November 22, 2024

बड़े होने के बाद बच्चे सनातन धर्म को छोड़कर अन्य धर्म को ग्रहण करते है तो माता-पिता को 4 गुना अधिक पीड़ा होती है:पंडित प्रदीप जी मिश्रा

तलाम,28 अप्रैल(इ खबर टुडे)। गुरुवार कनेरी रोड पर प्रख्यात भागवत भूषण, अंतरराष्ट्रीय श्री शिव पुराण कथा वाचक पंडित जी प्रदीप जी मिश्रा के मुखारविंद से रतलाम के पावन धरा पर किया जा रहा है। शिव महापुराण का आयोजन अरविंद पाटीदार स्मृति में रविंद्र कल्याणी पाटीदार परिवार द्वारा किया जा रहा है।

पंडित जी प्रदीप मिश्रा जी के आने के पूर्व ही पांडाल श्रद्धालुओं से पूरा खचाखच भरा हुआ था ऐसा लग रहा था कि जैसे मिनी कुंभ हो पंडित प्रदीप मिश्रा के आते ही सर्वप्रथम महाकाल के चित्र का पूजन किया गया तत्पश्चात एकलिंग जी का पूजन करने के पश्चात व्यास पीठ को व श्रद्धालुओं को प्रणाम करते हुए व्यासपीठ पर आसीन हुए।

आज के मुख्य अतिथि मुख्य अतिथि सांसद कांतिलाल भूरिया रहे। सर्वप्रथम पंडित मिश्रा जी का स्वागत चेतन कश्यप व पाटीदार परिवार द्वारा पोथी पूजन व मिश्रा जी से आशीर्वाद लिया गया।

इसमें समिति के निमिष व्यास,भाजपा महामंत्री प्रदीप उपाध्याय, निर्मल कटारिया, मनोहर पोरवाल आदि उपस्थित रहे। मांगीलाल जैन, ओम अग्रवाल द्वारा पगड़ी पहनाकर शॉल देकर पंडित जी का सम्मान किया गया। मुख्य अतिथि कांतिलाल भूरिया के साथ रतलाम शहर कांग्रेस अध्यक्ष। महेंद्र कटारिया रहे।

पंडित प्रदीप मिश्रा ने छठे दिन प्रवचन में कहा कि सारी समस्याओं का हल एक लोटा जल। तुम्हारी दृष्टि सही हो जाएगी तो सब समस्या है खत्म हो जाएगी। अपनी दृष्टि को बदलो कभी तुम शिव, कभी लक्ष्मी ,कभी राम, कभी कृष्ण के पीछे भागते हो जब राम में तुम्हें शिव दिखने लगे तो समझ लेना कि तुम्हारी दृष्टि सही हो गई है।

जब संतान को माता-पिता बड़ा करते हैं और बड़े होने के बाद बच्चे सनातन धर्म को छोड़कर अन्य धर्म को ग्रहण करता है तो माता-पिता को 4 गुना अधिक पीड़ा होती है अच्छे घर की बेटियां को दूसरे लोग बहला-फुसलाकर ले जाते हैं इसीलिए आज पंडित प्रदीप मिश्रा जी द्वारा कथा में लड़कियों को शपथ दिलाई गई की तुम कभी भी अन्य धर्मो में शादी नहीं करोगी तुम सनातन धर्मी से ही शादी करोगी। सीधा हाथ बढ़ाकर सभी लड़कियों ने शपथ ली और पंडित जी ने कहा कि मैं तुम्हारा भाई हूं हमेशा तुम्हारे साथ रहूंगा परंतु सनातन धर्म को छोड़कर तुमको कभी नहीं जाना है।

पंडित जी ने प्रयोग बताते हुए बताया कि काले तिल शमी पत्र और बेलपत्र को सबसे पहले शिवलिंग पर काले तिल चढ़ाएं शमी पत्र चढ़ाए और बेलपत्र चलाएं और शिवलिंग की आसपास पिला दे और हाटकेश्वर भगवान का नाम लेकर वापस उठा ले और लेकर आ जाए। दो दो दाने काले तिल के खाए हाथ कांपने की समस्या की समस्या कुछ दिनों में समाप्त हो जाएगी और डॉक्टरों के चक्कर छूट जाएंगे डॉक्टरों के चक्कर में नहीं पड़े स्वयं डॉक्टर स्वयं का बने। इसी तरह दूसरा प्रयोग बताते हुए बताया कि बेलपत्र के पेड़ के नीचे ब्राह्मण को खीर का भोजन कराएं और वह नहीं करा सके।

शाम को दिया लगाएं उससे लक्ष्मी का वास प्रारंभ हो जाएगा। किसी भी पेड़ के नीचे बिल पत्र हो चाहे आंवले का हो चाहे पीपल का हो उसके नीचे भगवान शिव का स्मरण करते हुए जल चढ़ा दो भगवान शिव स्वीकार कर लेंगे वैशाख महीने की शिवरात्रि पर बेलपत्र और एक लोटा जल शिवलिंग पर जरूर चलाएं। शिव महापुराण में। जो भी सेवा कर रहा है। या किसी भी रूप में सेवा की है। उसके 3 महीने में काम जरूर हो जाएंगे।

अंत में आरती रविंद्र पाटीदार कल्याणी पाटीदार द्वारा की गई। इसमें रविंद्र पाटीदार , कल्याणी पाटीदार , निमिष व्यास, अशोक पोरवाल, प्रदीप उपाध्याय ,अनिल झालानी, जनक नागल, जगदीश पहलवान, सतीश राठौड़, राजकुमार धबाई, जितेंद्र परमार, नरेन्द्र सिंह चौहान, मनोज सेन, शांतिलाल गोयल, सुभाष कुमावत, श्रीमती मंगला देवडा, श्रीमती सोना शर्मा, प्रकाश कुमावत आदि समिति सदस्य उपस्थित थे।

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