मरीजों से अच्छा व्यवहार करें, स्वास्थ्य सेवा प्रदाता – कलेक्टर
राष्ट्रीय स्विच दिवस 25 अप्रैल को
रतलाम 21 अप्रैल(इ खबरटुडे)।कलेक्टर बी.चन्द्रशेखर ने निर्देशित किया हैं कि स्वास्थ्य सेवा प्रदाता अस्पताल में आने वाले व्यक्तियों एवं मरीजों से अच्छा व्यवहार करें। वर्तमान में स्वास्थ कर्मियों के द्वारा दुव्र्यवाहर के कारण हितग्राहियों को निजी संस्थाओं की ओर अग्रसर होना पड़ता है। इसमें पर्याप्त सुधार किये जाने की आवश्यकता हैं।
आज जिला टास्क फोर्स पोलियो टीकाकरण अभियान के संबंध में बैठक का आयोजन जिला प्रशिक्षण केन्द्र विरियाखेड़ी पर कलेक्टर की अध्यक्षता में किया गया।कलेक्टर ने बैठक को सम्बोधित करते हुए निजी चिकित्सालयों से आये शिशु रोग विशेषज्ञों से रोटा वेक्सिन और न्यूमोकोकल वेक्सिन की स्थिति के बारे में विस्तार से चर्चा की। कलेक्टर ने शासकीय चिकित्सालयों में रोटा वेक्सिन की शुरूआत के विषय में संज्ञान लिया।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के द्वारा बताया गया कि शासन स्तर पर रेाटा वेक्सिन शासकीय चिकित्सालयों में उपलब्ध कराने की प्रक्रिया प्रचलन में है। निर्देश एवं वेक्सिन आने पर हितग्राहियों को सेवा दी जा सकेगी।
कलेक्टर ने कहा कि वर्तमान में शहरी क्षेत्र में लगभग पाॅच प्रतिशत बच्चांे का टीकाकरण निजी चिकित्सालयों में होता है। शासकीय चिकित्सालयों में हितग्राहियों को शत्-प्रतिशत सेवा मिलना चाहिए। इसके लिये कर्मचारियों के द्वारा आगंतुको से अच्छा व्यवहार एवं समयानुकूल सेवाएॅ दी जाने की आवश्यकता है।कलेक्टर ने निर्देशित किया कि निजी स्टाफिस्ट एवं निजी चिकित्सालयों में 24 अप्रैल 2016 के बाद ट्रायवेलेंट वेक्सिन का एक भी टीका नहीं मिलना चाहिए।
बैठक को सम्बोधित करते हुए मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. वंदना खरे ने बताया कि वर्तमान में बच्चों को पोलियो की दो बुंद दवा एवं पोलियो से बचाव हेतु इंजेक्शन लगवाये जा रहे है। वर्तमान में उपयोग आने वाला वेक्सिन, पोलियों ट्रायवेलेंट वेक्सिन है। दिनांक 24 अप्रैल 2016 के बाद पोलियो ट्रायवेलेंट वेक्सिन का उपयोग बंद कर दिया जायेगा। इसके बाद 25 अप्रैल 2016 से पोलियो बायवेलेंट वेक्सिन उपयोग में लाया जायेगा। इस प्रक्रिया को ‘‘स्विच’’ का नाम दिया गया है।
27 मार्च 2014 को भारत को पोलियो मुक्त प्रमाणित
ज्ञातव्य हैं कि रतलाम जिले में कुल 27 कोल्ड चेन फोकल पाईंट है। जिला स्तर पर ट्रायवेलेंट पोलियो वेक्सिन की उपलब्धता शुन्य है किन्तु विकासखण्ड स्तर एवं क्षेत्र में ट्रायवेलेंट पोलियो के चार हजार 140 डोस उपलब्ध है। यह सभी वेक्सिन दिनंाक 24 अप्रैल तक राज्य स्तर पर वापस लौटा दिये जायेगे। आसपास के कुछ देशों में पोलियो के कतिपय मामले सामने आये है। जब तक विश्व में पोलियो का एक भी केस मौजूद हैं। हमारे बच्चों पर पोलियो का खतरा मडराता रहेगा। यद्यपि भारत में पोलियो का अंतिम केस जनवरी 2011 में हावड़ा पश्चिम बंगाल में पाया गया तथा 27 मार्च 2014 को भारत को पोलियो मुक्त प्रमाणित किया गया। शिशुओं को जानलेवा बिमारियों से सुरक्षा प्रदान करने के लिये सम्पूर्ण टीकाकरण एक प्रभावी उपाय है।
जिला टीकाकरण अधिकारी डाॅ.वर्षा कुरील ने बताया कि एक अनुमान के अनुसार वर्ष 2020 में ओरल पोलियो वेक्सिन का उपयोग बंद हो जायेगा और केवल इंजेक्टेवल पोलियो वेक्सिन ही उपयोग में आयेगा।
बैठक में जिला स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. राजलवाल, डाॅ. गौड़, डब्ल्यु.एच.ओ.कन्सलटेंट, डाॅ .प्रमोद झारे, विभिन्न विकासखण्ड चिकित्सा अधिकारी, निजी चिकित्सालयों के शिशु रोग विशेषज्ञ आदि उपस्थित रहें।