पंजे को दिक्कत-कहां से लाए बडे नेता
निगम चुनाव काउण्ट डाउन-7 दिन शेष
इ खबरटुडे / 21 नवंबर
शहर सरकार के चुनाव में अब केवल सात दिन बचे है। इन सात दिनों में से आखरी के दो दिन प्रचार बन्द रहेगा। इस तरह प्रचार के लिए कुल मिलाकर मात्र पांच दिन उपलब्ध है। फूल छाप पार्टी के तो कई सारे बडे नेता एक के बाद एक प्रचार करने रतलाम आ रहे है। लेकिन पंजाछाप पार्टी को भारी दिक्कत है। पंजा छाप पार्टी ककी दिक्कत यह है कि वे बडे नेता कहां से लाएं? स्थानीय स्तर पर बैंक कालोनी वाले बडे नेताजी को तो पंजा छाप पार्टी ने पहले ही दूर कर रखा है। रामभवन के भैय्या सा. का न तो स्वास्थ्य ठीक है और ना ही प्रत्याशी की टीम उन्हे बुलाना चाहती है। पंजा छाप के एक और बडे नेता,जो पिछले कार्यकाल तक सांसद थे,वे फार्म भरवाने तो आए थे,लेकिन बाद में पंजा छाप वालों की समझ में आया कि अगर ये नेता जी प्रचार में साथ रहे तो वोट मिलने की बजाय कटने लगेंगे। नतीजतन पूर्व सांसद महोदय को भी रवाना कर दिया गया। प्रदेश स्तर के बडे नेताओं की स्थिति भी बेहद दयनीय है। दिग्गी राजा को इसलिए नहीं बुला सकते कि उनके आने से स्थितियां और भी खराब हो सकती है। इसके अलावा कोई बडा नेता नजर नहीं आ रहा है। पंजा छाप वाले पुराने फिल्म स्टार गोविन्दा को लाने की जुगाड लगा रहे है जिससे कि थोडा माहौल बन सके। वरना अब तक तो प्रचार का पूरा जिम्मा खुद प्रत्याशी के ही कन्धों पर है।
असर दिखा रहे हैं पुराने पाप
नगर निगम के इस चुनाव की एक खासियत यह भी है कि पिछला चुनाव जीते अधिकांश लोगों को अपने मुंह छुपाने पड रहे है। पिछला चुनाव जीते अधिकांश समझदार नेताओं ने अपने वार्ड बदल लिए है ताकि उन्हे पुराने मतदाताओं को अपना मुंह ना दिखाना पडे। लेकिन शहर के मतदाता और भी ज्यादा समझदार है। मतदाता अपने पुराने पार्षद के नए वार्ड में जाकर वहां के मतदाताओं को समझा रहे है कि नेताजी का पिछला कार्यकाल कैसा रहा है? फूल छाप पार्टी की एक चर्चित महिला नेता का पिछला क्षेत्र इस परिसीमन में बदल चुका है। इसलिए ये महिला नेता पहले निश्चिंत थी। लेकिन पुराने क्षेत्र के मतदाता नए इलाकों में जा पंहुचे। उन्होने नए वोटरों को समझाया कि महिला नेताजी सिर्फ झांकीबाजी करती है,काम नहीं। इसी तरह के किस्से शहर के कई इलाकों में हो चुके है। मतदाताओं की ये समझदारी क्या गुल खिलाएगी ये चार दिसम्बर को पता चलेगा।