्षेत्र इत्यादि से जुडे पर्यावरणप्रेमी उपस्थित थे। बैठक में सभी ने श्री वानखेडे के विचारों से सहमति व्यक्त की कि पक्षी संरक्षण के लिए हर व्यक्ति को अपने घर आंगन या छत पर कम से एक-एक अन्न एवं जलपात्र. अवश्य रखना चाहिए।जो पौधे लगे हुए हैं उनका संरक्षण करना चाहिए। ऐसे पौधे लगाए जाना चाहिए जिनको देखभाल की भी आवश्यकता नहीं हों जैसे कि नींम,बबूल,जामुन या अन्य प्रजाति के पौधे कहीं भी लगाए जा सकते है और जिन पर पक्षी आसानी से आश्रय पा सकते हैं। श्री वानखेडे ने कहा कि जिस रमणीय वातावरण में हम बचपन में रहे और जिनका हमने कलरव सुना उन्हें हम अपने बच्चों को विरासत में तभी दे पाएंगे जब हम और आप सभी की सहभागिता से संरक्षण करेंगे अन्यथा भविष्य में यह सब पुस्तकों में ही मिलेगा।
बैठक में एडीएम ने सभी सहभागियों से बदलाव में सहभागिता करने की अपेक्षा की। बैठक में उपस्थित पर्यावरणविद खुशालसिंह पुरोहित, राधावल्लभ खण्डेलवाल, सुरेन्द्र सुरेका, राजेश घोटीकर, प्रकाश लोढा, पंकज कटारिया, शेलेन्द्र गोठवाल एवं रजनीश प्रजापत ने जिले में पक्षी संरक्षण के लिए किए जा रहे कार्यों से अवगत कराते हुए अपने अमूल्य सुझाव भी दिए। इस अवसर पर एसडीएम सुनील झा, सहायक कलेक्टर आर.सतीशकुमार,डिप्टी कलेक्टर विरेन्द्र कटारे,अधीक्षक भूअभिलेख श्रीमती ममता खेडे भी उपस्थित थी।