December 24, 2024

मंगलनाथ मंदिर की गडबडी में संयुक्त कलेक्टर सोंलंकी उलझे,कलेक्टर ने सोलंकी के विरूद्ध विभागीय जांच संस्थापित करने के लिए संभागायुक्त को पत्र लिखा

उज्जैन,28 जुलाई (इ खबरटुडे)। मंगलनाथ मंदिर में हुई आर्थिक गड़बडी को लेकर घटिट्या तहसील के तत्कालीन एसडीएम और संयुक्त कलेक्टर आरएस सोलंकी उलझते नजर आ रहे हैं। मंदिर के व्यवस्थापक पूर्व में ही इस मामले में पकडे जा चुके हैं और जेल तक की हवा खा चुके हैं।यहां तक की मंदिर के एक पुजारी पर भी प्रतिबंध लगाया जा चुका है।कलेक्टर मनीष सिंह ने तत्कालीन अनुविभागीय अधिकारी घट्टिया एवं मंगलनाथ मन्दिर प्रबंध समिति के अध्यक्ष संयुक्त कलेक्टर एसआर सोलंकी के विरूद्ध मंगलनाथ मन्दिर में हुई अव्यवस्थाओं एवं अनियमितताओं को लेकर विभागीय जांच संस्थापित करने हेतु संभागायुक्त को पत्र लिखा है।

कलेक्टर ने संभागायुक्त को अवगत कराया है कि मंगलनाथ मन्दिर में की गई अनियमितता की शिकायतों को लेकर जांच में अनियमितता पाई गई थी तथा इसी के मद्देनजर एसआर सोलंकी को कारण सोलंकी को कारण बताओ सूचना-पत्र जारी किया गया था। उनके द्वारा सूचना-पत्र का उत्तर समाधानकारक नहीं दिया गया है, अत: विभागीय जांच संस्थापित करना आवश्यक है।उल्लेखनीय है कि कलेक्टर के निर्देश पर मंगलनाथ मन्दिर में अव्यवस्था एवं अनियमितता को लेकर प्राप्त शिकायतों की मौके पर जांच की गई। जांच में पाया गया कि मन्दिर में दान में प्राप्त आभूषणों का रजिस्टर वर्ष 2014 से अद्यतन नहीं है, जबकि अलमारी से आभूषण पाये गये। दानपेटी से प्राप्त राशियों की गिनती पंचनामों में आभूषणों के प्राप्त होने का वर्णन पाया गया है, जिससे मन्दिर के दस्तावेजों का निरीक्षण न करना व दान में प्राप्त आभूषणों का सही रख-रखाव न होना पाया गया है। इसी तरह पूर्व प्रशासक त्रिलोक विजय सक्सेना के पास 132850 रूपये की नगद राशि पाई गई। यह राशि कहां से आई, इसका जवाब श्री सक्सेना द्वारा संतोषप्रद न देना पाया गया। साथ ही एसडीएम श्री सोलंकी द्वारा प्रशासक श्री नरेन्द्र राठौर को बदनियती से हटाने का आदेशजारी किया गया और फिर जारी आदेश को निरस्त कर दिया गया, जिससे उनकी कार्यशैली पर प्रश्नचिन्ह लगा है। इसी तरह मंगलनाथ मन्दिर के सामने स्थित शासकीय भूमि पर अवैध रूप से 6 से 10 दुकानें निर्मित की गई एवं इन दुकानों को प्रबंधक सक्सेना द्वारा कम राशि में रसीदें काटकर ज्यादा किराया वसूला जाता रहा। अवैध रूप से बनी दुकानों पर कोई कार्यवाही नहीं की जाना इस ओर इंगित करता रहा है कि उक्त कार्य तत्कालीन एसडीएम के संरक्षण में किया गया। उक्त सभी आधार को मद्देनजर रखते हुए कलेक्टर द्वारा संयुक्त कलेक्टर के विरूद्ध विभागीय जांच संस्थापित करने का पत्र संभागायुक्त को भेजा गया है।

You may have missed

Here can be your custom HTML or Shortcode

This will close in 20 seconds